Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2024 · 1 min read

प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट

प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट
अपना गलत चुनाव ही, देगा हमको चोट
देगा हमको चोट, ध्यान इसका सब रखना
अपनी आँखें खोल, ठीक से उसे परखना
कहे ‘अर्चना’ बात ,योग्य, सच्चा, मृदुभाषी
करे देश से प्रेम, चुने ऐसा प्रत्याशी

डॉ अर्चना गुप्ता
12.04.2024

1 Like · 87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
ज़रूरत के तकाज़ो पर
ज़रूरत के तकाज़ो पर
Dr fauzia Naseem shad
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
हिन्दी
हिन्दी
Bodhisatva kastooriya
परिस्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल  ! दोनों ही स्थितियों में
परिस्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल ! दोनों ही स्थितियों में
Tarun Singh Pawar
मनीआर्डर से ज्याद...
मनीआर्डर से ज्याद...
Amulyaa Ratan
R J Meditation Centre
R J Meditation Centre
Ravikesh Jha
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सफर में महबूब को कुछ बोल नहीं पाया
सफर में महबूब को कुछ बोल नहीं पाया
Anil chobisa
मनुष्यता बनाम क्रोध
मनुष्यता बनाम क्रोध
Dr MusafiR BaithA
Finding alternative  is not as difficult as becoming alterna
Finding alternative is not as difficult as becoming alterna
Sakshi Tripathi
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
घाघरा खतरे के निशान से ऊपर
Ram Krishan Rastogi
चोट शब्द की न जब सही जाए
चोट शब्द की न जब सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
पूर्वार्थ
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा  है मैंने
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा है मैंने
शिव प्रताप लोधी
साँप और इंसान
साँप और इंसान
Prakash Chandra
सुनो, मैं जा रही हूं
सुनो, मैं जा रही हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
गाए जा, अरी बुलबुल
गाए जा, अरी बुलबुल
Shekhar Chandra Mitra
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
ये गीत और ग़ज़ल ही मेरे बाद रहेंगे,
सत्य कुमार प्रेमी
वक्त के रूप में हम बदल जायेंगे...,
वक्त के रूप में हम बदल जायेंगे...,
कवि दीपक बवेजा
मनमुटाव अच्छा नहीं,
मनमुटाव अच्छा नहीं,
sushil sarna
*हजारों साल से लेकिन,नई हर बार होली है 【मुक्तक 】*
*हजारों साल से लेकिन,नई हर बार होली है 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
"परम्परा"
Dr. Kishan tandon kranti
श्री राम भजन
श्री राम भजन
Khaimsingh Saini
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आत्मरक्षा
आत्मरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...