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10 May 2024 · 1 min read

कीमती समय

चला गया जो समय लौटकर,
वापस कभी नहीं आता
सदा समय को खोने वाला,
कर मल-मलकर पछताता ।

जिसने इसे न माना
उसको भी इसने ठुकराया
लाख प्रयत्न करने पर भी
हाथ कभी न उसके आया।

हो जाता है एक घड़ी के लिए
जीवन भर का रोना,
समय बहुत ही मूल्यवान है,
व्यर्थ कभी मत खोना।

© अभिषेक पाण्डेय अभि

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