तेरी जुदाई
तेरे जाने पर मैं क्या कहूँगा?
तुझे रोक नही सकता, बस रो दुंगा।
गलतियां हुई मुझसे,स्वीकारता हूँ।
पीछे अब लौट नही सकता, आगे तुझे खो दुंगा।।
दिल की दूरियां, जिस्मों की दूरियों से बढ़ जाती है।
इजाजत दो तो, मैं अभी इन्है मिटो दूंगा।।
तेरा एहसास अंदर है मेरे, मेरी रूह तक।
तूने कैसे सोचा लिया कि मैं इसे भुला दूंगा।।
मेरी बैचेनी अभी से बढ़ने लगी हैं।
अपनी तन्हाइयों में खुद को, मैं खो दूंगा ।।
मेरे गिरते हुए आसूँ, झूठ लग रहे हैं तुझको,
सच कहता हूँ, मैं इन्ही में खुद को डुबो दूंगा।।
तेरे जाने पर क्या कहूँगा?
रोक नही सकता बस रो दूंगा।।