Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2021 · 3 min read

मोहब्बत के खतों के बदलते रंग

पहली नजर:-
—————
जब देखा था तुझे, वो पहली मुलाकात थी ।
वो कल की नही, पिछले जन्म की बात थी ।।

जब पहली बार तुझे देखा, मैं ठहर गया था ।
बंद पड़ा दिल मेरा, जैसे शुरू हो गया था ।।

मेरी आँखे दूर तक, तुझे देखती रही ।
मेरी परछाई तेरे परछाई में समाती रही।।

तुझे देखकर खोने लगा, दिन रात गुम होने लगा ।
गुमसुदा होता हूँ हर कहीं, तेरी आँखों में खुद को पाने लगा ।।

हर दिन तेरे बारे सोचता रहता हूँ ।
तू सीने में है और तेरे ख्वाब बुनता रहता हूँ ।।

हल्का सा मुस्कुराना, और पलकें झुकाना ।
जिस पर मैं मर मिटा, वो तेरी यही अदा है ।।

वादे:-
————-
आ फासला मिटादें, पेन और श्याही बनकें ।
नया इतिहास लिख दें, समंदर में नया रास्ता बनाके ।।

चलो मोहब्बत का आगाज करते है अंत तक ।
एक दूसरे के साथ चलते है राख बनने तक ।।

आओ चलो नया संसार बनाते है ।
मोहब्बत ही मोहब्बत हो ऐसा ख्वाब सजाते है ।।

खुले आसमान में हम उड़ते रहेंगे ख़्वाबो की तरह ।
हर देश में अपना घोंसला रखेंगे परिदों की तरह ।।

तेरी मोहब्बत का असर है, मैं आदमियत समझने लगा हूँ ।
किसी बच्चे को रोता देख, मैं भी आँखे पोछने लगा हूँ ।।

गहराई :-
———-
तेरे पास बैठकर, बोलता कम सुनता ज्यादा हूँ ।
तुझे देखता कम, तुझमें समाता ज्यादा हूँ ।।

हर पल हर घड़ी मेरी माधहोशी बढ़ती जाती ।
तू जब दूर जाती है, मेरे और भी करीब आती जाती है।।

तुम दूर घाटियों से निकलती शीतल सरल नदी हो ।
मैं तपता ठहरा सागर हूँ जिसमें हलचल करती तुम्ही हो ।।

मैं कठोर,पथरीली,बेरहम चट्टान हूँ ।
तुम औजार हो, छूकर जिसे तराशती तुम्ही हो ।।

जब तूने कहा था, हम मिले है हम मिलेंगे हर बार ।
मैंने तभी जाना तुम ही हो, मेरा पहला और आखिरी प्यार।।

जब तेरे पास होता हूँ, तुझ में खो जाता हूँ ।
हर बार तेरे आँचल में, गहरी नींद सो जाता हूँ।।

दिन भर का थका हुआ, इसी मोड़ पर ठहर जाता हूँ ।
तेरी आँखों में प्यार देख, सारी थकान भूल जाता हूँ ।।

तेरा साथ:-
———–
शर्दी में धुप, गर्मी में छाँव, बरसात में बूँद बनकर आयी हो ।
पतझड़ के पत्ते गिराकर, बसन्त के फूल बनकर आयी हो।।

अब अकेला रहना मेरा मुश्किल हो रहा है ।
मेरी रूह का मेरे ज़िस्म में रहना मुश्किल हो रहा है।।

मैं परिंदा हूँ तुम पंख हो दूर आसमान की ।
मैं तिनका हूँ, तुम घोंसला हो मेरे जहान की ।।

इस ईंट, पत्थर, के चट्टानी शहर से कहीं और वसेंगे ।
जहाँ ठोकरें कम,नफ़रतें कम, चलो कहीं और रहेंगे ।।

अब जन्नत भी मिल जाये तो पैर से ठुकरा दूँगा ।
जहां से तेरा दीदार हो उसी को जन्नत बना दूँगा।।

मैंने तुम्हे जब जब पाया, हर वार खोने से डरता हूँ ।
मैं वो फूल हूँ जो खुसबू के बिखर जाने से डरता हूँ।।

मोहब्बत के खत:-
———————–
ये लफ्ज़ मेरे, मोहब्बत के एहसास मेरे ।
काजग से नहीं, दिल की दीवारों से पढ़ना होगा ।।

अगर तुझे पड़ना है, इनका एहसास करना है ।
तो नज़र मोहब्बत की और दिल ख़ुदा का रखना होगा।।

ये मिट जाए पानी या तकदीर से ऐसा नही होगा
ये ख़ुदा की नूर है इनको जिन्दा रहना ही होगा।।

याद:-
———
चाहता हूँ समंदर में बर्फ की तरह पिघल जाऊं ।
अपनी रूह को तेरे ज़िस्म में खो कर गुमसुदा हो जाऊं ।।

तू चमकता चाँद है और मैं फ़लक का तारा हूँ ।
तेरी चांदनी में नहाकर मैं तेरा दाग़ हो जाऊं ।।

अनन्त आकाश है और असंख्य जलते चराग़ ।
तू मेरी रौशनी और मैं तेरा आफ़ताब हो जाऊं ।।

बिखराब:-
———–
तेरे आने की ख़ुशी थी, जाने का गम उतना न हुआ ।
मैं तो बरबाद था, चलो कोई तो आवाद हुआ ।।

लोगों ने गुमनामियों में भी चराग़ जला दिए ।
अँधेरे में भटके हुओं को, रास्ते दिखा दिए।।

जब तेरी याद आती है, बाहर निकल जाता हूँ ।
कभी धूप तो कभी छाँव में बैठ जाता हूँ ।।

मेरी सूनी दीवारें पूछती है, वो तश्वीरें कहाँ है।
जो तेरे दिल में वसी है, वो तेरी हलचलें कहाँ है ।।

।। घर वसाने में सालों गुजर जाते है और बिखरने में एक पल ।।

6 Likes · 43 Comments · 532 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
छोड़ी घर की देहरी ,छोड़ा घर का द्वार (कुंडलिया)
छोड़ी घर की देहरी ,छोड़ा घर का द्वार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
प्रत्याशी को जाँचकर , देना  अपना  वोट
प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट
Dr Archana Gupta
चन्द्रयान अभियान
चन्द्रयान अभियान
surenderpal vaidya
गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर लेना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर लेना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
Paras Nath Jha
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਹ ਵੀ ਕਰਦਾ ਰਿਹਾ
Surinder blackpen
प्यार और विश्वास
प्यार और विश्वास
Harminder Kaur
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
रमेशराज के बालगीत
रमेशराज के बालगीत
कवि रमेशराज
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हे ईश्वर
हे ईश्वर
Ashwani Kumar Jaiswal
“परिंदे की अभिलाषा”
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
ब्रांड. . . .
ब्रांड. . . .
sushil sarna
Budhape ki lathi samjhi
Budhape ki lathi samjhi
Sakshi Tripathi
हे प्रभू तुमसे मुझे फिर क्यों गिला हो।
हे प्रभू तुमसे मुझे फिर क्यों गिला हो।
सत्य कुमार प्रेमी
2947.*पूर्णिका*
2947.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कैसे हमसे प्यार करोगे
कैसे हमसे प्यार करोगे
KAVI BHOLE PRASAD NEMA CHANCHAL
वक्त नहीं है
वक्त नहीं है
VINOD CHAUHAN
■ लानत ऐसे सिस्टम पर।।
■ लानत ऐसे सिस्टम पर।।
*Author प्रणय प्रभात*
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे अंदर भी इक अमृता है
मेरे अंदर भी इक अमृता है
Shweta Soni
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
Ranjeet kumar patre
संवेदना(फूल)
संवेदना(फूल)
Dr. Vaishali Verma
बेड़ियाँ
बेड़ियाँ
Shaily
चाय पार्टी
चाय पार्टी
Mukesh Kumar Sonkar
केहरि बनकर दहाड़ें
केहरि बनकर दहाड़ें
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
धार में सम्माहित हूं
धार में सम्माहित हूं
AMRESH KUMAR VERMA
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
शिवाजी गुरु स्वामी समर्थ रामदास – भाग-01
शिवाजी गुरु स्वामी समर्थ रामदास – भाग-01
Sadhavi Sonarkar
Loading...