*”बसंत पंचमी”*
“बसंत पंचमी”
माँ सरस्वती की पूजा अर्चना कर ,
नत मस्तक शीश झुकाए।
तम अंधकार मिटाकर नव उजियारा ज्ञान का दीप जलाएं।
अज्ञानता को दूर विद्या दान कर,
सद्बुद्धि का वरदान पाएं।
वीणा की तान सप्त सुरों से तीन लोकों गुंजायमान कर जाए।
माँ सरस्वती का आराधना भक्तिमय नई उमंग जगाए।
नया सबेरा नव प्रकाशित जीवन सफल बना मंजिल तक पहुंचाए।
पीले वस्त्र धारण कर पीले फूलों से माँ की चौकी सजाए।
धूप दीप प्रज्वलित आरती उतार,
पीले फल नैवेध चढ़ाए।
सच्चे मन श्रद्धा भक्तिमय पूर्ण हो माँ सरस्वती का ध्यान लगाए।
शशिकला व्यास?