Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2024 · 2 min read

नववर्ष : स्वागत और विदाई

आइए हंसी खुशी
विदा हो रहे दो हजार तेईस से
न ईर्ष्या द्वेष नफरत करें
न कोई शिकवा शिकायत करें,
जो बीत गया उसे लौटा नहीं सकते
और न ही बीते दिनों में लौटकर
कुछ भी अच्छा या खराब कर ही सकते हैं।
फिर जाते हुए मेहमान से
दुःखी होकर भी क्या पा सकते हैं?
बीती बातों को बिसार दो
जितने उत्साह से नववर्ष के स्वागत में
पलक पाँवड़े बिछा रहे हो
उतने ही उत्साह से जाते हुए वर्ष को विदा भी करो।
आखिर तीन सौ पैंसठ दिन उसनें भी तो
जैसे भी हो साथ निभाया तो है
वादा इतने ही दिन साथ निभाने का था
जिसे ईमानदारी से निभाया भी है,
अब जा रहा हो, फिर लौटकर नहीं आयेगा
हमारी स्मृतियों से निकल भी नहीं पायेगा
पर हमसे हमेशा के लिए दूर हो जायेगा।
लेकिन साथ निभाने के लिए
हमें अपना भाई दो हजार चौबीस
फिर भी सौंप ही जायेगा।
दो हजार चौबीस का खुले मन से
स्वागत, वंदन, अभिनंदन कीजिए,
तेईस की खीझ न चौबीस पर निकालिए,
तेईस जैसा भी था अब जा ही रहा है
चौबीस अपनी नयी ऊर्जा के साथ
तीन सौ छासठ दिन के लिए आ ही रहा है।
बस थोड़ा संयम रखिए
अपना रवैया बदलिए,
दोष लगाने से अच्छा है
पहले खुद में भी झांक लीजिए।
उत्साह उमंग या अतिरेक से बचकर रहिए।
अपना और अपनों के साथ साथ
समाज, राष्ट्र और संसार का भी
थोड़ा थोड़ा ही सही ख्याल भी करें।
संयम, सद्भाव, सदाचार, प्रसन्नता संग
जाने वाले को विदा करें कीजिए
आने वाले का स्वागत कीजिए ।
दो हजार तेईस तुझे विदा देते हैं
तुम्हारे जाने से मन बहुत भावुक हो रहा है
मगर आना जाना तो संसार की रीति है
दो हजार बाइस गया था तब तुम आये थे
अब तुम जा रहे हो तभी तो
हम दो हजार चौबीस के स्वागत में
फूल माला लिए सबके संग खड़े हैं।
नववर्ष के साथ सुखद यात्रा की आस लिए हैं
विदाई और स्वागत का एक साथ
नव अनुभव महसूस कर रहे हैं।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.

Language: Hindi
161 Views

You may also like these posts

आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
Raju Gajbhiye
ऐसा घर चाहिए......
ऐसा घर चाहिए......
Jyoti Roshni
भरोसा खुद पर
भरोसा खुद पर
Mukesh Kumar Sonkar
भारतीय संविधान ने कहा-
भारतीय संविधान ने कहा-
Indu Singh
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
Sonam Puneet Dubey
4314💐 *पूर्णिका* 💐
4314💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
साथ उसके इक शाम गुजरी बड़ी शिद्दत से,
साथ उसके इक शाम गुजरी बड़ी शिद्दत से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सपने ना बंद आँखो में है ,
सपने ना बंद आँखो में है ,
Manisha Wandhare
बेमेल शादी!
बेमेल शादी!
कविता झा ‘गीत’
.......शेखर सिंह
.......शेखर सिंह
शेखर सिंह
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
" मैं "
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप
Er.Navaneet R Shandily
विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
विश्वपर्यावरण दिवस पर -दोहे
डॉक्टर रागिनी
गुरु महिमा
गुरु महिमा
Rambali Mishra
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
हम तो हैं इंसान के साथ
हम तो हैं इंसान के साथ
Shekhar Chandra Mitra
जो पास है
जो पास है
Shriyansh Gupta
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
©️ दामिनी नारायण सिंह
तेरी हँसी
तेरी हँसी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
अफ़सोस न करो
अफ़सोस न करो
Dr fauzia Naseem shad
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
ruby kumari
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
माँ तेरे रूप अनेक
माँ तेरे रूप अनेक
Neerja Sharma
सपना बुझाला जहान
सपना बुझाला जहान
आकाश महेशपुरी
पावन सच्चे प्यार का,
पावन सच्चे प्यार का,
sushil sarna
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
Loading...