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7 Jan 2024 · 1 min read

रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है

रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
ये दिमाग़ जब भी दिल की सुनता है तो रो देता है….. !

खामखा में नहीं पालिए मोहब्बत के वहम दिल में……
किसी को पाने की चाहत में बंदा खुद को खो देता है!!

✍️Kavi deepak saral

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