Arun Prasad Tag: कविता 342 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read मैं स्त्री हूँ ----------------------------------------------------- मैं स्त्री हूँ। मुझे पाकीज़गी से देखिये। शयनकक्ष में पराजित औरत की तरह नहीं। मुझे पवित्रता के साथ कीजिये नमन। मैं हूँ लक्ष्मी,सरस्वती,दुर्गा की प्रतिनिधि नार। हर युग में... Hindi · कविता 2 1 216 Share Arun Prasad 7 Sep 2021 · 2 min read व्यक्त करने हैं व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 1 224 Share Arun Prasad 8 Sep 2021 · 1 min read हे, कृष्ण --------------------------------------------------------- हे कृष्ण,तुम्हारे ग्रन्थों ने तुझे चाणक्य बना दिया। जीवन में आदमी से ईश्वर का मानक बना दिया। गौ-चरवाहे से चतुर्भुज विष्णु का अवतार बनकर। मानव-धर्म को धरती पर तूने... Hindi · कविता 1 2 185 Share Arun Prasad 9 Sep 2021 · 1 min read बहुत दुःखित है दुनिया दुःख कोई कम कर देता बहुत दुःखित है दुनिया दुःख कोई कम कर देता। इस युग के समुद्र–मंथन का विष कोई पाी लेता। सेंक रहा है किन्तु‚ वह कैलाश के हिम में देह। वह होता... Hindi · कविता 1 188 Share Arun Prasad 10 Sep 2021 · 10 min read प्रादुर्भाव सृष्टि का प्रादुर्भाव सृष्टि का --------------आदि का अंत,अंत का होना तथा नवीन ------------------------------------------------------------------------------------ निविड़ तम व प्रकाश प्रतिद्वन्दि कहीं क्या था द्वंद का अंत! कुक्षि में इनके जाने कौन मौन सा पड़ा... Hindi · कविता 1 484 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 2 min read क्यों! रणातुर रहा -------------------------------------------------------------- जिन्दगी मुझसे और मैं जिन्दगी से लड़ने को सज्ज था। सारा विश्व मुझे पराजित होता देखता खड़ा निर्लज्ज था। व्यक्ति मैं अकेला समूह के विरुद्ध सिर्फ रण का प्रण... Hindi · कविता 1 200 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read मेरा गुरु ******************************************* मेरी चेतना जब कण से बना पर्वत तब पर्वत पिघलकर बना मेरा गुरु। मैं हुआ शुरू। सूरज के प्रकाश में भागना है और कि कैसा और क्या होता है... Hindi · कविता 1 302 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 2 min read करो विद्रोह भीषण गर्भ धरती का न सोने दो करो विद्रोह भीषण गर्भ धरती का न सोने दो। कफन को छीन लो इससे तथा नभ को न रोने दो। उठेगा बुलबुला सागर का छाती और उबलेगा। इसे अन्त्ज्य होने... Hindi · कविता 1 327 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read सरहद से आती आवाज -------------------------------------------------- मत हो उदास मेरे भाई,मत भर कोरों में पानी। लहू में उत्ताल तरँगें, नस में है अमिट जवानी। सिर लाल कफन से बाँधा,सीमा पर दागा गोली। मैं हुआ शहीद... Hindi · कविता 1 185 Share Arun Prasad 30 Sep 2021 · 2 min read आदत है हमें गरीबी की ---------------------------- आदत है हमें गरीबी की। जाड़ों में पानी और गर्मियों में,धूप ओढ़ने की। बरसात के दिनों में चुतिया सा चूते छत में भींगने की। तमाम अमीरी को नपुंसक गालियों... Hindi · कविता 1 179 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read दुश्मन दुश्मन मित्र से बड़ा कौन होगा? मेरे राह में बनके रोड़ा सिवा इसके खड़ा कौन होगा? मेरे मिशन से मुझे स्खलित करने हेतु अपने आप से लड़ा कौन होगा? गुलेल... Hindi · कविता 1 182 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read आग्रह बरगद से उष्ण आदित्य के तीक्ष्ण ताप में बिलबिलाते हुए समुद्र से मत कहो कि बड़ा शीतल है तुम्हारा छाँव। कर्मयोगी का योग न करो भंग। शुष्क पवन के तेज प्यास में... Hindi · कविता 1 2 161 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारे लिए रात पीयूष वर्षा हुई देर तक। चाँद पूनम का ठहरा रहा देर तक। तुम्हारे लिए बस तुम्हारे लिए। कन्दरा का अँधेरा क्यों रास आ गया? और अँधा सबेरा क्यों रास... Hindi · कविता 1 2 156 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read जीने के पूर्व मैंने पुस्तक पढ़ा‚ पुस्तक पढ़कर जिन्दगी जीना चाहा। कोई स्द्धिान्त‚कोई आदर्श अपनाना चाहा। जैसा लिखा वैसा जीना चाहा। सारा कुछ साबित हुआ सिर्फ शब्द या अक्षर। सारे अर्थ बदले हुए।... Hindi · कविता 1 2 174 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 3 min read लड़की होना जन्म के साथ ही सिलसिला दुव्र्यवहार का हो जाता है शुरू। पहले तो आत्मा कुंठित करने का होता है अभ्यास। फिर उघारा जाता है देह में मेरे लड़की का श्वास–प्रश्वास।... Hindi · कविता 1 1 383 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read मजदूर दिवस कुछ रैलियाँ‚कुछ विचार गोष्ठियाँ‚सभाएँ की जाएँगी जगह – जगह। ‘दुनिया के मजदूर एक हो’ के नारे से आकाश गुँजाये जायेंगे‚ जगह – जगह। आक्रोश शब्दों में भरकर लोगों में बाँटे... Hindi · कविता 1 1 180 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read आरोप ब्रह्मत्व का तराशे बेढँगे पत्थर। मुक्ता‚ मणि और मोती के हिंडोले पर। संगमरमरी‚ खुशबूदार देव मन्दिरों में। रात की ठिठुर गयी ठंड काँपती‚सिसकती बयार। और मन्दिर के भिड़े किवाड़ों से सटा एक... Hindi · कविता 1 1 169 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read उड़ना टूटे हुए पंख और उड़ने का काम। मारकर पत्थर गिराया है खगों को इसीलिए उसने तमाम। ----------------------------- Hindi · कविता 1 255 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read नव–वर्ष नूतन ज्योति जले जग में। जीवन‚यौवन में औ' मग में। नद की बहती कल–कल धारा। धो कलुष पोंछ रज कण सारा। सन्देश भरे‚नव गति भरे। उद्देश्य भरे‚हर यति हरे। हो... Hindi · कविता 1 412 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 2 min read राजनीति: अनेक संदर्भ ---------------------------------------------------------- धार्मिक। हिम के शिखर से उतार कर। चट्टानों से चोट खिलाकर। औषधयुक्त पवित्र जल गंगा का सुदूर हरिद्वार से और काशी से स्वर्ण-कलश में,चढ़ाकर कंधे पर। मँगवा लिया देवघर,... Hindi · कविता 1 365 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 2 min read “नारी तुम केवल श्रद्धा हो” ***************************** खोजा, तुम्हारे देह में सौन्दर्य ही जाता रहा है. नासिका में नाद ओठों पर मधुर मुस्कान कोमल. ग्रीवा में सुराहीदार गर्दन. कंठ में सातों सुरों की वेधशाला. कपोलों पर... Hindi · कविता 1 651 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read जग का पागलपन ----------------------------------------------------------- लोगो देखो जग का कोना पागल जैसा हँसना-रोना। विज्ञानों को चीर-फाड़ कर हथियारों का जंगल बोना। मानव लड़ते मानव ही से गिद्धों सा नोचे वे तन,मन। दौड़े आते रण... Hindi · कविता 1 1 487 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read चलो साथ मेरे मंजिल तलाशें ( अरुण कुमार प्रसाद) ------------------------------------- उठाओ यहाँ से ये बिस्तर ऐ राही। चलो साथ मेरे मंजिल तलाशें। यहाँ धूप फैला, कहीं छांव होगी; इस स्रष्टा के सारे समुंदर तलाशें। तुम्हें... Hindi · कविता 1 255 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती - -----------------------अरुण कुमार प्रसाद देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती। नहीं हो सकती तुम माँ,यशोदा की अपेक्षा। हाँ,तुम माँ हो, क्योंकि,तुमने किया प्रवृत वसुदेव को। विचार किया और संतान की,की रक्षा।... Hindi · कविता 1 1 230 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read शिव तेरा अभिनंदन ------------------------------------------------------- तेरी गूँथी जटाओं का अभिनंदन। जिसमें हिमनद है खोई, बहती गंगा की धारा जिसमें, उन्हीं जटाओं का करता अभिवादन। हे शिव तेरा अभिनंदन। लिपटी हुई भुजंगों जैसी सिमटी हुई... Hindi · कविता 1 1 398 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 2 min read मरना सूर्य का ---------------------------------------------- मरना सूर्य का तय है। सम्पूर्ण जो दिखता है,होना क्षय है। सत्य केवल समय है। विस्तार का सिकुड़ना और विंदु का फैलना ही शाश्वत ब्रह्म है। ब्रह्म है आत्मलीन।... Hindi · कविता 1 1 163 Share Arun Prasad 1 Nov 2021 · 2 min read मेरा जो रुदन,तुम्हारा हास -------------------------------------------------------- कोई तो इतिहास बनाकर हाथों में हथियार। युद्ध करने होते हैं तैयार । ऐसे हथियारों को लेकर कैसे वे रण में हैं निकल पड़े। उन इतिहासों में जो अहंकार... Hindi · कविता 1 221 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 2 min read ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये --------------------------------- ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये । क्या कहूँ कैसे हैं हमने ये दिन जिये। शाम कुचला हुआ भोर निढाल सा। रात्रि स्वपन में दिन ये बेहाल सा।... Hindi · कविता 1 256 Share Arun Prasad 28 Apr 2022 · 1 min read पिता के लिए ------------------------------------- पिता की छाया होती है। पिता का कंधा होता है। पिता का हौसला होता है। पिता की डांट होती है। पिता का क्रोध होता है। पिता की शिक्षा होती... Hindi · कविता 428 Share Arun Prasad 4 Sep 2021 · 1 min read सहमा हुआ आया है जीता गाँव सहमा हुआ आया है जीता। सारे घुटन और त्रास एकाकी पीता। गाँव शतरंज की बिसात सा बिछा है। कौन किसको खेलेगा बात-बात में छिपा है। शहरों में आकर झूठ... Hindi · कविता 140 Share Arun Prasad 5 Sep 2021 · 2 min read दर्द छोटा करते जाना है ------------------------------ औंधा पड़ा आसमान गाँव में । समझ में न आने लायक बड़ा है। क्या है प्रयोजन विशाल होने का? शायद इसके सारे कमियों को छुपाने हेतु जी-जान से पड़ा... Hindi · कविता 201 Share Arun Prasad 5 Sep 2021 · 2 min read वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 308 Share Arun Prasad 13 Sep 2021 · 1 min read तीली ----------------------------------------- टकराकर अपने ही अंश से राख बन जाना नियति है हमारी। ऊर्जा उंडेलकर,रौशनी उपजाकर तम का दाग बन जाना सिद्धि है हमारी। तिल-तिल जलना मेरा, अंधेरे को, उजाला बनाए... Hindi · कविता 329 Share Arun Prasad 13 Sep 2021 · 1 min read कलिंग का पाप ---------------------------- पाप था कलिंग का होना, स्वाभिमानी! कि अशोक की महत्वाकांक्षाओं का होता रहना अभिमानी? सम्मान, कहते हैं, छीने नहीं जा सकते। किन्तु, यह तो सभ्यता के दौर का है... Hindi · कविता 190 Share Arun Prasad 13 Sep 2021 · 4 min read ताजमहल,रूप तीन यमुना–तीरे मुस्कुरा रहा। चाँदनी रात में नहा रहा। स्तब्ध‚ मौन कुछ बोलो तो। कुछ बात व्यथा की ही कह दो अथवा इतिहास बता रख दो। अपनी सुषमा का भेद सही‚कुछ... Hindi · कविता 222 Share Arun Prasad 14 Sep 2021 · 3 min read आजादी के अलबम का पहला पन्ना (1) वे थे आजादी मांग रहे। खुद को सूली पर टांग रहे। वे भारत के दुख से पीड़ित थे। पुरजन के दुख से दु:खित थे। वे नहीं सिकंदर के ‘विस्तार’... Hindi · कविता 213 Share Arun Prasad 14 Sep 2021 · 4 min read आत्मकथा दंगे की ------------------------- सृष्टि के साथ जन्मा नहीं मैं। ईश्वर नहीं है मेरा पिता। मनुष्य सभ्य होने लगा तब मैं लेने लगा बीजरूप। मनुष्य के संस्कार में जब अहंकार करने लगा घर... Hindi · कविता 358 Share Arun Prasad 14 Sep 2021 · 1 min read सालों बाद वह गाँव -------------------------------------------------- सालों बाद वह गाँव लौटेगा। उन पगडंडियों को खोजेगा। कितने! सधे कदम होते थे उसपर। उसे स्कूल और हाट-बाजार ले जाता था। नंगे पैरों से घिस-घिस खेत से बना... Hindi · कविता 175 Share Arun Prasad 14 Sep 2021 · 1 min read सड़क पर संसद -------------------------------------- संसद सड़क पर आने के लिए ले रहा है जुंबिश भरी अंगड़ाई। क्या-क्या बताए क्या पता सड़क को सहलाये क्या पता हमारे पैरों को तोड़ दे उसमें या,खुदवा दे... Hindi · कविता 180 Share Arun Prasad 18 Sep 2021 · 1 min read आदमी ----------------------------------------------------- आदमी,तुम्हें सारे भूले पल याद आ जाते हैं आदमी होने के और जानवर होने के भी। राज की बात भी और रोज़मर्रा की भी। याद आ जाते हैं खुशनुमा... Hindi · कविता 188 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read स्त्री फिर से जीवन में स्त्री ही फिर से है। आप कुरुक्षेत्र का युद्ध जीतकर आयें आप कार्यालयों में आजीविका खो कर आयें आप अपना अस्तित्व बचाते आहत होकर आयें आप खुद से... Hindi · कविता 190 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read सुख क्यों है सुख -------------------- द्वेष का देह है सुख का। अहम् का मन। ईर्ष्या के रक्त से हुआ है मांसपेशियों का गठन। समृद्धि में सुख पहचानने को आतुर। सुख की समृद्धि देता है... Hindi · कविता 383 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read होना साम्राज्ञी ------------------------------------------ भाग्य नहीं है होना साम्राज्ञी- तुम्हारा देह, नैन-नक्श कामुक बस। विकल्प एक और है- धनाढ्य हों अभिभावक। यह सत्य है। बाकी सारा कुछ पारिस्थितिक असत्य है। साम्राज्ञी होकर क्या... Hindi · कविता 395 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 2 min read सप्ताहांत तक सात दिन सात सुख,दु:ख ------------------------------- सप्ताह का प्रथम दिन उत्सव सा महकता है। बिस्तर से उतरते हुए, देहरी से उतर रास्ते पर आते हुए मन शांत और मष्तिष्क निश्चिन्त। चुनौतियों से भिड़ने,देह प्रस्तुत। दोस्त... Hindi · कविता 171 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 2 min read मैं आदमी हूँ (अरुण कुमार प्रसाद ) ------------------------------------------------- मैं आदमी हूँ। जीव के श्रेष्ठ संयोजन के तहत संयोजित। अपरिभाषित पुतला नहीं। स्वच्छ वाणी है मेरी। मैं रहा तुतला नहीं। आदमी का अस्तित्व व्यक्तिपरक... Hindi · कविता 542 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस --------------------------------------- शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस। हमें रहे बचाए सदा होने से परवश। हमारी आकांक्षा को प्रभु का वर रहे। स्वतंत्रताएँ सारे विश्व में अमर रहे। प्राप्त हो गणतन्त्र को... Hindi · कविता 230 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read शहर आक्रोश में है मौत पर मेरे -------------------------------------- शहर आक्रोश में है मौत पर मेरे। पर,नहीं बेहोश होता मौत पर मेरे। चल पड़ा है फिर,सेंक कर रोटियाँ। खरीदेगा फिर,मुर्दा हुई जो बोटियाँ। रसास्वादन रसों में नहीं,है राजनीति... Hindi · कविता 130 Share Arun Prasad 24 Sep 2021 · 1 min read शीर्षहीन जोश और जज़्बात नारों में बहुत तेरे है दोस्त। कुछ न बदले,नारों से ज्वाला निकलना चाहिए। राष्ट्रभक्ति की हमें भाषण सुनाये तुमने बहुत। अब तो तेरे कर्म से ऐसा ही... Hindi · कविता 222 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 1 min read हादसा जिन्दगी ----------------------------------------- जिन्दगी कुछ नहीं हादसे के सिवा। कुछ अच्छे, बुरे कुछ नशे के सिवा। स्याह और सर्द दर्दों का है सिलसिला। जन्म का हर्ष मृत्यु का हारा किला। कुछ हंसने... Hindi · कविता 361 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 2 min read कौन हूँ?-----मैं? ************************************************** रोपता हूँ हर वर्ष मैं अपना अविभाजित भविष्य। देखता हूँ मेरे देह पर लिपटा हुआ मेरे शव का दैत्याकार दृश्य। काटता हूँ कोई न कोई अपना कुपोषित विकृत अंग... Hindi · कविता 208 Share Page 1 Next