जीवन भर भटकता रहा मंजिलों की तलाश में,

जीवन भर भटकता रहा मंजिलों की तलाश में,
शमशान आया है तो पता चला यही तो आना है सबको लास्ट में।
✍️✍️✍️
अभिलेश श्रीभारती(सामाजिक शोधकर्ता, विश्लेषक, लेखक )
जीवन भर भटकता रहा मंजिलों की तलाश में,
शमशान आया है तो पता चला यही तो आना है सबको लास्ट में।
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अभिलेश श्रीभारती(सामाजिक शोधकर्ता, विश्लेषक, लेखक )