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Comments (5)

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11 Apr 2020 09:27 PM

????

बहुत सुंदर हुआ करती है ये आवारगी ,
हर प्रेमी की पहचान होती है ये आवारगी ।

कुछ पल के लिए कभी गिरा देती है ये आवारगी ,
तो कभी सराखो पर बिठा देती है ये आवारगी ।

कभी खुले जुल्फों के लिए शायरी बुला लेती है ये आवारगी ,
कभी पत्थर को भी पूज्नीय बना देती है ये आवारगी ।

पल भर में खुशियों की सौगात लाती है ये आवारगी ,
कभी नग्न पैरों में भी छाले पड़ा देती है ये आवारगी ।

बारिश की एक बूंद से भी प्यास बुझा देती है ये आवारगी ,
कभी समन्दर के पास भी एक बूंद के लिए भी तरसा देती है ये आवारगी ।

हर मंजिल की शुरुआत होती है ये आवारगी ,
कुछ भी हो बड़ी नादान होती है ये आवारगी ।

12 Apr 2020 08:13 AM

❤️?

एक अजनबी झोंके से पूछा जब मैंने गम का सबब।
सहरा की भीगी रेत पर उसने लिखा आवारगी।

श़ुक्रिया !

12 Apr 2020 08:13 AM

देखिए ये दिल ए बर्बाद लेकर कहां मुझ को जाएगी
हमने आती जाती हवा के परों पे लिख दिया आवारगी !

बहुत खूब !

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