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9 May 2024 · 1 min read

क्यो तू रोता इस नश्वर संसार में ..

क्यो तू रोता ?
इस नश्वर संसार में,

हाड़ मांस का पुतला है तू,
खुद नहीं किसी के काम का,
खाक एक दिन हो जाएगा,
राख बचेगी पहचान है ये।

क्यो तू रोता ?
इस नश्वर संसार में,

अमर अजर है पुण्य कर्म तेरे,
भज ले नाम अपने श्याम का,
तेरी करनी तुझे है मिलनी,
जैसी करनी वैसी भरनी।

क्यो तू रोता ?
इस नश्वर संसार में,

ना कोई जग मे कुछ ले कर आया,
ना कुछ लेकर जाएगा,
उड़ जाएगा पंछी एक दिन,
तोड़ ये पिंजरा संसार से।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

3 Likes · 107 Views
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