Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

मुक्तक

1.
मैं तुम्हें बहुत ढूंढती रही खुद में,
तुम तो मिल गए…
बस मैं ही कही कहीं खो गई…
~ पुर्दिल
2.
बेवफ़ा यार नहीं मेरा मेरे जानिब से
बस उम्र लगी मुझे ही बताते बताते

वो जो एक बार पलट कर देखता
उसे भी लगता जमाने जाते जाते
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होली
होली
Manu Vashistha
*महाराज श्री अग्रसेन को, सौ-सौ बार प्रणाम है  【गीत】*
*महाराज श्री अग्रसेन को, सौ-सौ बार प्रणाम है 【गीत】*
Ravi Prakash
रग रग में देशभक्ति
रग रग में देशभक्ति
भरत कुमार सोलंकी
तेरे बिना
तेरे बिना
DR ARUN KUMAR SHASTRI
World Emoji Day
World Emoji Day
Tushar Jagawat
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
यदि आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं
यदि आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं
Paras Nath Jha
होके रुकसत कहा जाओगे
होके रुकसत कहा जाओगे
Awneesh kumar
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
भीम आयेंगे आयेंगे भीम आयेंगे
भीम आयेंगे आयेंगे भीम आयेंगे
gurudeenverma198
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
कवि रमेशराज
-जीना यूं
-जीना यूं
Seema gupta,Alwar
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
23/214. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/214. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
सच और झूँठ
सच और झूँठ
विजय कुमार अग्रवाल
हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है
हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है
Ram Krishan Rastogi
ये न सोच के मुझे बस जरा -जरा पता है
ये न सोच के मुझे बस जरा -जरा पता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सनातन संस्कृति
सनातन संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
Shubham Pandey (S P)
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
Sanjay ' शून्य'
* निशाने आपके *
* निशाने आपके *
surenderpal vaidya
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
💐 Prodigy Love-41💐
💐 Prodigy Love-41💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
झूठ
झूठ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Dating Affirmations:
Dating Affirmations:
पूर्वार्थ
दुकान वाली बुढ़िया
दुकान वाली बुढ़िया
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...