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17 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

हम डूबे हुए थे नाक तक,
तुम्हारे सर से पानी गुजरते देखा तो चैन आया…???

बड़े बेचैन फिरते थे गुलाबों के दस्त में हम
तुम्हारे बेली में भी खार उगते देखा तो चैन आया…

~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 208 Views
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