मुक्तक
उस दौर में सुनते हैं के घर-घर में बसी थी,
इस दौर में हम शर्मो-हया ढूँढ रहे हैं।
वैसे तो पाक दामनी सबको पसंद है,
फिर आप क्यों औरत में अदा ढूँढ रहे हैं।
उस दौर में सुनते हैं के घर-घर में बसी थी,
इस दौर में हम शर्मो-हया ढूँढ रहे हैं।
वैसे तो पाक दामनी सबको पसंद है,
फिर आप क्यों औरत में अदा ढूँढ रहे हैं।