कवि संजय कौशाम्बी 329 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read सब पैर कट गए दुख की घड़ी में बात से अपनी पलट गए खुशियों में वही जोंक के जैसे लिपट गए दो चार मंजिलों का है माकान ये मगर छोटे से एक कमरे में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 207 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read कोरोना की दहशत में खुद ही खुद से बहल रहे हैं कोरोना की दहशत में पर अंदर से दहल रहे हैं कोरोना की दहशत में स्वच्छ देश के नारों पर न जिनके कान पे... Hindi · कविता 2 208 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 2 min read चलती बस में चलती बस में देखा उसे गोद में एक बच्चे के साथ उम्र रही होगी....लगभग तीन या चार माह बच्चे की और चौबीस या पचीस वर्ष उसकी वो खड़ी थी..मैं भी... Hindi · कविता 2 203 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read लंगर उठाना पड़ेगा भँवर में सफीने को जाना पड़ेगा कभी तो ये लंगर उठाना पड़ेगा तन्हा जा रहा हूँ मगर याद रखना तुम्हें भी मिरे बाद आना पड़ेगा मुहब्बत है मंजिल मगर रास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 412 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read याद करता है समंदर से भी ज्यादा प्यार गहरा याद करता है जमाना आज भी वो मेरा किस्सा याद करता है टहलते पार्क में गुजरा महकती शाम का हर पल तिरी आँखों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 308 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तुम्हारी यादों के अंजुमन में... तुम्हारी यादों के अंजुमन में हमारी धड़कन मचल रही है चले भी आओ कि जान मेरी ये धीरे-धीरे निकल रही है हमारी बाँहों की कैद से तुम निकल गए जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 456 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read चलना है मुश्किल जमीं दलदली है के चलना है मुश्किल गिरे तो समझ लो सँभलना है मुश्किल छुपा लोगे सबसे मगर उस खुदा की निगाहों से बचकर निकलना है मुश्किल मुझे मंजिलों ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 330 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read लगी हैं बंदिशें... लगी हैं बंदिशें हम पर न हँसना है न रोना है हमारे हाथ में टूटे हुए दिल का खिलौना है हथेली की लकीरों से लड़ो दिल खोलकर लेकिन हकीकत तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 191 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हे माँ सरस्वति तार दे! हे माँ सरस्वति तार दे! तेरी शरण आए हैं हम लेकर मनोरथ पूर्ण कर प्यासे नयन की वेदना हर, ज्ञान दे सम्पूर्ण कर छेड़ दे कुछ राग ऐसा हो हृदय... Hindi · गीत 2 272 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जीन्स वीन्स भी पहनो लड़के छुट्टे पर लड़की पर पहरा लगता है आधी खिड़की पर ही क्यों ये परदा लगता है लाख जुबाँ हो मीठी लेकिन सच की है तासीर यही तुम कह दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 387 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read परिंदों को रिहा कर दिया मैने वीरान दरख्तों से वफा कर दिया मैने पिंजरे से परिंदों को रिहा कर दिया मैने उस दिन से कुछ जियादा ही चर्चे शहर में हैं जिस दिन से शराफत को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 226 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read करने लगा हूँ शायरी सर्दी-जुकाम पर ना तो यकीं सुबह पे है ना तो है शाम पर आकर खड़े हैं इश्क़ में ऐसे मुकाम पर टूटा पड़ा था जोड़ा कितनी बार दिल मगर आने नहीं दी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 689 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read ये तितलियाँ नहीं होतीं भरी फूलों से अगर डालियाँ नहीं होतीं तुम्हारे बाग में ये तितलियाँ नहीं होतीं हवा-पानी में अगर यारियाँ नहीं होतीं जिंदा पानी में कभी मछलियाँ नहीं होतीं कटे हैं जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 186 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मुझको भुला रहा है कोई हो गया मोम सा खुद को गला रहा है कोई आज फिर जिंदगी की लौ जला रहा है कोई खो गया चैन भी और उड़ गयी है नींद मेरी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 204 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कोरोना की दहशत में खुद ही खुद से बहल रहे हैं कोरोना की दहशत में पर अंदर से दहल रहे हैं कोरोना की दहशत में स्वच्छ देश के नारों पर न जिनके कान पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 426 Share कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 1 min read वक़्त के आगे भाग युवा तज नींद को अब तू जाग युवा अपने अधिकार को मांग युवा जीवन में कुछ करना है तो वक़्त के आगे भाग युवा सागर की लहर को मोड़ दे तू... Hindi · कविता 2 347 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read ना तो आया गया ना बुलाया गया इश्क़ भी इस कदर कुछ निभाया गया हर कदम पर हमें आजमाया गया ख्वाहिशें थी मिलन की मगर देखिए ना तो आया गया ना बुलाया गया जब सितम की कड़ी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 284 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पलकें बिछा दी है बरसात की बूँदों ने फिर आग लगा दी है चाहत के च़रागों को मौसम ने हवा दी है भीगी हुई अँखियों से बारिश के महीने में टूटे हुए पत्तों ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 221 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 3 min read अगर न माँ सोई होती (वीर अभिमन्यु ) कूद पड़ा वह चक्रव्यूह में दुश्मन की ललकार पर द्वार तोड़ता अर्जुन सुत फिर पहुँचा अन्तिम द्वार पर लाश गिराता बाण चलाता सरपट रथ पर दौड़ रहा देख वीरता बालक... Hindi · कविता 1 242 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read ये ही रामराज तो नहीं राहत मिलेगी सबको मगर आज तो नहीं जनता को लूटने का ये अंदाज तो नहीं कैसी ये सिसकियाँ हैं ये कैसा है शोरगुल चिड़ियों के सर पे बैठा कोई बाज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 161 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मुझे वो भुलाने लगे ये उजाले हमें जब सताने लगे हम अँधेरों से रिश्ता निभाने लगे हमने खुद को कहा जब से सूरज मियाँ लोग दिन में भी दीपक जलाने लगे टूटकर पंखुड़ी जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 210 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read दीपक जला देता जो फूलों से गिरी शबनम उसे शोला बना देता मैं अपने आँसुओं से सारी दुनिया को जला देता तुम्हारी मुस्कराहट में ही मेरी जान बसती है ह्रदय के दर्द को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 184 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read गद्दार हो गए हम दिल के तुम्हारे जब से सरकार हो गए हम सारी बुराइयों के अवतार हो गए हम उलझे जो जा के तेरी जुल्फों की झुरमुटों में रुसवा शहर में अपने इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 425 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तुम कहाँ बैठे हुए हो मुँह फुलाए दिल भला लम्हात वो कैसे भुलाए जब खड़े थे सामने तुम सिर झुकाए वो मिला बैठा हुआ अपने ही भीतर हम जिसे चारों दिशा में खोज आए तुम बहारों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 405 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read आप रहने दीजिए दिल में है कुछ बात हमको भी तो कहने दीजिए आँसुओं को रोकना मुश्किल है बहने दीजिए भीड़ से खुशियाँ यकीनन बाँटिए मिलकर मगर गम को तो कुछ देर तनहाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बाहर निकाल दो माँ शीश है चरण में बैठे हैं माँ शरण में अब तो दया की दृष्टि हम पर भी डाल दो माँ मंझधार में फंसे हैं बाहर निकाल दो माँ साँसे थमी-थमी... Hindi · गीत 1 223 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मतदान के नाम जरा सा वक्त़ फुरसत का सुनो कुरबान कर देना दबाकर के बटन गणतंत्र का सम्मान कर देना तुम्हें सौगंध है इस देश की मिट्टी के कण-कण की वतन के वास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 186 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read अट्ठारह की हुई है वो बनकर के मजनू फिरता हूँ मैं जिसके प्यार में अट्ठारह की हुई है वो अबकी बहार में मतदाता सूची में भी उसका नाम आ गया कब से तड़प रहा था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 217 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read होली की विदाई महफिल है सजी दीवानों की करने धमाल तुम आ जाओ होली की विदाई करनी है लेकर गुलाल तुम आ जाओ हम लोग हैं सीधे साधे जन चुप मार के बैठे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 447 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read अबकी होली में अब रंग जमाएंगे...हम अबकी होली में तुझको रँग जायेंगे...हम अबकी होली में रंगीन जमीं होगी...रंगीन फ़लक होगा यूं गुलाल उड़ाएंगे...हम अबकी होली में ढोलक से मजीरे से...कह दो तैयार रहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 224 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जब देखोगे तुम मेरी ऊँचाई को छूने दौड़ोगे मेरी परछाँई को जब देखोगे तुम मेरी ऊँचाई को मन को तो समझा लोगे माना मैने पर कैसे समझाओगे अँगड़ाई को घर की दीवारों ने भी महसूस किया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read दोहे बैनर वैनर सब हटे घटे सबहिं के भाव फिर से अपने देश में घोषित हुए चुनाव पाँच साल जो न दिखे गिरे पड़े हैं पाँव एसी का सुख छोड़ के... Hindi · दोहा 1 240 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read सभी के दिल में रहता है किसी मंदिर या मस्जिद में कभी ईश्वर नहीं मिलता सभी के दिल में रहता है कभी बाहर नहीं मिलता नदी तुम हो वो सागर है बताओ अब जरा मुझको नदी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 182 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read यूँ ही न हुए हम-तुम बदनाम जमाने मे यूँ ही न हुए हम-तुम बदनाम जमाने मे कुदरत ने ही लिक्खा है सब कुछ अफ़साने में बेमतलब हँसते हैं, बेमतलब रोते हैं है कौन नहीं पागल इस पागलखाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 174 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बीच सदन मा जूता चलिगा मार सही के...झूठा चलिगा भैंस खड़ी बा खूँटा चलिगा होइ गइ चोरी मंत्रालय मा चोरवा फाइल लूटा चलिगा पेंशनियाँ से दूर भएन जब सरकरियन मा नोटा चलिगा ठोंक पीट के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 219 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read चुनाव आ गया उठने लगे सवाल लो चुनाव आ गया होने लगे बवाल लो चुनाव आ गया मंडी सजी है जीत हार तौल के लिए बैठे हुए दलाल लो चुनाव आ गया छूरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 261 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पाकिस्तान नहीं होगा सीख ले पाकिस्तान जरा कुछ उल्टी चली हवाओं से अभी वक्त है तौबा कर ले आतंकी आकाओं से अभी सलामत आँख वो जिसने बुरी नजर से घूरा है हाफ़िज,मसूद के... Hindi · कविता 1 182 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 2 min read चली चुनावी बयार चली आरोपों के धूल उड़ाती चली चुनावी बयार चली तर्कहीन बातों में उलझी आपस में तकरार चली गठबंधन से आस लगाकर जाति प्रवक्ता प्रखर हुए चार साल से शांत विपक्षी अब... Hindi · कविता 1 202 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read महाकाल बन जाते हैं आज समर्पित कविता भारत माँ की आँख के तारों को जान निछावर करने वाले देश के पहरेदारों को पहन के वर्दी तान के सीना जब ये शेर निकलते हैं जंगल... Hindi · कविता 1 181 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read गद्दारों को फाँसी दो आतंक का जलवा देख रहा है जग कश्मीर की घाटी में न जाने बो रहा कौन बारूद मुल्क की माटी में वीर शहीदों ने जाँ अपनी जिस माटी में गँवाई... Hindi · कविता 1 239 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read एलबम में तस्वीर पुरानी तेरी भी है बातें सारी याद ज़बानी तेरी भी है अफसाने में मेरे कहानी तेरी भी है खो जाता हूँ जाकर मैं उन गलियों में खोई-खोई जहाँ निशानी तेरी भी है ठहरा-ठहरा सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 188 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read आँधियों में लौ जलाने के लिए डर त्याग कर लड़ जाइए डर को मिटाने के लिए घर से निकल कर आइए घर को बचाने के लिए खामोश रहना हद से ज्यादा बुज़दिली है आजकल कर दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 187 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read आँसू देने वाला कोई पराया होगा फूलों से जब दामन को उलझाया होगा काँटों ने तब अपना रंग दिखाया होगा मंज़िल पर जाकर के ही जो ठहरे होंगे उनको चलना वक़्त ने ही सिखलाया होगा यादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 203 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read लेकर तिरंगा चल पड़ा गणतंत्र के आलोक में प्रतिदीप्त है हिमगिरि शिखर सुन्दर सुशोभित राष्ट्रध्वज लहरा रहा हर गाँव घर पंक्षियों ने तान छेड़ी भ्रमर राग सुनाए गुनगुन निःशब्द सावधान प्रकृति कल-कल में गूँजी... Hindi · कविता 1 160 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जरा होश में आओ ऐ मेरे देश के लोगों क्यों आपस में लड़-मर रहे हो जरा होश में आओ ये क्या कर रहे हो क्यों करते हो भेदभाव क्यों करते हो जातिवाद क्या इसीलिए... Hindi · कविता 1 183 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read दोस्ती श्मशान में चिता की तरह है दोस्ती एक रिश्ता है जिसे फ़रिश्ते नहीं बनाते ये खून से नहीं विचारों से बनता है इसकी प्रकृति खून से भी गाढ़ी होती है दोस्ती तोड़ देती है सामाजिक बंधनों... Hindi · कविता 1 219 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read याद आती हैं वो गुलशन.फूल,वो रंगीं फिजायें याद आती हैं मुझे सावन की वो काली घटायें याद आती हैं बड़ा प्यारा सा अपना गाँव था तालाब के पीछे मुझे मिटटी के घर की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 148 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read शर्त मगर इतनी है वो भी हिम्मत वाला निकल आता है कितना भी गहरा दलदल हो शेर तो शेर ही होता है पिंजरा हो या जंगल हो छीन तो लूँ दुनिया से उसे रखता हूँ वो... Hindi · कविता 1 306 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बाद में शख़्स वो मुस्कुराया बहुत ख्वाब में जा के उसको सताया बहुत इस तरह वक़्त हमने गंवाया बहुत ज़िंदगी आजमा ले तू जी भर मुझे मैंने भी तो तुझे आजमाया बहुत था पराया जो अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 158 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read याद भी अब तुम्हारी रुलाती नहीं चाँदनी आजकल छत पे आती नहीं रात भी अब कभी मुस्कुराती नहीं झूठ सुनना अगर चाहो तो लो सुनो याद भी अब तुम्हारी रुलाती नहीं गर मोहब्बत में न हारते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 176 Share Page 1 Next