Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Feb 2024 · 1 min read

॰॰॰॰॰॰*बाबुल का अँगना*॰॰॰॰॰॰

बाबुल का अँगना छोड़,विवहा की डोर से बंध जाऊँ॥
🌹🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🌹
बाबुल का अँगना छोड़, एक नया आशिया बनाऊँ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, खुद की नयी दुनिया सजाऊँ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, सात वचनो को निभाऊँ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, दुल्हन बन साजन के घर को जाऊँ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, पिया के प्यार में रंग जाऊँ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, नये रिश्तों से जुड़ जाऊँ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, सभी रीति-रिवाजों को निभाऊँ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, साजन के अँगना को महकाऊँ
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, अपने वंश को आगे बड़ाऊ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, दिल में सबके अपनी एक नयी जगह बनाऊँ।।
🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹
बाबुल का अँगना छोड़, विवहा की रस्म से बँध जाऊँ
🌹🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🌹

रचनाकार -😇 डॉ० वैशाली ✍🏻

Loading...