गुमनाम 'बाबा' 153 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid गुमनाम 'बाबा' 27 Apr 2025 · 1 min read गीत-पहलगांव में क्या-क्या खोया *क्या-क्या खोया* एक मूर्ख सेना प्रमुख ने बीज धर्म का ऐसा बोया उसके एक कथन में फँसकर पहलगांव में क्या-क्या खोया बिंदी रोई कंगन रोया मेहंदी रोई चूड़ा रोया बहना... Hindi · कविता · गीत 2 2 48 Share गुमनाम 'बाबा' 23 Apr 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक चाहते हैं यह देश के दुश्मन गृहयुद्ध हालात बनें। हिन्दू-मुस्लिम बनकर बैरी आपस में ही घात करें।। फिर होगी मनचाही इनकी और मंसूबे पूरे भी। देश-प्रेम को तज भारतीय... Quote Writer 18 Share गुमनाम 'बाबा' 4 Apr 2025 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया बड़बोलापन का हुए, नेता कई शिकार। तनखैया उनको कहे, जो थे सच सरकार।। जो थे सच सरकार, बाल की खाल निकाली। भवन किए नीलाम, कमाई सारी काली।। कह बाबा... Quote Writer 28 Share गुमनाम 'बाबा' 4 Apr 2025 · 1 min read दोहे दोहे राधा पूछें श्याम से, यह कैसा यदुवंश। बूचड़ में खुशबू लगे, बदबू मय गौवंश।। गिरधर गौ को पालकर, नाम धरे गोपाल। गौ को गंदा कह रहे, अब यदुवंशी लाल।।... Quote Writer 22 Share गुमनाम 'बाबा' 14 Mar 2025 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया हुरियारा पीकर गया, होली वाली भंग हरा लाल को कह रहा, भूल गया सब रंग भूल गया सब रंग, बहू को कहता अम्मा माँ को कहता मॉम, पेट को... Quote Writer 1 43 Share गुमनाम 'बाबा' 13 Mar 2025 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया केसर ढोल बजा रहे, नत्थू की चौपाल झांझन झन-झन कर रहे, बजा-बजा कर थाल बजा-बजा कर थाल, उछल कर गाते होली पहन लिए सलवार, नयन से मारें गोली गजब... Quote Writer 33 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Feb 2025 · 1 min read गजल (मुद्दतों के बाद में) गज़ल (मुद्दतों के बाद में) तन्हा गुजरा उस गली से, मुद्दतों के बाद में। जिस्म मंजिल की तरफ था, रूह उसकी याद में।। वो सजर से देखती है, लग रहा... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 50 Share गुमनाम 'बाबा' 16 Feb 2025 · 1 min read मुक्तक-सासु हमारी मुक्तक तुम से रिश्ता सासु हमारी। तुम-तक ही सब रिश्तेदारी।। तुम पत्नी की प्यारी माँ हो। तुम-तक ही ससुराल हमारी।। ©दुष्यंत 'बाबा' Hindi · मुक्तक 1 51 Share गुमनाम 'बाबा' 8 Feb 2025 · 1 min read झूठे, लोलुप, स्वार्थी और आत्ममुग्ध लोगों से दिल्ली की मुक्ति झूठे, लोलुप, स्वार्थी और आत्ममुग्ध लोगों से दिल्ली की मुक्ति के बाद हम फिर से अन्ना हजारे के स्वप्नों का भारत देखने के लिए आशान्वित हैं🙏 Quote Writer 101 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Jan 2025 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया दम्भी बन जो ऐंठता, नही बुरा इंसान। ईश्वर ने मति फेरकर, दिया कुतर्की ज्ञान।। दिया कुतर्की ज्ञान, दया के पात्र कहाते। पहन शेर की खाल, विपिन में भय फैलाते।।... Quote Writer 49 Share गुमनाम 'बाबा' 26 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा गुरुवर मुझको जाँचकर, नम्बर रखे उधार। ज्ञान पुस्तिका फाड़कर, बोले बनो उदार।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 57 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा मैं हत-प्रभ निस्तब्ध हूँ, और शब्द से मौन। अंधा मुझसे कह रहा, मुझसे स्याका कौन।। ©दुष्यंत ‘बाबा’ Quote Writer 50 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा पूंजीवादी लोक में, प्राणी तमसाच्छन्न। नित् होता नर-मेध है, रहता सब प्रच्छन्न।। ©दुष्यंत ‘बाबा’ Quote Writer 54 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Jan 2025 · 1 min read दोहे दोहे मैं हत-प्रभ निस्तब्ध हूँ, और शब्द से मौन। अंधा मुझसे कह रहा, मुझसे स्याका कौन।।(१) ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 60 Share गुमनाम 'बाबा' 24 Jan 2025 · 1 min read चिंतन चिंतन यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो जताएँ और यदि नही करते हैं तो और अधिक जताएँ.... ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 71 Share गुमनाम 'बाबा' 22 Jan 2025 · 1 min read चिंतन चिंतन जब 'शंका' रूपी सती 'समर्पण' रूपी अग्नि का वरण करती है, तब 'श्रद्धा' रूपी गौरा का जन्म होता है, फिर 'विश्वास' रूपी शिव को प्राप्त करती है। (प्रेरणा ग्रंथ-रामचरित... Quote Writer 44 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा चाह रहे अब ना उगें,दोहों के उद्यान। ऐसे ज्ञानी बन रहे,दोहों के भगवान॥ ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 63 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा नही शब्द का ज्ञान पर, बनते बहुत वकील। हिंदी के ताबूत की, वही बन रहे कील।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 72 Share गुमनाम 'बाबा' 20 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा चाहते हैं अब न उगें, दोहों के उद्यान। ऐसे स्वयं सिद्ध बनें, दोहों के भगवान।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 47 Share गुमनाम 'बाबा' 18 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा जो रटता है राम को, उसको रटते राम। मिलता सुख बैकुंठ का,घर में चारों धाम।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 42 Share गुमनाम 'बाबा' 16 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा माया विविध प्रकार की, अजब-गजब हैं रूप। संगत पाकर सेठ की, काढ़ा बन गया सूप।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 1 53 Share गुमनाम 'बाबा' 14 Jan 2025 · 1 min read दोहा दोहा निज अवगुण मुख पर रखें, गुप्त रखें जो दान मन से प्रभु के दास हैं, चित्त नही अभिमान ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 48 Share गुमनाम 'बाबा' 13 Jan 2025 · 1 min read दोहे दोहे प्रेम समर्पण का विषय, विनिमय है बेकार। पहल स्वयं से कीजिए, दो तरफा व्यापार। बढ़ती पूँजीवादिता, थोथा नैतिकवाद। प्रेम तत्व को मारकर, करते सब बर्बाद।। झीनी चादर ओढ़कर, मैं... Quote Writer 90 Share गुमनाम 'बाबा' 13 Jan 2025 · 1 min read *आत्मचिंतन* *आत्मचिंतन* जब 'मनु' रूपी मन और 'श्रद्धा' रूपी हृदय के बीच 'इड़ा' रूपी बुद्धि आ जाती है तो प्रेम की सुचिता और इष्ट के प्रति समर्पण समाप्त हो जाता है।... Quote Writer 46 Share गुमनाम 'बाबा' 12 Jan 2025 · 1 min read कल्कि प्रिय- स्रोत नदी कल्कि प्रिय- स्रोत नदी जब जब प्रभु ने लिया, इस भू पर अवतार एक नदी पर है किया, माँ कहकर उपकार माँ कहकर उपकार, राम की सरयू मैया कृष्ण खेलते... Quote Writer 83 Share गुमनाम 'बाबा' 12 Jan 2025 · 1 min read भगवान कल्कि का सम्बंध किस नदी से है? भगवान कल्कि का सम्बंध किस नदी से है? उत्तर-स्रोत नदी (सोत नदी) Quote Writer 46 Share गुमनाम 'बाबा' 10 Jan 2025 · 1 min read संत की परिभाषा संत की परिभाषा संत जिसमें 'स' का अंत न हो, 'स' यानि सत्यता, सभ्यता, सरलता, सरसता, सहजता, सौम्यता, सहनशीलता, सत्संग, सस्नेह, सद्भाव, संस्कार का अंत न हो। और जो... संरक्षक... Quote Writer 42 Share गुमनाम 'बाबा' 9 Jan 2025 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया ठंडी हवा बाहर चले , अंदर ज्यादा शीत। खाते चाय पकौड़ियाँ , गए कई दिन बीत।। गए कई दिन बीत, हमें कुछ नया खिलाओ। व्यंजन होंगे और, जरा उनसे... Quote Writer 67 Share गुमनाम 'बाबा' 4 Jan 2025 · 1 min read कुंडलिया पुष्पा-2 कुंडलिया पुष्पा-2 देखा मैंने गर्त में, जाता हुआ समाज। सबका नायक बन गया, तस्कर पुष्पा राज।। तस्कर पुष्पा राज, पुलिस से पड़ता पाला। कहता गर्दन ऐंठ, कौन हैं झुकता साला!।।... Quote Writer 105 Share गुमनाम 'बाबा' 26 Dec 2024 · 1 min read स्पंदन को संगीत मिला था स्पंदन को संगीत मिला था प्रथम मिलन की बेला पाकर पतझड़ जीवन सींच तुहिन से धन्य किया नवजीवन देकर मैं नीरव था जीवन नीरस कृत किया अपने स्वर देकर विचरित... Quote Writer 1 102 Share गुमनाम 'बाबा' 4 Dec 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया उनको देखा तो मिली, प्रेम गली को लीक। ईशदया को मिल गए, सुंदर से प्रतीक।। सुंदर से प्रतीक, छटा है जिनकी न्यारी। हारे तन-मन मीत, दया थीं प्यारी-प्यारी।। कह... Quote Writer 1 207 Share गुमनाम 'बाबा' 3 Dec 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया सरल नही लिखना यहाँ, कोई सत्य विचार। तलवे जो है चाटता, खाता आम अचार।। खाता आम अचार, मुरब्बे मन-भर खाता। सच से करके प्यार, न रोटी चटनी पाता।। कह... Quote Writer 134 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Dec 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया बाबा इस संसार की,अजब-गजब सी रीत। कद्रदान से रूठते, बेक़दरों से प्रीत।। बेक़दरों से प्रीत, सलाह तात की चुभती। गैर हुए हमदर्द, राय उन्हीं की लुभती।। मात-पिता से बैर,... Quote Writer 128 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Nov 2024 · 1 min read हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक) हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक) चारों कृतियों को मिला, ज्ञानपीठ पुरस्कार। प्रथम पंत की 'चिदंबरा', दूजे दिनकर यार।। रामधारी की 'उर्वशी', वर्ष बहत्तर सार। कितनी नावों में मिला, अज्ञेय... Hindi · दोहा 171 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Nov 2024 · 1 min read हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक) हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक) चारों कृतियों को मिला, ज्ञानपीठ पुरस्कार। प्रथम पंत की 'चिदंबरा', दूजे दिनकर यार।। रामधारी की 'उर्वशी', वर्ष बहत्तर सार। कितनी नावों में मिला, अज्ञेय... Quote Writer 334 Share गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2024 · 1 min read आओ! आओ! हिंदी-क, ख, ग सीखें हम… Quote Writer 161 Share गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2024 · 1 min read आओ! आओ! हिंदी-क, ख, ग सीखें हम... Quote Writer 342 Share गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2024 · 1 min read आओ हिंदी सीखें.... आओ हिंदी सीखें.... क, ख, ग Quote Writer 142 Share गुमनाम 'बाबा' 13 Nov 2024 · 1 min read किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक माँ है और डरी हुई माँ हमेशा कायर संतान को जन्म देती है कायर संतति से कमजोर राष्ट्र का... Quote Writer 126 Share गुमनाम 'बाबा' 1 Nov 2024 · 1 min read *शुभ दीपावली* *शुभ दीपावली* दीप नेह का परिचायक है दीप सुखद शुभ फलदायक है तमस मिटाकर स्वयं जला है तिमिर विनाशक द्युति नायक है राग द्वेष को पीछे छोड़ें गले लगाएं मुख... Quote Writer 197 Share गुमनाम 'बाबा' 16 Oct 2024 · 1 min read जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवाम जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे-युगे" कहकर युगों-युगों तक धर्म की रक्षा का वचन दे चुके हैं उन्हीं के वंशज आज वामपंथियों की विकृत मानसिकता का शिकार... Quote Writer 115 Share गुमनाम 'बाबा' 16 Oct 2024 · 1 min read एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से मोटर शस्त्र के बल पर छीनकर ले जाते थे और हम नि:सहाय होकर रह जाते थे...फिर युग... Quote Writer 97 Share गुमनाम 'बाबा' 15 Oct 2024 · 1 min read बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया का समाजवाद अब नमाजवाद की ओर चल दिया है और स#%@वादी पार्टी अब नमाजवादी पार्टी बन गयी है।... Quote Writer 136 Share गुमनाम 'बाबा' 15 Oct 2024 · 1 min read विदेशी आक्रांता बनाम मूल निवासी विमर्श होना चाहिए था एक वामप विदेशी आक्रांता बनाम मूल निवासी विमर्श होना चाहिए था एक वामपंथी सोच ने आर्य बनाम मूल निवासी बना दिया जबकि आर्य और मूल निवासी एक हैं🤔 Quote Writer 101 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Sep 2024 · 1 min read दोहा दोहा सब्र सरीखो धन नही, क्षमादान सो दान। प्रेम सदृश्य त्याग नही, जिज्ञासा सो ज्ञान।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 185 Share गुमनाम 'बाबा' 28 Sep 2024 · 1 min read दोहा दोहा दान दिए से सुख मिले, रिश्वत से संताप। बेशक कुछ दिन-देर हो, फल पाएंगे आप।। ©दुष्यंत ‘बाबा’ Quote Writer 190 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Sep 2024 · 1 min read फेसबुक पर समस्या मूलक मित्रों की बाढ़-सी आ गयी है (जैसे यह रि फेसबुक पर समस्या मूलक मित्रों की बाढ़-सी आ गयी है (जैसे यह रिवाज गलत, यह परंपरा ऐसे हैं वैसे है आदि) जो चार पंक्ति की समस्या पोस्ट कर निकल लेते... Quote Writer 199 Share गुमनाम 'बाबा' 22 Sep 2024 · 1 min read कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की सेवा की होती है अन्यथा जिन्होंने जीवित माँ-बाप को ही नही खिलाया वह कौवों को भी क्या खिलायेंगे? क्योंकि... Quote Writer 149 Share गुमनाम 'बाबा' 14 Sep 2024 · 1 min read हम सब की है यही अभिलाषा हम सब की है यही अभिलाषा हिंदी बने! राष्ट्र की भाषा -दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 153 Share गुमनाम 'बाबा' 29 Aug 2024 · 1 min read दोहा दोहा मुझको उसमें लग गयी, ऐसी गहरी प्रीत। उसके अवगुण-दोष भी, लगते मुझको मीत।। -दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 289 Share Page 1 Next