नववर्ष

हे नवल वर्ष तुम ले आना,
संसार के वो सुख सारे।
कर देना जीवन सफल,
सत्यपथ रहते हैं जो प्यारे।
जिसका मन हो कोमल,
और हृदय में हो मानवता।
कदम-कदम पर पाएं वो,
अद्भुत-असीम सफलता।
ईश्वर का आशीर्वाद मिले,
वो मन से कभी न हारे।
कर देना जीवन सफल,
सत्यपथ रहते हैं जो प्यारे।
सम्यक मन, सम्यक विचार,
जो करते सदा भलाई।
जीवन में उनके हो प्रकाश,
ना तम की हो परछाईं।
हो हर्ष भरा जीवन उनका,
सारे दुःख लगे किनारे।
कर देना जीवन सफल,
सत्यपथ रहते हैं जो प्यारे।
हृदय में स्नेह अपार भरा,
निश्छल मन हो जिनका।
करें मदद ईश्वर भी उनकी,
प्रतिपल बनकर तिनका।
अधरों पर मुस्कान हो अनुपम,
खुशियां अपनी वारे।
कर देना जीवन सफल,
सत्यपथ रहते हैं जो प्यारे।
कवयित्री
शालिनी राय ‘डिम्पल’
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश।