Mugdha shiddharth Tag: मुक्तक 326 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Mugdha shiddharth 17 Apr 2020 · 1 min read मा'ज़ूर मैं उस की गली से गुजरी आंखों से मा'ज़ूर हो गई पलकों को धोया नमक से और फिर बेनूर हो गई ~ सिद्धार्थ ऐब ही देखोगे क्या? कोई खूबी भी... Hindi · मुक्तक 5 373 Share Mugdha shiddharth 16 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक गर मयस्सर नहीं खुली धूप तुम को जाना नफ़स - नफ़स में गर मौत कुलबुलाती है तुम अजाबे लॉक डाउन में भी जाना खुशी से अज़ाब की तरह ही रहो... Hindi · मुक्तक 2 421 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक काफ़ी है... लहज़े की ही खूबसूरती चेहरा खूबसूरत लेकर क्या करोगे पेचीदा उम्र गुजरेगी जैसे जैसे हसीन सुर्ख चेहरा सादा ही करोगे ~ सिद्धार्थ घर से निकल कर तुम घर... Hindi · मुक्तक 2 259 Share Mugdha shiddharth 15 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक जहां तेरा, जहां मेरा, जहां इसका उसका जहां - जहां जीवन का वजूद है इश्क हर उस जगह हर हाल में मौजूद है ! ~ सिद्धार्थ बहुत देर भटकने के... Hindi · मुक्तक 2 444 Share Mugdha shiddharth 14 Apr 2020 · 1 min read प्रीतम कागा चुग गए मोरे नैनन को किस बिध पिया देखूं तोय दो नयनन के अजब खेल में पिया जीते न ही मोय ~ पुर्दिल सिद्धार्थ प्रीत परा था मन के... Hindi · मुक्तक 2 420 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक क्या गजब कि मुझ पे मुहब्बत का इल्ज़ाम है मैंने सांस भी ली है उस पे मर जाने के बाद ~ पुर्दिल सिद्धार्थ 2. हर तरफ बेहीसी का आलम है... Hindi · मुक्तक 2 503 Share Mugdha shiddharth 13 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक हर मोड़ पे कोई न कोई हम से ख़फ़ा है ऐसा लगता है सभी वफ़ा के पुतले में हमीं इक बेवफ़ा हैं ~ सिद्धार्थ 2. बड़ी देर तक ताकती रही... Hindi · मुक्तक 1 229 Share Mugdha shiddharth 11 Apr 2020 · 1 min read आवारगी आंखों से पढ़ा किए सब देखा न अपनी आवारगी अजनबी दिल रहा और आंखों में रही आवारगी बड़ी नफ़ासत से ऐब गिनवाए उसने, देखा किए बस मुझ में मेरी विरानगी... Hindi · मुक्तक 2 5 241 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read उम्र उम्र ही था जो हर शाम सूरज के साथ थोड़ा ढल गया सूरज तो ज्यूं का त्यु रहा उम्र किस्तों में ढल गया. हर शाम एक छटाक बचपन बुढ़ापे के... Hindi · मुक्तक 1 1 241 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read भूखा भूखा सर को उठाए भी तो कहां ये अपने हाल पे रोता है कानों में तेल डाले बैठे सिस्टम अपने खाट पे सोता है कोई जात को रोता है कोई... Hindi · मुक्तक 2 469 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक 1. मुहब्बत यूं ही रह गया दुकान के आले में नफरत हाथों हांथ बिक गया बस दिखाने में ~ सिद्धार्थ 2. मेरे अंदर का इंसान मुझे आज अंधेरे में रहने... Hindi · मुक्तक 2 1 204 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read #सुकून 1. सुकून के तलाश में दिल में भगवान को बिठाए रहा मैं पहर भर सुकून तब मिला जब प्यासे के मुंह में कुछ बूंदे छलका दिए ~ सिद्धार्थ 2. धर्म... Hindi · मुक्तक 4 3 522 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read साहेब के मन की बात कुछ गुफ्तगू अभी भी है तुम से बाक़ी इंतजार रहे हम फिर फिर आयेंगे दूरी बढ़े न जहालत से ताकि...? आवाम तुम्हारे मन के कोने में रहे न सरकार से... Hindi · मुक्तक 1 337 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read वो कौन है 1. वो कौन है जिसने अम्बर से घड़ा उड़ेला दिया है तन को गीला कर मन को सूखा छोड़ दिया है क्या उसे मालूम नहीं बेघर बच्चों ने पत्तों को... Hindi · मुक्तक 1 473 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मैंने फिर मैंने आवाज लगाई है अना की धज्जियाँ उड़ा के फिर से इख़लास-ए-मोहब्बत को तो मैंने तनहा देखा कोई आया तो चुप शहर के सीने पे बस मुझे ही बोलता... Hindi · मुक्तक 2 1 575 Share Mugdha shiddharth 1 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक यादों में यूं घर तुम न बनाया करो घर की दीवारें उदास होंगी कभी घर का भी दौरा कर आया करो वो जो उसका एक ख्याल टांग रखा है छत... Hindi · मुक्तक 2 1 464 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मुहब्बत पैरहन बदलती है कभी इस गली उछलती है कभी उस गली फुदकती है मुहब्बत सफ़र पे रहती है ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 412 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read दिल दिल है ये... दिल क्या तुम खीसे में रखते नहीं हो दिल की बातों को क्या अकसरहां समझते नहीं हो? बस लिय चलते हैं हम तो सीने पे दिल बाजू... Hindi · मुक्तक 3 1 264 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक खुशबू हो बिखर जाऊं मैं तुम इत्रदान न लाना की कैद हो जाऊं मैं। ~ सिद्धार्थ प्रेम में हो ... बने ही रहो लोग आज कल दूरियां बढ़ाने में मसरूफ़... Hindi · मुक्तक 3 1 406 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तुम क्या मुझको मुझ में मिलोगे? मैं क्या तुमको तुम में कभी मिलूंगी? ये मिलना एक दूसरे को एक दूसरे के अंतर में क्या इसको सम्भव मैं या तुम करोगे?... Hindi · मुक्तक 3 452 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दुखी दिल से आह के सिवा क्या ही निकलेगा जब भी लब खुलेगा आग के सिवा क्या ही निकलेगा ~ Siddharth पहली बार पैदा हुए थे पहली बार ही मरेंगे... Hindi · मुक्तक 1 482 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read प्रेम प्रेम परिहास करता है कि दिल है तो दर्द सहो आंखे नम हो फिर भी होठों से हंसते ही रहो? ~ सिद्धार्थ समंदर को सूखने से बचाने के लिए ही... Hindi · मुक्तक 3 416 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक हम दिल दिल खेलते हैं... हमारे पास दिल है क्या? बिछड़ गए हैं खुद से कब के हम ... इसका हमें इल्म है क्या? ❤️????? ~ सिद्धार्थ दिलबरी, दिलकशी ये... Hindi · मुक्तक 4 374 Share Mugdha shiddharth 28 Mar 2020 · 1 min read मौत यार रह जाएंगे यहीं, हिज्र फिर भी न रुलाएगी याद सब छूटेंगे यहीं रूह अकेली जाएगी मौत से जिंदगी भला कब तलक टकराएगी ...सिद्धार्थ पहली बार पैदा हुए थे पहली... Hindi · मुक्तक 3 1 302 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक कहां कुछ है ऎसा जिसे चूम लूं मैं मेरी जन्नत तू आ तेरे कदमों को चूम के झूम लूं मैं ~ सिद्धार्थ 2. मेरे चैन का जरा इंतजाम तो करो... Hindi · मुक्तक 2 421 Share Mugdha shiddharth 24 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तुम्हें तुम्हारी चालाकियां मारेगी मुझे मेरी ख़ब्तीगी ही ले डूबेगी हम दोनों ही मझधार में हैं, हमें तो जीवन साहिल की धार ही ले डूबेगी ~ पुर्दिल सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 399 Share Mugdha shiddharth 24 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक बदलते वक़्त को दातों से नहीं दबाया करते बात खुशियों कि हो तो हलकी सी ठेस पे नहीं छलक जाया करते ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 337 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read अलविदा साथी... अलविदा साथी... शर्मिंदा नहीं हम तुम्हे छोड़ कर इस जहां से जाने में मानवता कि सेवा कर के जा रहे हैं हम तो बहाने से यादों में रखना मुझको भूल... Hindi · मुक्तक 3 253 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read दिल फिर तुम से न बहलाया जाएगा था पता मुझको कि तू समय से न आयेगा वो रात जाना तुम्हें क्या खूब रुलाएगा जिस रात कुण्डी न तेरी कोई खड़काएगा दिल का क्या है जाना ये तो... Hindi · मुक्तक 3 250 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मेरी बात न पूछ हम गहरी अंधेरी रात को भी, उनके यादों के जुग्नुओ से रौशन कर जाते हैं… उनकी सुरमई यादों के दामन से लिपट कर तनहाई को भी... Hindi · मुक्तक 4 225 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक कितने ख्वाब डूबे हैं पनिली आंखों के घाट पे दिल आश लगाए बैठा रहा यार के दहलीज के बाट पे वो आए तो पूछेंगे हम खामी क्या निकली मेरे प्यार... Hindi · मुक्तक 2 227 Share Mugdha shiddharth 22 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मैं दिल हो जाऊं तो तुम दर्द कहो होठो से चुप मगर आंखो से कहो सुबकते ख्वाब को महकता गुलाब कहो शाम के धुंधलके को सुबह का अफताब कहो ~... Hindi · मुक्तक 2 1 226 Share Mugdha shiddharth 22 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक अपने हाथों को धोउं या रहने दूं रात ख्वाब में उस ने इसे छुआ था पलट कर देखती मैं जब तक यार को बुलाहट उसको दूसरी तरफ़ से हुआ था...?... Hindi · मुक्तक 2 200 Share Mugdha shiddharth 21 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक शमा को कौन आगोश में भर के इठला पाया है ये वो सय है जो परवाने को भी ख़ाक में मिलती है ये जो मुहब्बत है दिल कि नायाब दानिशमंदी... Hindi · मुक्तक 2 347 Share Mugdha shiddharth 20 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. चाहत समझ का ही तो फेर है, किसी को कोई समझ आ जाता है किसी को कोई समझता ही नहीं... ~ पुर्दिल हम अपनी चुप से तुम्हें मात देंगे... Hindi · मुक्तक 3 1 221 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. अब कोई माधव न चुपके से आयेगा हे द्रोपदी कोन है जो तुम्हें बचाएगा??? 2. काबिल फ़रिश्ते बैठें हैं शाखो पे साथी खुराफातों का ये जमाना है कौन कान्हा... Hindi · मुक्तक 3 232 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक बच्चों ने अवाद कर रखी है दुनियां को वर्ना कहां इस दहर में दिल शाद होता है ये वो जुगनू हैं जो उठाए फिरते हैं रोशनी को और दुख केअंधेरे... Hindi · मुक्तक 4 205 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तू ख्याल रख या के न रख, मेरे ख्याल में है तू बस इतना का तू ख्याल रख ~ पुर्दिल सिद्धार्थ 2. तुझे देखते हुए देखा... तुझे देखते हुए लोगों... Hindi · मुक्तक 3 388 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. मैं तुम्हें बहुत ढूंढती रही खुद में, तुम तो मिल गए... बस मैं ही कही कहीं खो गई... ~ पुर्दिल 2. बेवफ़ा यार नहीं मेरा मेरे जानिब से बस... Hindi · मुक्तक 3 205 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मेरे आने के सारे रास्ते पे आग बोया गया है बड़ी सिद्दत से दिल के पांव में छाले ही छाले उभर आए हैं मैंने तो नहीं दिल ने मगर चीख... Hindi · मुक्तक 4 328 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक ये जो तुम देख कर भी नहीं देखते आदत है, या यूं ही तुम नहीं देखते.? स्याह रातों में चांद झांकता हो झरोखे से उठ के तुम हाल मेरे जानिब... Hindi · मुक्तक 3 236 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक बड़ी हैरत से हम उन्हें देखा किए आज उठाए फिरते थे सच के कंधे पे जो झूठ की लाश न्यालय से संसद में आ गए वो आज.? अब सच भी... Hindi · मुक्तक 4 489 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक हम डूबे हुए थे नाक तक, तुम्हारे सर से पानी गुजरते देखा तो चैन आया...??? बड़े बेचैन फिरते थे गुलाबों के दस्त में हम तुम्हारे बेली में भी खार उगते... Hindi · मुक्तक 3 227 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक बड़े नाज़ुक दौर के रहगुज़र से गुजर रहे है हम लिबास बदन पे है और बदन उतार रहे हैं यहां लोग ये जो घूमते हैं संसद के बाजार में फूले... Hindi · मुक्तक 3 162 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read कहां हम भूले भूल कर भी तुम्हें कहां हम भूले वो खवत वो रबत कहां हम भूले तेरे पेशानी को चूमती थी जो अल्क ख़्वाब में भी उसे सुला के कहां हम भूले... Hindi · मुक्तक 3 377 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दवा लगे न दुआ लगे सजदे में मेरा सर न झुके लोग कहते हैं मेरे दिमाग का खाना खराब है ~ सिद्धार्थ 2. ये कैसी गफलत है सारे शहर में... Hindi · मुक्तक 3 2 323 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक सब ने कहा, भूलने की तुझे बुरी लत लग आई है हम ने कहा, कहां इसे मैंने अभी तक दिल से लगाई है दिमाग की ये तो जाई है, दिमाग... Hindi · मुक्तक 3 2 199 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दिल के कमरे में पहले से ही पुर-ख़ुलूस सा किरायेदार रहता है बेचैनियों से मेरी वो राबता रखता है हर सांस में नाम के उसके धड़का रहता है धडकनों के... Hindi · मुक्तक 4 4 266 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक जिंदगी ने दी नहीं हम ने पलट कर ली नहीं एक कतरा जिंदगी अपने लिए हम ने जब भी अपनी खुशी देखी अपनों को खुशी मेरी देखी गई नहीं हम... Hindi · मुक्तक 3 2 346 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. सूखी शखों को भी ये तो खिल कर गुलनार कर देती हैं ये फूल हैं यारा बेनूर दिलों को भी कचनार कर देती हैं ~ सिद्धार्थ 2. मैं अपनी... Hindi · मुक्तक 3 243 Share Previous Page 2 Next