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18 Mar 2020 · 1 min read

चलना है मुश्किल

जमीं दलदली है के चलना है मुश्किल
गिरे तो समझ लो सँभलना है मुश्किल

छुपा लोगे सबसे मगर उस खुदा की
निगाहों से बचकर निकलना है मुश्किल

मुझे मंजिलों ने सहारा दिया है
मिरा रास्तों पर फिसलना है मुश्किल

बिना बर्फ के हैं सियासत के पर्वत
ये पत्थर हैं इनका पिघलना है मुश्किल

अँधेरों ने तूफाँ से कर ली मोहब्बत
च़रागों का रातों में जलना है मुश्किल

है ख़्वाहिश तुझे चाँद तारे भी ला दूँ
मगर इतना ऊँचा उछलना है मुश्किल

है आसान ये सारी दुनिया बदलना
मगर यार खुद को बदलना है मुश्किल

2 Likes · 331 Views
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