Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2023 · 1 min read

कृष्ण की फितरत राधा की विरह

तू क्या जाने ओरे ऊधो,
विरहा जीवन की ये तड़फ,
ऐसे धड़के मोरा जिया,
जैसे आषाढ़ कड़के तड़क भड़क..।।

उठती यौवन की चिंगारी,
जलादे उपवन धू धू धड़क धड़क,
प्रेम मिलन की स्वेद बूंद ही,
करदे बंजर हरा भरा चहक महक..।।

बेवस अंखिया ढूँढती उसको,
आता जाता वो जिस सड़क सड़क,
तू क्या जाने ओरे ऊधो,
बाट जोहती इन नैनों की ये दरक..।।

खोया जीवन,
हर पल उसका चिंतन,
दिन रात पलकों में,
सावन जैसी टपक टपक..

सावन गुजरा शरद आ चली,
फिर भी मेरा यौवन उजड़ भिखड़,
तू क्या जाने ओरे ऊधो,
इन सूखते होंठों की ये उमस..।।

डसती रातें गिरते तारे,
तोड़ते नसों को तड़क तड़क,
तू क्या जाने ओरे ऊधो,
आग उगलती चाँदनी रात की ये झड़प..।।

प्यासी गोपियाँ, पासी गायें,
प्यासा गोकुल, प्यासी राधा,
ना प्यास बुझती चाहे पड़े रहे यमुना में,
जैसे जलकुंभी जलज..

तू क्या जाने ओरे ऊधो,
बिरहा जीवन की तड़फ…..।

नहीं जानना ब्रह्म वेद को,
नहीं जानना निस्वार्थ प्रेम को,
क्या छल करना भी ब्रह्म की फितरत,
तू समझा दे हमको अभी इधर..।।

तू क्या जाने ओरे ऊधो,
छलीया के छल की मेरे दिल में कसक..।।

कभी गोपियाँ कभी राधे,
कभी सत्यभामा कभी रुक्मणी,
ये कृष्ण की फिरतर थी या लीला थी,
सोलह हजार गोपियों साथ महारास किया,
परम् ब्रह्म की वह कौन सी जल क्रीड़ा थी..??

प्रशांत सोलंकी,
नई दिल्ली -07

6 Likes · 1 Comment · 1011 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
योग का एक विधान
योग का एक विधान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
सच, सच-सच बताना
सच, सच-सच बताना
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मैं सुर हूॅ॑ किसी गीत का पर साज तुम्ही हो
मैं सुर हूॅ॑ किसी गीत का पर साज तुम्ही हो
VINOD CHAUHAN
जीवन बूटी कौन सी
जीवन बूटी कौन सी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अन्नदाता किसान
अन्नदाता किसान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आया होली का त्यौहार
आया होली का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
** हद हो गई  तेरे इंकार की **
** हद हो गई तेरे इंकार की **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*शादी के पहले, शादी के बाद*
*शादी के पहले, शादी के बाद*
Dushyant Kumar
दर जो आली-मकाम होता है
दर जो आली-मकाम होता है
Anis Shah
सुवह है राधे शाम है राधे   मध्यम  भी राधे-राधे है
सुवह है राधे शाम है राधे मध्यम भी राधे-राधे है
Anand.sharma
"बात हीरो की"
Dr. Kishan tandon kranti
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
सुबह वक्त पर नींद खुलती नहीं
सुबह वक्त पर नींद खुलती नहीं
शिव प्रताप लोधी
हिन्दू जागरण गीत
हिन्दू जागरण गीत
मनोज कर्ण
💐प्रेम कौतुक-350💐
💐प्रेम कौतुक-350💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*सरल सुकोमल अन्तर्मन ही, संतों की पहचान है (गीत)*
*सरल सुकोमल अन्तर्मन ही, संतों की पहचान है (गीत)*
Ravi Prakash
मैंने  देखा  ख्वाब में  दूर  से  एक  चांद  निकलता  हुआ
मैंने देखा ख्वाब में दूर से एक चांद निकलता हुआ
shabina. Naaz
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
हम रहें आजाद
हम रहें आजाद
surenderpal vaidya
जिंदगी की उड़ान
जिंदगी की उड़ान
Kanchan verma
पुष्प रुष्ट सब हो गये,
पुष्प रुष्ट सब हो गये,
sushil sarna
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
तनख्वाह मिले जितनी,
तनख्वाह मिले जितनी,
Satish Srijan
3164.*पूर्णिका*
3164.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
Vinod Patel
देश हमारा
देश हमारा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...