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12 Sep 2018 · 1 min read

मुक्तक

सोचा ना था मैंने यारो मौसम ये छल जाएगा,
सावन-भादों की बारिश में घर मेरा जल जाएगा,
रंजोग़म की लम्बी रातें इतना मत इतराओ तुम,
निकलेगा कल सुख का सूरज अंधियारा टल जाएगा।

Language: Hindi
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