Shashi kala vyas Tag: कविता 244 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shashi kala vyas 3 Apr 2024 · 2 min read *सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा, *भीष्म पितामह की तरह से, कांटो भरी शय्या पर लेटे हुए, श्री राम भक्त *नरेश प्रसाद दुबे* ईश्वर की शरण में जाने को बैचेन रहते। *आंखों से देख नहीं पाते... Hindi · कविता 3 2 98 Share Shashi kala vyas 16 Feb 2024 · 1 min read *"परछाई"* *परछाई* खुद की परछाई देख ये प्रश्न उमड़ आया , क्यों कभी उजली तन कभी श्यामल काया। कुंठित मन दुखी हो श्याम वर्ण सी काया, मन प्रसन्न हो तब निखरी... Hindi · कविता 1 101 Share Shashi kala vyas 13 May 2023 · 2 min read *खुशबू* *खुशबू* इन फूलो की खुशबू की महक दूर से ही, महकने लगती है। ईश्वर के पास महकते फूलो की ,खुशबू कर्म करने से पहले ही महकने लगती है । चाहे... Hindi · कविता 2 2 479 Share Shashi kala vyas 21 Apr 2023 · 1 min read *अक्षय तृतीया* *"अक्षय तृतीया"* अक्षयपात्र, कभी न होता खाली, जीवनदान। ************************* अक्षय जल, है मिट्टी का मटका, दे जलपान। ************************* अक्षय फल, है आम, तरबूज , है रसपान। ************************* अक्षय ज्ञान, है... Hindi · कविता 1 2 337 Share Shashi kala vyas 4 Apr 2023 · 3 min read *दुआओं का असर* ।। दुआओं का असर ।। ***ॐ श्री परमात्मने नमः *** ऐसा कहा जाता है कि - माँ सरस्वती कण्ठ में हमेशा विराजमान रहती है और हम जो भी शब्द बोलते... Hindi · कविता 1 1 266 Share Shashi kala vyas 26 Jan 2023 · 1 min read *"तिरंगा झंडा"* 🇮🇳🇮🇳*"तिरंगा झंडा"* 🇮🇳🇮🇳 लहर लहर उड़ा , तीन रंग का तिरंगा , गणतंत्र दिवस आया , झंडा फहराइये। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 धरती अंबर झूमे , तिरंगा कभी न झुके , वीरों की... Hindi · कविता 2 1 399 Share Shashi kala vyas 11 Aug 2022 · 1 min read *"मैं शरण तिहारे आई हूँ"* "मैं तेरी शरण में आई हूँ" ये जिंदगी सवालों का जवाब मांगती हूँ। जो हकीकत में बयां ना होती। कुछ कमियाँ गिले शिकवे शिकायत , उनको दूर करना चाहती हूँ।... Hindi · कविता 2 1 180 Share Shashi kala vyas 19 Jun 2022 · 1 min read *मेरा गुमान मेरा अभिमान हो मेरे आदर्श पापा* *तुम ही मेरा गुमान हो तुम ही मेरा अभिभान हो* पिता कर्म पिता धर्म पिता स्वर्ग , पिता सर्वश्रेष्ठ पूज्य देव तुल्य महान हो। मेरी प्रेरणा आदर्श उच्च विचारों की... Hindi · कविता 2 1 225 Share Shashi kala vyas 8 Jun 2022 · 1 min read *"शिव शम्भू सा कोई ना जग में"* *शिव शंभू* शिव शम्भू सा कोई ना जग में , ओघड़दानी ओ त्रिपुरारी अदभुत रूप निराला। माथे पे त्रिपुंड शीश गंगा विराजे , तन पे भस्मी कमर में मृगछाला। *शिव... Hindi · कविता 192 Share Shashi kala vyas 8 Jun 2022 · 1 min read *शिव शम्भू सा कोई ना जग में* *शिव शंभू* शिव शम्भू सा कोई ना जग में , ओघड़दानी ओ त्रिपुरारी अदभुत रूप निराला। माथे पे त्रिपुंड शीश गंगा विराजे , तन पे भस्मी कमर में मृगछाला। *शिव... Hindi · कविता 161 Share Shashi kala vyas 19 May 2022 · 1 min read *"पिता"* *"पिता"* जीवन का अनमोल तोहफा दिया कड़ी मेहनत करते वो पिता है। गम के अंधेरे में उम्मीद का दामन थाम लिया करते वो पिता है। *वो आदर्श पिता है.....! !... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 13 9 930 Share Shashi kala vyas 17 May 2022 · 1 min read *"सिंदूर"* *"सिंदूर"* हाथों में मेहंदी सजाई माथे पे लाल बेंदी लगाई। सोलह श्रृंगार हरे मंडप में सदा सुहागन वरदान है पाई। विवाह मंडप में वधू वेदी पे सज धज कर आई।... Hindi · कविता 2 1 161 Share Shashi kala vyas 10 May 2022 · 1 min read *ये कहाँ आ गई हूँ मैं* *"ये कहाँ आ गई मैं* खुद को तलाशते निखारते हुए , न जाने किस पड़ाव पे आ गई हूँ। रुकते थमते ठिठकते हुए से कदमताल , कभी लड़खड़ाए ,डगमगाए फिर... Hindi · कविता 2 177 Share Shashi kala vyas 9 May 2022 · 2 min read *"माँ के बराबर दूजा कोई नहीं है"* *"माँ के बराबर कोई ना दूजा"* दुःख दर्द झेलते हुए इस जग में , चेहरों पे मुस्कान बिखेरे हुए , नैन अश्रु आँचल में छिपाते हुए , मन की बातों... Hindi · कविता 4 3 368 Share Shashi kala vyas 8 May 2022 · 2 min read *माँ के बराबर दूजा कोई नहीं है* *"माँ के बराबर कोई ना दूजा"* दुःख दर्द झेलते हुए इस जग में , चेहरों पे मुस्कान बिखेरे हुए , नैन अश्रु आँचल में छिपाते हुए , मन की बातों... Hindi · कविता 142 Share Shashi kala vyas 26 Apr 2022 · 2 min read *ओ भोलेनाथ जी* "अरदास" *"अरदास"* दे दो सहारा तेरी शरण में आई ओ भोलेनाथ जी। कृपा करो दया करो हमपे ओ भोलेनाथ जी। *ओ भोलेनाथ जी शंभू नाथ जी...! !* मूरत मन मंदिर में... Hindi · कविता 3 1 1k Share Shashi kala vyas 24 Mar 2022 · 2 min read *"दस्तक दे रहा है कोई"* *"दस्तक दे रहा है कोई"* ठहरी हुई रुकी थमती सी जिंदगी , चलता रहा फिर भी वो कारवां , राहों पे मुश्किलों का दौर जो आये उलझनें सुलझती आसान हो... Hindi · कविता 6 2 254 Share Shashi kala vyas 9 Feb 2022 · 2 min read *"जबसे तुमने कुछ कहा है"* *"जब से तुमने कहा है"* नजरों से नजरें मिल गई जबसे तुम्हें देखा है, नैनों में ख्वाब सजाए हुए प्रीत की डोरी में बांधे रखा है। अंतर्मन में बसे हुए... Hindi · कविता 3 2 257 Share Shashi kala vyas 9 Feb 2022 · 1 min read *"लाल टमाटर"* *"लाल टमाटर"* आओ बच्चों देखो कितना प्यारा सा , पके हुए ये लाल टमाटर। पोटेशियम कैल्शियम विटामिनों से भरपूर, सेहतमंद रखता ये लाल टमाटर। खाकर देखो कितना अच्छा लगता ,... Hindi · कविता 2 1 468 Share Shashi kala vyas 5 Feb 2022 · 1 min read *"बसंत पंचमी"* *"बसंत पंचमी"* माँ सरस्वती की पूजा अर्चना कर , नत मस्तक शीश झुकाए। तम अंधकार मिटाकर नव उजियारा ज्ञान का दीप जलाएं। अज्ञानता को दूर विद्या दान कर, सद्बुद्धि का... Hindi · कविता 1 231 Share Shashi kala vyas 25 Jan 2022 · 1 min read *आज फिर उन्हीं ख्यालों में हूँ* *आज फिर उन्हीं ख्यालों में हूँ* कभी कभी गुजरे हुए जमाने को , अपने जहन में याद करके , न जाने क्यों पुरानी यादों में , अक्सर खो जाया करती... Hindi · कविता 3 4 349 Share Shashi kala vyas 22 Jan 2022 · 1 min read *सफरनामा* *सफरनामा* दूर देश की यात्रा निकल पड़े घर से, जरूरी सामानों का बोझ ढोते हुए। आखिर मंजिल तय कर पहुँचने की जल्दी , रास्तों में विध्न बाधाओं को पार करते... Hindi · कविता 3 2 573 Share Shashi kala vyas 15 Jan 2022 · 1 min read मकर संक्रांति मकर संक्रांति सूर्यदेव की आराधना मकर संक्रांति पर्व मनाए। उत्तरायण मकर राशि पे प्रवेश सूर्य का तेज बढ़ते ही जाए। यश कीर्ति मान सम्मान बढ़े सपनों को नई दिशा ऊर्जा... Hindi · कविता 1 2 443 Share Shashi kala vyas 8 Jan 2022 · 1 min read *"मंदिर"* मंदिर गूँज उठे शंखनाद ध्वनि तरंगों से , अंतर्मन में प्रभु तुम्हें बसाऊँ। मस्तक पे चंदन रोली अक्षत से , धूप दीप जला आरती सजाऊँ। साँझ सबेरे तेरे चौखट पर... Hindi · कविता 4 4 333 Share Shashi kala vyas 20 Dec 2021 · 1 min read *"पीढ़ी"* *पीढ़ी* पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है प्रथायें। रीति रिवाजों का सिलसिला लगातार रूढ़ि वादी परम्परा कथायें। भागमभाग जिंदगी आधुनिकता की दौड़ में भागते ही जायें। सच्चा सुख कसमे... Hindi · कविता 7 5 512 Share Shashi kala vyas 23 Nov 2021 · 1 min read *"लम्हें"* लम्हें वो सुनहरे बीते हुए खुशियों के लम्हें में खोए हुए , कुछ खट्टी कुछ मीठी यादों के सहारे नैनो में संजोए हुए। रिश्ते नाते वो कसमें वादे पूरे कर... Hindi · कविता 1 286 Share Shashi kala vyas 23 Nov 2021 · 1 min read *मैं तुलसी तेरे आँगन की* *मैं तुलसी तेरे आँगन की* *********************** घर आँगन की बगिया महकी , शुद्ध पवित्र हरी तुलसी मंजरी , विष्णु प्रिया संग तुलसी महारानी , शालिग्राम संग ब्याह रचाती , शुचित... Hindi · कविता 2 1 233 Share Shashi kala vyas 19 Nov 2021 · 1 min read *"प्रकाश पर्व"* प्रकाश पर्व कार्तिक मास पूर्णिमा निखरा चाँद गुरुनानक देव जंयती मनाए। जीवन नए उमंगों से भरा हुआ , जगमग दीप जलाए। गुरुनानक की दया कृपा प्राप्त कर सुख शांति खुशहाल... Hindi · कविता 1 326 Share Shashi kala vyas 19 Nov 2021 · 1 min read *"छठ पर्व"* छठ पर्व सूर्य अर्ध्य उपासना छठ पूजा अर्चना करती। सुहाग का लाल चुनरिया ओढ़े हुए सोलह श्रृंगार करती। अनादि काल से चली आ रही रीति रिवाज परम्पराओं का पालन करती।... Hindi · कविता 1 384 Share Shashi kala vyas 12 Nov 2021 · 1 min read *"आँवला नवमी"* *आँवला नवमी* कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को आँवला नवमी पर्व मनाते। सुख समृद्धि आरोग्य दान पुण्य कर वरदान माँगते। श्री विष्णु शिवजी आंवले के वृक्ष में विराजमान हो वास... Hindi · कविता 5 1 434 Share Shashi kala vyas 26 Oct 2021 · 1 min read *"आधा अधूरा चाँद"* *"आधा अधूरा चाँद"* बादलों की ओट में छिप कर , सोलह कलाओं को दिखलाता। पूर्णमासी चंद्र का प्रतिबिंब का दर्शन , कभी घटता कभी बढ़ते ही जाता आधा अधूरा चाँद... Hindi · कविता 3 1 339 Share Shashi kala vyas 26 Oct 2021 · 1 min read *"भींगी पलकें छुपा रहे हो"* *भींगी पलकें छुपा रहे हो* नजरों से नजरें जब मिल गई , जुबां से कुछ ना बोल रहे हो। कुछ ना कहते फिर भी जाने क्यों , क्यों इतना मुस्करा... Hindi · कविता 4 2 256 Share Shashi kala vyas 21 Oct 2021 · 1 min read *"गीता"* *"गीता"* श्रीमद्भागवत गीता कर्म करने का महत्व बतलाती। घर संसार के सारे विध्न बाधाओं को दूर करने का उपाय बताती। सुख समृद्धि धन धान्य ,शुभ फल देने वाली दुःख को... Hindi · कविता 2 2 294 Share Shashi kala vyas 9 Oct 2021 · 1 min read *"चन्द्रघण्टा माँ"* *चन्द्रघन्टा माँ* शक्तिस्वरूपा , चन्द्रघन्टा माँ , तेरे शीश झुकाऊँ , आरती उतारूँ , जगतमाता। ****************** आदिशक्ति , हे जगदम्बे , सुन लो पुकार , अंतर्मन विराजो , स्तुति करते... Hindi · कविता 2 244 Share Shashi kala vyas 1 Oct 2021 · 1 min read *"पितृ देव"* *"पितृ देव"* पूर्वजों की छत्रछाया में पले , पितरों की याद में नीर बहे। विदा हो गए जो इस जीवन से, सुखद पलों के लम्हें सांझ ढले। प्रेम तपस्या संघर्ष... Hindi · कविता 3 4 604 Share Shashi kala vyas 27 Sep 2021 · 1 min read *पैगाम* *"पैगाम"* बहुत दिनों बाद एक कागा मुंडेर पे बैठे हुए , किसी के आने का *पैगाम* लेकर आया है। चिठ्ठी का जमाना बदल गया आज इंटरनेट से संदेश पहुंचाया है।... Hindi · कविता 293 Share Shashi kala vyas 13 Sep 2021 · 1 min read *"संतान सप्तमी'* *संतान सप्तमी* भाद्रपद शुक्ल सप्तमी तिथि, संतान सुख प्राप्ति व्रत करते। संतान सुख संतान रक्षा ,संतान की उन्नति मनोकामना पूर्ण करते। शिव गौरा पार्वती गणेश ,कार्तिकेय जी का पूजन करते।... Hindi · कविता 1 456 Share Shashi kala vyas 11 Sep 2021 · 1 min read *"गणपति देवा"* *"गणपति देवा"* गणपति देवा करूँ तेरी सेवा , *सेवा से सब विघ्न टरे।* माथे सिंदूर तिलक सोहे ,गले वैजयन्ती माला। ओढे पितांम्बर वक्ष जनेऊ धारण कर में भाला। *गणपति देवा... Hindi · कविता 5 3 312 Share Shashi kala vyas 31 Aug 2021 · 1 min read *"चले आना तुम"* *"चले आना तुम"* छोटे से लड्डू गोपाल बनके , माथे मोर मुकुट पँख लगाए। कानों में कुंडल सोहे ,लट घुंघराले बालों वाले , गले वैजयंती माला पीतांबर सोहे , भाल... Hindi · कविता 2 2 618 Share Shashi kala vyas 26 Aug 2021 · 1 min read *ओ कान्हा क्यों रूठ गए हो* *ओ कान्हा क्यों रूठ गए* साँवली सुरतिया मोहन हमसे क्यों रूठ गए । न जाने कहाँ छिपे बैठे हो ,हमको भूल गए। नैनों से नीर बहाते हुए ,दिन रात राधा... Hindi · कविता 3 6 289 Share Shashi kala vyas 24 Aug 2021 · 1 min read *"अक्स"* *"अक्स"* मेरा ही अक्स मुझे ढूढता फिरता रहता , न जाने क्यों आगे पीछे छोड़ घूमता ही रहता। वो काली सी अक्स अक्सर लोग पूछते हैं , क्या तुम उससे... Hindi · कविता 4 317 Share Shashi kala vyas 24 Aug 2021 · 1 min read *"खुशबू "* *"खुशबू"* *खुशबू बता रही है वो रास्ते में है* मौसम परिवर्तन पत्ते झड़ते जाते , नव पल्लव फिर से उग आते , हरियाली चहुँ ओर फैल जाते , उपवन में... Hindi · कविता 1 403 Share Shashi kala vyas 12 Aug 2021 · 1 min read *"नागपंचमी"* *"नागपंचमी"* श्रावण मास की पंचमी तिथि , नागपंचमी त्यौहार मनाते । नाग देवता की पूजन अर्चना कर , दुग्ध बेलपत्र फूल चढ़ाते। *नागपंचमी त्यौहार मनाते* भोलेनाथ गले में नागों के... Hindi · कविता 2 1 407 Share Shashi kala vyas 9 Aug 2021 · 1 min read *"मौन"* *"मौन"* जब कोई बात समझ में ना आए , मुश्किल संकट की घड़ी आ जाए , बिगड़ी हुई बात सम्हल ना पाए , दिल की बात कोई समझ न पाए।... Hindi · कविता 6 7 355 Share Shashi kala vyas 8 Aug 2021 · 1 min read *निर्मल - मलिन* *निर्मल - मलिन* गंगा नदी का पवित्र *निर्मल* जल धारा , ओ मानव क्यों धूमल मन करता जाए मलिन। जिस धरा पे बहती शुद्ध *निर्मल* जल धारा, वहाँ कूड़ा करकट... Hindi · कविता 2 1 257 Share Shashi kala vyas 1 Aug 2021 · 1 min read *"मित्रता"* *"मित्रता"* कृष्ण सुदामा की मित्रता , अहंकार स्वार्थ से परे तृप्त हृदय प्रेम विश्वास। कंटक पथ दूरगामी पग पखार , आत्मीय मिलन अपनेपन का सुखद एहसास। *कृष्ण सुदामा सी मित्रता*... Hindi · कविता 5 4 367 Share Shashi kala vyas 28 Jul 2021 · 1 min read *"तूफां दिल में छुपाये बैठे हैं"* *"तूफां दिल में छुपाये बैठे हैं"* कौन सुनेगा किसको सुनाये , जाने किसको क्या समझाये , राज ये गहरा दिल में छुपाये , बरसों सीने में आग सुलगाये , ख़ामोशी... Hindi · कविता 5 8 277 Share Shashi kala vyas 27 Jul 2021 · 1 min read *"रेल चली"* रेल चली छुक छुक करके आती रेल , चुन्नू मुन्नू आओ जल्दी से , हम सब मिलकर खेले खेल , उछल कूद अजब गजब खेल। छुक छुक कर सीटी बजाते... Hindi · कविता · बाल कविता 5 6 436 Share Shashi kala vyas 27 Jul 2021 · 1 min read *"बिल्ली रानी"* बिल्ली रानी बड़ी सयानी , चूहे को देखके झपटने आई। बिल से निकल जब चूहा भागा , बिल्ली ने देख तब दौड़ लगाई। पकड़म पकड़ाई खेल खेलते , चूहा बिल्ली... Hindi · कविता · बाल कविता 5 3 706 Share Shashi kala vyas 27 Jul 2021 · 1 min read *"कागज की नाव"* *"कागज की नाव"* बारिश के पानी में भींगते जाते , छप छप करते पांव थिरकते , रंग बिरंगी छतरी हाथों में लेते , इधर उधर गोल घुमाते रहते। बारिश में... Hindi · कविता · बाल कविता 5 5 864 Share Page 1 Next