हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
*करते हैं प्रभु भक्त पर, निज उपकार अनंत (कुंडलिया)*
बहती नदी का करिश्मा देखो,
💐प्रेम कौतुक-492💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दीवाने खाटू धाम के चले हैं दिल थाम के
'मौन का सन्देश'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बैठ अटारी ताकता, दूरी नभ की फाँद।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
आपस की गलतफहमियों को काटते चलो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"