देश बचा लो…
क्या हो गया मेरे देश को भाई
किसने इसको नजर लगाई
हर तरफ हाहाकार मचा है
हर तरफ नफरत का जाल बिछा है..!!
हिन्दू-हिन्दू, मुस्लिम-मुस्लिम
मन्दिर-मन्दिर, मस्जिद-मस्जिद
वस यही एक बात बची है
हर जगह यही दुकान सजी है..!!
नेता सब कुछ बेच रहा है
कहीं तिरंगा कहीं देश बेच रहा है
कहीं बिक रहा धर्म और जाति
कहीं बिक रही पूर्वजो की थाती..!!
बेगुनाह जैलों में पड़े हैं
गुनहगार गाड़ी से रौंद रहे हैं
सच्चाई से सब डरने लगे
झूठ के आगे सिर झुकने लगे है..!!
रक्षक ही अब भक्षक हो रहा
थाली से अब निबाला खो रहा
कर की बेहिसाब मार पड़ी है
अमीरों की ही अमीरी बड़ी हैं..!!
गरीब जमीनदोज हो रहा
आटे के लिए किसान रो रहा
सिपाही सीमा पर खुद को खो रहा
तिरंगे से लिपटा परिवार रो रहा…!!
राशन पाने लाइन लगी है
गरीबी मुँह फाड़े खड़ी है
अस्पताल शमशान हो रहे
नेताओं के ठिकाने आलीशान हो रहे..!!
इतिहास की अब कब्र खुद रही
बदबू, नफ़रत चहुँ ओर फैल रही
बापू अब आतंकी हो गया
और हत्यारा बापू हो गया..!!
नेहरू की अब नहर रुक गयी
लोकतंत्र की धारा थम गयी
भारत माँ की जय जयकार हो रही
और नारी-देवी की साड़ी खिंच रही…!!
संविधान कागजों का गठ्ठर हो गया
और विधान राजा का बिस्तर हो गया
न्याय का तराजू खौफ़ से हिल रहा
और लालच में केवल उल्टा तुल रहा..!!
संस्थाएं आलू-गाजर हो रही
राजा की मसालेदार चाट हो रही
जिसको चाहो जैल में डालो
जिसको चाहो सैनिक बना लो..!!
जिसको चाहे देशद्रोही बनादो
जिसको चाहे आतंकी कह दो
आंदोलन आन्दोलनजीवी हो रहे
बेरोजगार युवा पकौड़ी-चाट तल रहे..!!
पाकिस्तान हो गया नया ठिकाना
हर विचार विरोधी को वहीं बसाना
पडौसी-चीन लाँघ रहा लक्ष्मण रेखा
और लक्ष्मण मयूर नृत्य में मजे से बैठा..!!
किसको मजबूर आवाज़ लगाए
किसपर गरीब विस्वास जताए
हर पार्टी-सरकार का एक ही फंडा
किसी का सट्टा-किसी का डंडा..!!
जय श्रीराम, जय जय श्रीराम
नारा हो गया राजनीति के नाम
जो ना बोले उसी को मारो
और मुँह में गंदगी भर डालो..!!
मेरे भाई ये देश बचा लो
सुलगी रही इस आग को बुझा लो
जल्दी ये फिर दावानल बनेगी
और सबकुछ खाक कर देगी…!!
ना होगा फिर कोई इंसाफ
विरोध करेगा वो उतरेगा मौत के घाट
समय भी छोड़ देगा फिर सबका साथ
फिर होगा अपना हथियार और अपनी बात…!!