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15 Aug 2024 · 1 min read

ये कैसी आज़ादी

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तो हमने बेटी पढ़ाई
पर वो बेटी है लड़की ये बात समझा ना पाई
समझा न पाई कि…
बाँध कर रखना छाती को दुपट्टे से कस कर
ढीले कुर्ते में छुपाना जो उभरी जवानी उकस कर
न बातें करना मर्दों से कभी भी हंस हंस कर
जाने कब निकल जाएँगे वो डस कर
समझा न पाई कि…
छू लेगा अंगों को कोई भी आते जाते मौक़ा पाते
सब देखेंगे पर मुँह न खोलेंगे वे आवाज कहाँ उठाते
वो बोलेंगे पर पहले तुमको तिल तिल मरना होगा
आँख मुँह योनी से खून निकले तब सड़कों पर धरना होगा
समझा न पाई कि…
मर कर भी यहाँ कहाँ इंसाफ़ मिलता है
निर्भया1 के बाद निर्भया 2 का सीजन चलता है
साइको,सुइसाइड नित नया एपिसोड निकलता है
बस माँ बाप का कलेजा छलनी छलनी होता है

७८ साल की ये कैसी आज़ादी मना रहें हैं हम
रेप करने वाले को ही आज़ाद करा रहें हैं हम

#rgkarincident

Language: Hindi
2 Likes · 114 Views

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