Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
27 Jan 2024 · 1 min read

बड़ी मीठी थी

छोटा था तो मम्मी ने
भूख नही लगी कहने पे
आटे सने हुए हाथ से
प्यार से थप्पड़ मारा था
वो मार बड़ी मीठी थी ।
अपनी उदारता से फलीभूत
फल गिरा था धरा पर
अंत था उसका मगर
बीज का प्रारंभ था
वो हार बड़ी मीठी थी।
नए पथ का नाप लेने
पथ पुराना त्यागकर के
अंत की पुकार सुनकर
श्वास छोड़ मोक्ष पाया
वो पुकार बड़ी मीठी थी।

© अभिषेक पाण्डेय अभि

Loading...