Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

सभी के दिल में रहता है

किसी मंदिर या मस्जिद में कभी ईश्वर नहीं मिलता
सभी के दिल में रहता है कभी बाहर नहीं मिलता

नदी तुम हो वो सागर है बताओ अब जरा मुझको
नदी है कौन सी जग में जिसे सागर नहीं मिलता

हँसी अनमोल नेअमत है खुदा की दोस्तों जग में
खुदा से दूर हो जाता है जो हंसकर नहीं मिलता

अगर है चाह अंबर की सितारा बन के चमको तुम
बनें जो राह के कंकड़ उन्हें अंबर नहीं मिलता

सही क्या है गलत क्या है तजुर्बा ही सिखाएगा
ये ऐसा ज्ञान है जो कि कभी पढ़कर नहीं मिलता

निछावर कर दिया खुद को जमाने के लिए जिसने
वो बाहर ही भटकता है कभी घर पर नहीं मिलता

कि जी है जिंदगी जिसने हमेशा अपनी शर्तों पर
जमाने की रवायत से कभी डरकर नहीं मिलता

1 Like · 181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*वो खफ़ा  हम  से इस कदर*
*वो खफ़ा हम से इस कदर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
निशांत 'शीलराज'
चंद अपनों की दुआओं का असर है ये ....
चंद अपनों की दुआओं का असर है ये ....
shabina. Naaz
सफ़ेदे का पत्ता
सफ़ेदे का पत्ता
नन्दलाल सुथार "राही"
■ भाषा का रिश्ता दिल ही नहीं दिमाग़ के साथ भी होता है।
■ भाषा का रिश्ता दिल ही नहीं दिमाग़ के साथ भी होता है।
*Author प्रणय प्रभात*
.......,,
.......,,
शेखर सिंह
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है
Neelam Sharma
शेर
शेर
Monika Verma
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
हौंसले को समेट कर मेघ बन
हौंसले को समेट कर मेघ बन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चेतावनी हिमालय की
चेतावनी हिमालय की
Dr.Pratibha Prakash
*वक्त की दहलीज*
*वक्त की दहलीज*
Harminder Kaur
2887.*पूर्णिका*
2887.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
दूसरों की आलोचना
दूसरों की आलोचना
Dr.Rashmi Mishra
दर्पण
दर्पण
लक्ष्मी सिंह
सुबह और शाम मौसम के साथ हैं
सुबह और शाम मौसम के साथ हैं
Neeraj Agarwal
मानवीय कर्तव्य
मानवीय कर्तव्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसाँ...नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसाँ...नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है
अनिल कुमार
गाथा हिन्दी की
गाथा हिन्दी की
Tarun Singh Pawar
जीवन में ऐश्वर्य के,
जीवन में ऐश्वर्य के,
sushil sarna
और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं
और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पढ़ना सीखो, बेटी
पढ़ना सीखो, बेटी
Shekhar Chandra Mitra
धरती करें पुकार
धरती करें पुकार
नूरफातिमा खातून नूरी
"The Divine Encounter"
Manisha Manjari
गुलाबों का सौन्दर्य
गुलाबों का सौन्दर्य
Ritu Asooja
वो ख्वाब
वो ख्वाब
Mahender Singh
भागमभाग( हिंदी गजल)
भागमभाग( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
Kshma Urmila
नेता अफ़सर बाबुओं,
नेता अफ़सर बाबुओं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...