*”चले आना तुम”*
“चले आना तुम”
छोटे से लड्डू गोपाल बनके ,
माथे मोर मुकुट पँख लगाए।
कानों में कुंडल सोहे ,लट घुंघराले बालों वाले ,
गले वैजयंती माला पीतांबर सोहे ,
भाल चंदन केशर तिलक लगाए।
मेरे घर चले आना तुम …..! !
गंगाजल पंचामृत से चरण धुलाऊं
प्रेम से चरण पखारती जाऊँ।
चौकी पे तुझे बिठा श्रृंगार कराऊँ,
माखन मिश्री का पंजरी भोग लगाऊँ।
श्रद्धा भक्ति का दीप जला आरती उतारूं।
मेरे घर चले आना तुम…..! !
चंदन काठी का झूला सजाऊँ ,
मोतियन फूलों की माला पहनाऊं,
रेशम की डोरी हाथ लेके तुझे झुलाऊँ।
बड़े भाग्य दर्शन देके नैनों में तुझे बसाऊँ।
मेरे घर चले आना तुम…..! !
अंतर्मन हृदय बसे राधा कृष्ण ,
मोहिनी रूप कृपा बनाये रखना।
मुरली की मधुर धुन सुन सुध खोकर ,
झूम झूम हरि गुण गाउँ हरे कृष्णा ….
भक्ति रस में डूबे हुए प्रेम मगन हो जाऊं।
मेरे घर चले आना तुम…..! !
चले आना तुम मेरे घर चले आना तुम।
जय श्री राधेय जय श्री कृष्णा ????????????????
शशिकला व्यास✍️