हमारा मिलना
ऐसे ही नही मिले हम,
सादिया गुजर गयी हमें मिलाने में,
पहले बने सूरज, सितारे
फिर बने आसमान और नजारे
फिर बने पृथ्वी और बहारें
फिर बने फूल और वादियां
और फिर सागर और घाटियां
फिर मिले मैं और तू
और बने हम,
और हमारे फसाने..।
ये जहां यू ही नही बना
ये चाँद, ये सूरज
और हजारों सितारे
ये दिन, ये रात
और गुलों में खिलती बहारें
ये पृथ्वी, ये आसमान
ये मेघ, ये बादल
और अदृश्य मेहनत,
सब तेरे लिए बना है
तुझसे मिलाने के लिए बना है
तुझे हंसाने के लिए बना है
सब युहीं नही बना है…।।
मैं ईस्वर नही,
मगर बन गया हूँ,
तेरे चेहरे को देख संवर गया हूँ
मैं आम से खास हुआ हूँ
और ज्यादा तेरे पास हुआ हूँ
पहले मैं एक था,
अब भी एक हूँ,
मगर तेरी परछाई बन गया हूँ…।।