Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2023 · 1 min read

*”तिरंगा झंडा”*

🇮🇳🇮🇳*”तिरंगा झंडा”* 🇮🇳🇮🇳

लहर लहर उड़ा ,
तीन रंग का तिरंगा ,
गणतंत्र दिवस आया ,
झंडा फहराइये।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
धरती अंबर झूमे ,
तिरंगा कभी न झुके ,
वीरों की गाथा सुने ,
सुमन चढ़ाइये।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
तिरंगा की पहचान ,
केसरिया बलिदान ,
हरा रंग हरियाली ,
श्वेत रंग सजाइए।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
अनेकता में एकता ,
देश का है इतिहास,
अंखड भारत देश ,
शीश तो झुकाइए।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
शशिकला व्यास
,🇮🇳🇮🇳🇮🇳 जय हिंद वंदे मातरम

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 386 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कोपल निकलने से पहले*
*कोपल निकलने से पहले*
Poonam Matia
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
पिता, इन्टरनेट युग में
पिता, इन्टरनेट युग में
Shaily
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
सचमुच सपेरा है
सचमुच सपेरा है
Dr. Sunita Singh
■ इलाज बस एक ही...
■ इलाज बस एक ही...
*Author प्रणय प्रभात*
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
आफ़त
आफ़त
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
Arvind trivedi
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
💐प्रेम कौतुक-234💐
💐प्रेम कौतुक-234💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Tum likhte raho mai padhti rahu
Tum likhte raho mai padhti rahu
Sakshi Tripathi
मिली पात्रता से अधिक, पचे नहीं सौगात।
मिली पात्रता से अधिक, पचे नहीं सौगात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"गुमनाम जिन्दगी ”
Pushpraj Anant
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
Harminder Kaur
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली
कृष्णकांत गुर्जर
उम्र थका नही सकती,
उम्र थका नही सकती,
Yogendra Chaturwedi
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता
Pramila sultan
बदले नहीं है आज भी लड़के
बदले नहीं है आज भी लड़के
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
धरा कठोर भले हो कितनी,
धरा कठोर भले हो कितनी,
Satish Srijan
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
सिन्धु घाटी की लिपि : क्यों अंग्रेज़ और कम्युनिस्ट इतिहासकार
सिन्धु घाटी की लिपि : क्यों अंग्रेज़ और कम्युनिस्ट इतिहासकार
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
प्रकाश
जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त
जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त
dks.lhp
आँखों की दुनिया
आँखों की दुनिया
Sidhartha Mishra
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
*रामचरितमानस विशद, विपुल ज्ञान भंडार (कुछ दोहे)*
*रामचरितमानस विशद, विपुल ज्ञान भंडार (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
एक कहानी- पुरानी यादें
एक कहानी- पुरानी यादें
Neeraj Agarwal
"तलाश उसकी रखो"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...