चलती है उलटीं रित इस जहां में,
चलती है उलटीं रित इस जहां में,
चरित्र हीन को माॅडर्न और
चरित्र वान को बेवकूफ़
कहां जाता है
झूठ यहां सच होता और
सच झूठ
न जाने किस जहां में
पनाह लिए है हम
चलती है उलटीं रित इस जहां में,
चरित्र हीन को माॅडर्न और
चरित्र वान को बेवकूफ़
कहां जाता है
झूठ यहां सच होता और
सच झूठ
न जाने किस जहां में
पनाह लिए है हम