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9 Feb 2024 · 1 min read

हिन्दी दोहा बिषय-ठसक

हिन्दी दोहा विषय – ठसक*

आज दशहरा पर सुनो , अन्यायी परिणाम |
रावण की #राना ठसक , नष्ट किए प्रभु राम ||

ठसक नहीं #राना रखो , जिसमें हो अभिमान |
रावण जैसी आपको , बुरी मिले पहचान ||

ठसक यहाँ किस बात की , जाना खाली हाथ |
यहाँ कर्म का फल सदा , #राना रहता साथ ||

ठसक जहाँ गुमराह हो , होता है नुकसान |
कह सकते #राना यहाँ , डूबे सब अभिमान ||

ठसक ठहरकर दे सदा , #राना गहरी चोट |
चंगुल में यह फाँसकर , मन में लाती खोट ||

कंस हुआ रावण हुआ , देखो इनकी ओर |
ठसक गई #राना कहे , ले बदनामी शोर ||

एक हास्य दोहा –

धना ठसक दिखला रहीं , #राना रहा निहार |
नैनों से वह पूछती , कैसा है शृंगार || 😇🙋
***
✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़*
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

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