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24 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

बदलते वक़्त को दातों से नहीं दबाया करते
बात खुशियों कि हो तो हलकी सी ठेस पे
नहीं छलक जाया करते
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 323 Views
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