सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) Tag: कविता 266 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 2 Jul 2023 · 1 min read कृष्ण की फितरत राधा की विरह तू क्या जाने ओरे ऊधो, विरहा जीवन की ये तड़फ, ऐसे धड़के मोरा जिया, जैसे आषाढ़ कड़के तड़क भड़क..।। उठती यौवन की चिंगारी, जलादे उपवन धू धू धड़क धड़क, प्रेम... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 1 1k Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 28 Apr 2023 · 1 min read जीवन का दर्द मेरा दर्द मुझसे दूर क्यों नहीं होता, मैं उससे दूर होता हूँ वह मुझसे दूर क्यों नहीं होता.!! मैंने उससे कहा, ले पैसा और खुशी खरीद ला.! बाजार गया, खाना... Hindi · कविता 1 1k Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना त्रासदी वेंटिलेटर पर जूझ रहा था हाथों में फोन थाम के बाप साहस दे रहा था माँ की सिसकिया रोक के । खिड़कीयों से बाहर देखता है पसरा है सन्नाटा घुप्प... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 54 673 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 15 May 2021 · 1 min read गंगा में बहकर आयी है लाश देखा था जानवरों की मृत देह को सड़ते हुए सफेद कीड़ों को शव निगलते हुए चील-कौओं-कुत्तों को शव नोचते हुए नदी-नालों में अनाथ असभ्य मरे जीवों को बहते हुए... आज... Hindi · कविता 6 676 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 1 Jul 2023 · 1 min read बेवफाई की फितरत.. मैं उसकी जमीन पर, खुद को खुदक़िस्मत समझती रही, वो हाथ पकड़कर मेरा आगे बढ़ता रहा, मैं उसकी परछाई में खुद को फना करती रही ।। मेरे सपने एक एक... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 2 667 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 19 Nov 2020 · 2 min read मजहब ही बैर सिखाता मजहव ही सिखाता आपस में बैर रखना अपने को सच्चा कहना इंसानियत खत्म करना । दंगे करना हत्या करना आस्था पर चोट कर धर्म के लिए अधर्म करना । आत्मा... Hindi · कविता 2 617 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 21 Nov 2020 · 1 min read अधूरा मिलन उसके चिकने संगमरमर से बदन पर उंगलियां ऐसे फिसली जैसे मक्खन से निकली हो बिजली उसके लबों से अपने लबों में लंबी गहरी सांस लेकर हमने सोचा चलो ना कह... Hindi · कविता 701 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 14 Oct 2023 · 1 min read अधूरा ज्ञान तुम्हारी जिंदगी आधी अंधेरे में क्यों गुजरती है, हर सुबह सूरज निकलता है और तुम्हारी रात चलती रहती है। जिसे तुम पानी कहते हो वह आग बनती है, जिसे तुम... Hindi · कविता 4 824 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 8 May 2022 · 1 min read भेड़ चाल में फंसी माँ माँ, मैं तुझे याद नही करता, एक दिन के लिए, माँ, मैं तुझे याद क्यों करूँ, केबल एक दिन के लिए, मेरा तो हर दिन तेरा है, हर पल तेरा... Hindi · कविता 4 1 670 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 22 Jul 2021 · 1 min read मेरे बुरे दिन कहाँ है..? कौन सुनता है..? कौन बोलता है..? सत्य कहाँ है..? क़लम कहाँ है..? वह दिल कहाँ है..? वह दिलेर कहाँ है..? जो चीर दे अंधेरे को..? प्रकाश किरण कहाँ है..? जो... Hindi · कविता 4 7 606 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 21 Oct 2021 · 1 min read मेरी बेटी एक आकर्षण छुपा हुआ है तेरे सुंदर मुखड़े में, ये मेरे अंश का प्रतिफल है..? या आता तेरे प्रारब्ध के कल में । जब भी तेरा मुखड़ा दिखता आनन्द उभर... Hindi · कविता 3 6 540 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 10 Nov 2020 · 1 min read हे शारदे माँ , हे शारदे माँ हे शारदे माँ हे शारदे माँ माता के जैसा हमैं प्यार दे माँ हम हैं अकेले इस ब्रह्माण्ड में अज्ञानता के इस जंजाल में हमको उबारो अज्ञानता से तारो आँचल... Hindi · कविता 2 4 666 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 21 Dec 2020 · 2 min read मोहब्बत दिमागी दोखा है मोहब्बत नजर से ज्यादा दिमाग का धोखा है लगता है कि मर जाएंगे कुछ कर जाएंगे पर जो होना है वो सब हौले हौले होता है । दिमाग जिसे मोहब्बत... Hindi · कविता 1 4 541 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 23 Sep 2020 · 1 min read धर्म की कुटिल व्याख्या संवाद के द्वार कब खोलोगे.? जब सब कुछ धर्म से तौलोगे । वर्तमान को विज्ञानं से कब जोड़ोगे.? जब हर विचार पर आस्था के रोड़े छोड़ोगे । क्या ,क्यूँ ,... Hindi · कविता 2 1 581 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 22 Oct 2020 · 1 min read सूफ़ीयाना ख़ाक सी है जिंदगी दो घूँट सी है जान साक़ी बनाले जिंदगी झलकने दे जाम । दुनिया को समझ महफ़िल हर सस्ख है बंदा दो नज्म उसकी लिख जिसके प्रेम... Hindi · कविता 2 1 549 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 1 Feb 2021 · 3 min read मोहब्बत के खतों के बदलते रंग पहली नजर:- --------------- जब देखा था तुझे, वो पहली मुलाकात थी । वो कल की नही, पिछले जन्म की बात थी ।। जब पहली बार तुझे देखा, मैं ठहर गया... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 43 536 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 28 May 2021 · 1 min read आंकड़े राजनीति के आंकड़े तुम्हारे है आंकड़ो का खेल तुम्हारा है बढ़ा दो या गिरा दो हवा बनाने का काम तुम्हारा है । मैं जिंदगी छीन कर लाया हूँ मुर्दों के शहर से... Hindi · कविता 3 2 554 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 2 Mar 2022 · 1 min read तेरी जुदाई तेरे जाने पर मैं क्या कहूँगा? तुझे रोक नही सकता, बस रो दुंगा। गलतियां हुई मुझसे,स्वीकारता हूँ। पीछे अब लौट नही सकता, आगे तुझे खो दुंगा।। दिल की दूरियां, जिस्मों... Hindi · कविता 1 512 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 23 Sep 2021 · 1 min read ख़ुदा तू जिस अंधेरे में, चिराज रोशन करता है, उसी अंधेरे में उसका घर है.. उजालों की उसको फिकर ही नही वो तो अंधेरे में ही, उठते पैरों के निशान देख... Hindi · कविता 2 4 488 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 23 Jan 2022 · 1 min read हमारा मिलना ऐसे ही नही मिले हम, सादिया गुजर गयी हमें मिलाने में, पहले बने सूरज, सितारे फिर बने आसमान और नजारे फिर बने पृथ्वी और बहारें फिर बने फूल और वादियां... Hindi · कविता 1 507 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 31 Dec 2021 · 1 min read क्या बदला है..? वही लब वही हुश्न वही जज़्बात, क्या बदला है..? वही दिन वही रात वही चाँद-सूरज, क्या बदला है..? वही आसूँ वही दर्द वही बेबसी क्या बदला है..? कहीं शोर कहीं... Hindi · कविता 2 2 473 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 1 Oct 2020 · 1 min read कर्ण की शूद्रता जन्मा था वो गर्भ से प्रकृति और पुरुष के मेल से । नौ मास का प्रसव काल ग्रहण किया मनुष्य आकार । देह वहीँ दिमाग वही अस्थि-मज्जा में लाल रंग... Hindi · कविता 1 2 519 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 14 Mar 2021 · 1 min read बेबफ़ा पिघलना था मेरी रूह को, मगर मेरी आँखें पिघल गयी । तुझे दूर जाते हुए देखकर, मेरी तबियत बिगड़ गयी ।। दुःखी दिल से आया था, मुलाकात करने तुझसे ।... Hindi · कविता 1 2 470 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 14 Dec 2020 · 1 min read हड़ताली किसान का सपना.. सूरज से निकलकर रश्मियां खेत की मिट्टी से बातें करेंगी रात की ठंडक में अलसाई मिट्टी को गर्म कर चमक भरेंगी । लालबाग से आती रश्मियां परिंदों को साथ लाएंगी... Hindi · कविता 2 5 492 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 20 Oct 2021 · 2 min read हाँ, मैं लड़की हूँ मैं लड़की हूँ, तभी सभी की सुनती हूँ, माफ़ सभी को कर सकती हूँ, कायर नही, मैं भी पहाड़ बन खड़ी हो सकती हूँ, हाँ, मैं लड़की हूँ..! हाथों में... Hindi · कविता 2 2 483 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 1 Apr 2021 · 1 min read आखिरी वक्त मेरे हिस्से की ये जमीन, ये आसमान सब तुम्हारा है जो मैंने कमाया व्यवहार सब तुम्हारा है । तड़फ रहा हूँ पलंग पर बिखारी बन , भूख है ,प्यास है... Hindi · कविता 1 2 487 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 14 Sep 2021 · 2 min read हिंदी दिवस या मेढकों की सभा सब नकाब चढ़ाए बैठे हैं, हाथों में खंजर धरे बैठे है, बात करेंगे हिंदी भाषा की सब जयचंद बने बैठे हैं.. साल का एक दिन आता है बकबक करने में... Hindi · कविता 4 8 457 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 10 Sep 2023 · 1 min read मेरी मोहब्बत का चाँद मेरा चाँद अमावस को भी निकल आता है, मैं आवाज देता हूँ और वो छत पर चला आता है।। दिन के उजाले में भी मुझे खिड़कियों से नजर आता है... Hindi · कविता 1 574 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 19 Oct 2020 · 3 min read दुर्योधन का अंतर्द्वंद कोशिशें थी लाख मेरी कुछ रही होगी कमी आज भी वहीं पर खड़ा हूँ जो रही शुरुरात थी । ये इमन्तिहान आसान नही था मन को पकड़कर सोचना था निस्पक्ष... Hindi · कविता 1 444 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 8 Sep 2020 · 1 min read घिरता अंधकार अंधकार का बीज अंकुरित हो रहा सन्नाटो में चीख में,चिल्लाहट में जनता के दिमागों में । धर्म ,जाति, सम्प्रदाय खाद पानी दे रहा नीति अभियंता कानून नियंता पोषक प्रकाश हो... Hindi · कविता 4 5 446 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 12 Jun 2021 · 1 min read दाड़ी के सफेद बाल तू देखकर खतरा, अक्सर नजर फेर लेता है बाद में भाइयो-बहिनों कहकर सबका मन मोह लेता है । सब परेशान है, विवाह के बंधन से विवाह तोड़कर अपना तू लोगों... Hindi · कविता 3 440 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 21 Dec 2021 · 1 min read मेरे मरने से पहले मैं जानता हूँ मरने पर नाम लेकर मेरा तेरे आसूँ निकलेंगे हर कही बातों में अच्छाई के लब्ज़ निकलेंगे मैं चाहता हूँ कहदो वो सब जो मेरे मरने के बाद... Hindi · कविता 2 1 443 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 10 Jan 2021 · 1 min read दूसरों का कंधा चाहिए हर किसी को कंधा चाहिए फलता फूलता लोकतंत्र चाहिए धंधे में ना कोई पंगा चाहिए दिल में छुपे दर्द को, कोई गैर जुबां चाहिए । आदत हो गयी है बेजुबान... Hindi · कविता 2 467 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 23 Jan 2022 · 1 min read हम और हमारा रिश्ता (कविता) क्या कहूँ.? मैं भी नही जानता, यह रिश्ता है, जिश्म और सूक्ष्म का, तू जहाँ जहाँ होती है, मैं तेरे साथ-साथ रहता हूँ, तू पानी की बूंद है और मैं... Hindi · कविता 2 1 428 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 6 Dec 2020 · 1 min read चाटुकार मिडिया तलबे चाट रही मिडिया देह बेचकर सत्ता के हाथों में घूंघट ओढ़े इन्तजार कर रही हनीमून मनाने रातों में । खरीद लिया है लिखने बाली कलमों को स्याही भी बेशर्म... Hindi · कविता 2 8 460 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 22 Oct 2021 · 1 min read ऐ भूख तूने ये क्या किया..?? ऐ भूख तूने ये क्या किया, इंसान को, पेट तक सीमित कर दिया..!! ना दर्द दिखता, ना दिखती वेवशी, हर किसी को अपना पेट भरने की पड़ी दूसरों का निवाला,... Hindi · कविता 2 2 494 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 12 Dec 2020 · 1 min read समाज का निर्माण एक अकेला इंसान था भूख प्यास से बेहाल था ना प्रेम था ना एहसास दारुण वृक्ष के समान था । एक एक मिलते गये प्रेम एहसाह बनने लगे रिस्तों की... Hindi · कविता 1 2 486 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 29 Jun 2023 · 1 min read देखने का नजरिया हर किसी ने मुझे, अपने हिसाब से देखा है, किसी ने सूरते हाल तो किसी ने सूरते बेहाल देखा है, किसी ने मुझमें शैतान तो किसी ने मुझमें खुदा भी... Hindi · कविता 3 4 480 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 22 Dec 2020 · 2 min read धन की आशिक़ी (हास्य आशिक़ी) तुमको शौक था सज धजने का इसलिए हमको गले लगाया और जब गला हो गया हल्का अब हमारा प्यार समझ आया । हमने तो सिर्फ देखा ता तुमको आम लड़कियों... Hindi · कविता 3 2 426 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 23 Jul 2021 · 1 min read तेरा इन्तजार तूने मुझे जिस मोड़ पर छोड़ा था मैं अभी तक वहीं पर खड़ा हूँ कई मौसम बदल गए साहिलों के किनारे आगे बढ़ गए मगर मैं अभी तक उसी मोड़... Hindi · कविता 2 489 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 19 May 2021 · 1 min read बारिश की अदभुद कहानी बारिश की अदभुद अलौकिक कहानी जहाँ पानी के ऊपर गिरता है पानी ना समुंदर ना कुँआ ना नदी ना झरने फिर भी आसमान से बरसता पानी है । जिन्हें कहते... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 426 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 21 Jan 2021 · 1 min read एक चेहरे के कई रंग हे ईस्वर में परेशान हूँ, रंगे पुते बुतों को देखकर आत्मा भी हैरान है, एक चेहरे के कई रंग देखकर ।। हर घर का अहाता देश है ,और देशभक्ति द्वार... Hindi · कविता 1 4 423 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 12 Aug 2023 · 1 min read पत्नी के जन्मदिन पर.... मेरा आईना अब मुझे ढूंढता है, मैं खुद को तेरी आँखों में देखने जो लगा हूँ... मेरा वक्त अब मुझसे पूछता है, मैं तेरे वक्त में शामिल जो हो गया... Hindi · कविता 2 559 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 6 Jan 2021 · 1 min read भगवा रंग को किया है अगवा अगवा किया है भगवा रंग को जो कट्टरता का अस्त्र नही भगवा रंग भी मिश्रण है इंद्रधनुष का ऐकल रंग नही । भगवा रंग से रंगता सूरज पृथ्वी को चारों... Hindi · कविता 1 2 408 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 26 Sep 2020 · 1 min read भारत के अधिकारी ( व्यंग ) भारत के अधिकारी हजार लाखों में बात नही करते रिस्वत के करोड़ों के व्यापारी । जनता की सेवा में नही कोई मेवा मजे से केरते नेताओं की चाटुकारी । अपना... Hindi · कविता 1 4 455 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 5 May 2021 · 1 min read लोकतन्त्र के वोटर का हाल जिस विस्वास पर वोट दिया था, उस विस्वास का छल देखो । वोटर त्राहि त्राहि कर रहा , नेताओं का हल देखो ।। बिन ऑक्सीजन इंसान तड़फ रहा सड़क पर... Hindi · कविता 3 6 440 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 27 Oct 2021 · 2 min read देश बचा लो... क्या हो गया मेरे देश को भाई किसने इसको नजर लगाई हर तरफ हाहाकार मचा है हर तरफ नफरत का जाल बिछा है..!! हिन्दू-हिन्दू, मुस्लिम-मुस्लिम मन्दिर-मन्दिर, मस्जिद-मस्जिद वस यही एक... Hindi · कविता 3 5 412 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 23 Sep 2023 · 1 min read मैं अकेली हूँ... मेरी कोई नहीं सहेली, मैं अकेली हूँ, मेरी शब्द मेरे मुँह में घुलते, मैं ऐसी जलेबी हूँ, ना कोई मुझसे पूछता, ना कोई मुझसे बोलता, भीड़ में उलझती मैं अकेली... Hindi · कविता 3 564 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 11 Jan 2021 · 1 min read मेरा " मैं " सिरताज मेरा जब गिरेगा निस्तेज होकर ज़िस्म की दरारों से निकलकर मेरा " मैं " आजाद होगा । बिखरेगा हवा में और ताज़ी सांस लेगा नफ़्स मेरा सर उठाकर फ़तेह... Hindi · कविता 4 416 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 11 Sep 2023 · 2 min read घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women) ऑफिस से आकर मैं आराम करता हूँ, वो घर का काम करती है, घर देखकर मेरी थकावट बढ़ जाती है, और उसकी जैसे उतर जाती है।। मैं बिस्तर पर सिमट... Hindi · कविता 2 938 Share Page 1 Next