Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

जहां में

जहां में मेरे बस तुम्हारी कमी है
सबब है यही,आंख में जो नमी है
जुदा हो के मुझसे कहां वह गया है
कहां उसको ढूंढू कहां वह ज़मीं है
शमा परवीन

Language: Hindi
1 Like · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
" पुराने साल की बिदाई "
DrLakshman Jha Parimal
दशमेश के ग्यारह वचन
दशमेश के ग्यारह वचन
Satish Srijan
पाश्चात्यता की होड़
पाश्चात्यता की होड़
Mukesh Kumar Sonkar
*प्यार या एहसान*
*प्यार या एहसान*
Harminder Kaur
इस दुनिया में दोस्त हीं एक ऐसा विकल्प है जिसका कोई विकल्प नह
इस दुनिया में दोस्त हीं एक ऐसा विकल्प है जिसका कोई विकल्प नह
Shweta Soni
"बदलते रसरंग"
Dr. Kishan tandon kranti
परिसर खेल का हो या दिल का,
परिसर खेल का हो या दिल का,
पूर्वार्थ
■ आज का खुलासा...!!
■ आज का खुलासा...!!
*प्रणय प्रभात*
हक़ीक़त है
हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
इस धरा पर अगर कोई चीज आपको रुचिकर नहीं लगता है,तो इसका सीधा
इस धरा पर अगर कोई चीज आपको रुचिकर नहीं लगता है,तो इसका सीधा
Paras Nath Jha
पत्थरवीर
पत्थरवीर
Shyam Sundar Subramanian
साजन तुम आ जाना...
साजन तुम आ जाना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
मोहमाया के जंजाल में फंसकर रह गया है इंसान
Rekha khichi
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
gurudeenverma198
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
Ye ayina tumhari khubsoorti nhi niharta,
Ye ayina tumhari khubsoorti nhi niharta,
Sakshi Tripathi
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
Shubham Pandey (S P)
चाँद
चाँद
Vandna Thakur
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
*तुम  हुए ना हमारे*
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
Anand Kumar
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
2865.*पूर्णिका*
2865.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वैविध्यपूर्ण भारत
वैविध्यपूर्ण भारत
ऋचा पाठक पंत
Loading...