Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2023 · 2 min read

*खुशबू*

खुशबू
इन फूलो की खुशबू की महक दूर से ही,
महकने लगती है।
ईश्वर के पास महकते फूलो की ,खुशबू कर्म करने से पहले ही महकने लगती है ।
चाहे लाख छुपाऊँ पत्तो में पर छुप ना पाया,
लेकिन खुशबु दूर तक महकने लगती है।

पुष्प अर्पित करने चला जा रहा था फिर ,
महकते फूलो की खुशबू से तन महकने लगती है।
फूलो की खुशबू सा हंसता हुआ,
चहुँ ओर इन फूलो की तरह रँगीन शमां में महकने लगती है।

जीवन फूलो की खुशबू से बढे हुए ऐसे,
जैसे राम सीता का मिलन पुष्प वाटिका में हुआ और महकने लगती है।
जिसका तनमन फूलो की खुशबू सा महक जाए,
वो काँटों में रहकर भी मुस्करा कर महकने लगती है।
चाह नही मै सुरबाला के चोटी पर गुँथा जाऊँ ,
फिर उन शहीदो के पथ पर बिखरते हुए महकने लगती है।

जीवन पथ पर काँटे मिले तो फूल समझकर ,
बढ़ते हुए धूल पर चढ़कर महकने लगती है।
फूलो की खुशबू जब तनमन में घुल जाये तो ,
जीवन ज्योति का प्रकाश सा चमकने लगती है।

नमन करूँ मै उन माली का जिसने फूल उगाए ,
संघर्ष से जूझकर बढ़ते हुए उपवन में फिर महकने लगती है।
नही चाहिए सोना चांदी ना कुछ रुपया पैसा , धन दौलत,
फूलो की खुशबूओं से सारा जीवन यूं ही महकने लगती है।
श्रीमती शशिकला व्यास शिल्पी✍️
भोपाल (म. प्र.)
राधैय राधैय जय श्री कृष्णा 🌹🙏✨🌟⭐
।।नारायण।। नारायण।। नारायण।। नारायण।।
दिल में हो खुशबू हर जज्बात में हो खुशबू , बात तो तब बन जाए जब हरेक बात में हो खुशबू।
चमन में जान बनके महक कोई हाथ में पकड़के मसल दे तो उसके हाथ में हो खुशबू।
खुशबू सारे जहान में महकते रहे,तमाम उम्र सफ़र पर निकले और तन मन महकता ही रहे हरदम।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 454 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राह बनाएं काट पहाड़
राह बनाएं काट पहाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
24/232. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/232. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आवारगी मिली
आवारगी मिली
Satish Srijan
प्रकृति
प्रकृति
नवीन जोशी 'नवल'
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
Buddha Prakash
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
आँगन की दीवारों से ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐अज्ञात के प्रति-73💐
💐अज्ञात के प्रति-73💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शर्तों मे रह के इश्क़ करने से बेहतर है,
शर्तों मे रह के इश्क़ करने से बेहतर है,
पूर्वार्थ
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
* तपन *
* तपन *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*विश्व योग का दिन पावन, इक्कीस जून को आता(गीत)*
*विश्व योग का दिन पावन, इक्कीस जून को आता(गीत)*
Ravi Prakash
यह आत्मा ही है जो अस्तित्व और ज्ञान का अनुभव करती है ना कि श
यह आत्मा ही है जो अस्तित्व और ज्ञान का अनुभव करती है ना कि श
Ms.Ankit Halke jha
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
Anil chobisa
तेरी यादों के आईने को
तेरी यादों के आईने को
Atul "Krishn"
गुरु श्रेष्ठ
गुरु श्रेष्ठ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ आज तक की गणना के अनुसार।
■ आज तक की गणना के अनुसार।
*Author प्रणय प्रभात*
राजयोग आलस्य का,
राजयोग आलस्य का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मोह माया ये ज़िंदगी सब फ़ँस गए इसके जाल में !
मोह माया ये ज़िंदगी सब फ़ँस गए इसके जाल में !
Neelam Chaudhary
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
Ram Krishan Rastogi
।। निरर्थक शिकायतें ।।
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मौसम नहीं बदलते हैं मन बदलना पड़ता है
मौसम नहीं बदलते हैं मन बदलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
मेरी आंखों में कोई
मेरी आंखों में कोई
Dr fauzia Naseem shad
धर्म की खिचड़ी
धर्म की खिचड़ी
विनोद सिल्ला
"जीवनसाथी राज"
Dr Meenu Poonia
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
याद  में  ही तो जल रहा होगा
याद में ही तो जल रहा होगा
Sandeep Gandhi 'Nehal'
Loading...