Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

आँसू देने वाला कोई पराया होगा

फूलों से जब दामन को उलझाया होगा
काँटों ने तब अपना रंग दिखाया होगा

मंज़िल पर जाकर के ही जो ठहरे होंगे
उनको चलना वक़्त ने ही सिखलाया होगा

यादों ने दिल की कुण्डी खटकायी होगी
जब भी उसने कोई दीप जलाया होगा

छाई आँखों में ये अजब उदासी क्यों
शायद अपने ख्वाबों को बिखराया होगा

धीरे-धीरे मैने उसे भुलाया है
धीरे-धीरे उसने भी बिसराया होगा

जिसने दे दी खुशियाँ वो अपना है ‘संजय’
आँसू देने वाला कोई पराया होगा

1 Like · 204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
Shashi kala vyas
समय के झूले पर
समय के झूले पर
पूर्वार्थ
कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸
कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸
Mahima shukla
कुछ गम सुलगते है हमारे सीने में।
कुछ गम सुलगते है हमारे सीने में।
Taj Mohammad
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
शेखर सिंह
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पै
एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पै
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
ज़रूरत
ज़रूरत
सतीश तिवारी 'सरस'
23/184.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/184.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर इसका प्रभाव
वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
जीवन की गाड़ी
जीवन की गाड़ी
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कमीना विद्वान।
कमीना विद्वान।
Acharya Rama Nand Mandal
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
खूबसूरत जिंदगी में
खूबसूरत जिंदगी में
Harminder Kaur
SuNo...
SuNo...
Vishal babu (vishu)
You know ,
You know ,
Sakshi Tripathi
आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग...
आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग...
Nitesh Kumar Srivastava
बेटी
बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Image of Ranjeet Kumar Shukla
Image of Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
👌फार्मूला👌
👌फार्मूला👌
*Author प्रणय प्रभात*
कैसे प्रियवर मैं कहूँ,
कैसे प्रियवर मैं कहूँ,
sushil sarna
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कोरोना तेरा शुक्रिया
कोरोना तेरा शुक्रिया
Sandeep Pande
हुई बरसात टूटा इक पुराना, पेड़ था आख़िर
हुई बरसात टूटा इक पुराना, पेड़ था आख़िर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
Santosh Soni
हँस रहे थे कल तलक जो...
हँस रहे थे कल तलक जो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...