Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

जानते है

सुखन सराई कर्ब-ज़ा है रवाँ² जानते हैं
हम ज़माने से सबकुछ अयाँ जानते हैं

राह-ए-हक़ पर सबको चलना अकेले हि
साथ देगा न कोई राज़-ए-निहाँ जानते हैं

मुझसे इश्क है तो गले लग इजहार करो
यार शायर है हर ख़ामोश ज़बाँ जानते हैं

मिल भी जाओगी फिर भी बदलेगा नइ कुछ
इश्क में सावन संग फ़स्ल-ए-ख़िज़ाँ जानते है

दावा करते रब्बुल-अर्बाब को भी समझने का
पर हम यहाँ ठीक से ख़ुद को भी कहाँ जानते हैं

युहीं नहीं शराब सिगरेट छोड़ अज़ाब पे आ गए
कुनू इश्क से ख़ारिज हो अब हर निशाँ जानते हैं

151 Views

You may also like these posts

জয় হনুমান জয় হনুমান
জয় হনুমান জয় হনুমান
Arghyadeep Chakraborty
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
Rituraj shivem verma
टूटता तारा
टूटता तारा
C S Santoshi
हवा तो आज़ भी नहीं मिल रही है
हवा तो आज़ भी नहीं मिल रही है
Sonam Puneet Dubey
*सदा सत्य शिव हैं*
*सदा सत्य शिव हैं*
Rambali Mishra
सत्य मंथन
सत्य मंथन
मनोज कर्ण
मैं मजदूर हूँ
मैं मजदूर हूँ
Kanchan verma
हनुमान वंदना त्रिभंगी छंद
हनुमान वंदना त्रिभंगी छंद
guru saxena
उसने आंखों में
उसने आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
*एक सीध में चलता जीवन, सोचो यह किसने पाया है (राधेश्यामी छंद
*एक सीध में चलता जीवन, सोचो यह किसने पाया है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
सपनों को दिल में लिए,
सपनों को दिल में लिए,
Yogendra Chaturwedi
सच्चा प्यार तो मेरा मोबाइल अपने चार्जर से करता है एक दिन भी
सच्चा प्यार तो मेरा मोबाइल अपने चार्जर से करता है एक दिन भी
Ranjeet kumar patre
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
ruby kumari
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
Phool gufran
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
कल आज और कल
कल आज और कल
Mahender Singh
आदमी कुछ अलग से हैं
आदमी कुछ अलग से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*आशाओं के दीप*
*आशाओं के दीप*
Harminder Kaur
"अन्तरात्मा की पथिक "मैं"
शोभा कुमारी
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
'प्रभात वर्णन'
'प्रभात वर्णन'
Godambari Negi
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सच ही सच
सच ही सच
Neeraj Agarwal
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मम्मी की खीर
मम्मी की खीर
अरशद रसूल बदायूंनी
रस का सम्बन्ध विचार से
रस का सम्बन्ध विचार से
कवि रमेशराज
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
हक जता संकू
हक जता संकू
RAMESH Kumar
कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,
कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधूरा घर
अधूरा घर
Kanchan Khanna
Loading...