Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

महाकाल बन जाते हैं

आज समर्पित कविता भारत माँ की आँख के तारों को
जान निछावर करने वाले देश के पहरेदारों को

पहन के वर्दी तान के सीना जब ये शेर निकलते हैं
जंगल हो या पर्वत, नदियाँ हो बिंदास टहलते हैं

भारत माँ की जय सुनते ही तबियत खिलने लगती है
उच्च हिमालय के सीने की बर्फ पिघलने लगती है

आमजनों की रक्षा हित ये सदा ढाल बन जाते हैं
बारूदों की भस्म लगाकर महाकाल बन जाते हैं

सुन दहाड़ ठंडी वादी भी आग उगलने लगती है
कदमताल जब करते हैं ये धरती हिलने लगती है

टैंक भी इनकी क्रोध अग्नि में पल में राख हो जाता है
एक-एक दुश्मन की खातिर सवा लाख हो जाता है

बात आन पर आ जाए तो फिर हथियार उठाते हैं
दुश्मन के घर में घुसकर के उसको सबक सिखाते हैं

मातृभूमि के लिए जियाले हँस के जान दे देते हैं
कुर्बानी की बात चले तो शीश दान दे देते हैं

कोई भी आपदा पड़े अविलम्ब सामने आते हैं
बाढ़ हो या भूकम्प,सुनामी सबसे जा टकराते हैं

घर-परिवार की याद सताए तो भावुक हो जाते हैं
बर्फ की चादर ओढ़ के आँखें खोले ही सो जाते हैं

‘संजय’ देश के वीर जवानों का हरदम सम्मान करो
उनकी निष्ठा, देशभक्ति को बारम्बार प्रणाम करो

Language: Hindi
1 Like · 181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नए वर्ष की इस पावन बेला में
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3319.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3319.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
रिश्ते चंदन की तरह
रिश्ते चंदन की तरह
Shubham Pandey (S P)
करीब हो तुम किसी के भी,
करीब हो तुम किसी के भी,
manjula chauhan
Forget and Forgive Solve Many Problems
Forget and Forgive Solve Many Problems
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
Seema Verma
कहानी -
कहानी - "सच्चा भक्त"
Dr Tabassum Jahan
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
** पहचान से पहले **
** पहचान से पहले **
surenderpal vaidya
मुस्कानों पर दिल भला,
मुस्कानों पर दिल भला,
sushil sarna
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
Sarfaraz Ahmed Aasee
वो अनजाना शहर
वो अनजाना शहर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*महफिल में तन्हाई*
*महफिल में तन्हाई*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
महाराणा सांगा
महाराणा सांगा
Ajay Shekhavat
कहीं  पानी  ने  क़हर  ढाया......
कहीं पानी ने क़हर ढाया......
shabina. Naaz
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
जहां में
जहां में
SHAMA PARVEEN
अपनी मसरूफियत का करके बहाना ,
अपनी मसरूफियत का करके बहाना ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
उछल कूद खूब करता रहता हूं,
उछल कूद खूब करता रहता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संघर्ष
संघर्ष
Shyam Sundar Subramanian
आओ कृष्णा !
आओ कृष्णा !
Om Prakash Nautiyal
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Rashmi Sanjay
Loading...