गृहिणी (नील पदम् के दोहे)
एक गृहिणी को दे सकें, वो वेतन है अनमोल, कैसे भला लगाइये, सेवा, ममता का मोल । चालीस बरस की चाकरी, चूल्हा बच्चों के चांस, शनै: शनै: रिसते रहे, रिश्ते...
Poetry Writing Challenge-3 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपकनीलपदम् · नजरिया-ए-नील पदम् · नील पदम् की कवितायेँ