मर्कट दोहा
मर्कट दोहा
17 गुरु 14 लघु
सृजन शब्द -दीप
दीप जलाओ प्रेम के,जग-मग हो संसार।
भेदभाव को त्याग दो, बांटो सब में प्यार ।।
दीप जलाऊँ ज्ञान का,मन में हो उजियार।
शिक्षा का प्रभु दान दो, होगा ये उपकार ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’
मर्कट दोहा
17 गुरु 14 लघु
सृजन शब्द -दीप
दीप जलाओ प्रेम के,जग-मग हो संसार।
भेदभाव को त्याग दो, बांटो सब में प्यार ।।
दीप जलाऊँ ज्ञान का,मन में हो उजियार।
शिक्षा का प्रभु दान दो, होगा ये उपकार ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’