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21 Dec 2021 · 1 min read

मेरे मरने से पहले

मैं जानता हूँ मरने पर
नाम लेकर मेरा
तेरे आसूँ निकलेंगे
हर कही बातों में
अच्छाई के लब्ज़ निकलेंगे
मैं चाहता हूँ कहदो वो सब
जो मेरे मरने के बाद
तेरे आसूँ बनकर निकलेंगे…

है अजीब रिस्ता मेरा तुझसे क्यूँ..?
मैं हूँ पास तेरे फिर दूर क्यूँ..?
तू समाया है मुझमें रूह बनकर ही
और बहता है मुझमें खून बनकर ही
मैं हूँ परेशान तो तू हँसता है क्यूँ.?
मैं हूँ जिंदा तो तू दूर रहता है क्यूँ.?
आज कहदे जो तुझे कहना है
मरने के बाद क्या तुझे मेरे साथ रहना है.?

मैं नही कहता कि मैं अच्छा हूँ,
और ना बनता कि मैं अच्छा हूँ,
अच्छा हूँ मैं तेरे चाहने पर और हूँ बुरा तेरे चाहने पर
तय करना अभी तुझको है
अच्छा हूँ या बुरा हूँ जो भी हूँ बस जिंदा रहने तक..।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 437 Views
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