Posts Poetry Writing Challenge 305 authors · 6200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 52 Next रामनारायण कौरव 6 Jun 2023 · 1 min read कितना नकली है आदमी काम नहीं कुछ करना,फिर भी नाम चाहता आदमी, प्रतिष्ठा बिन मेहनत के मिले,ये आज चाहता आदमी। इस चाहत के कारण खुद,नुकसान उठाता आदमी, पांव के नीचे भले जमीं न, आसमां... Poetry Writing Challenge 3 285 Share Chunnu Lal Gupta 6 Jun 2023 · 1 min read !! निरीह !! 'उदण्ड' को दण्ड कहां वह फांद ज़ाल को जाते हैं अक्सर निरीह पशु पक्षी पड़ गफ़लत में फंस जाते हैं शिकार,शिकारी के वश हो निष्प्राण देंह हो जाते हैं सिंह,सियार,लकड़बग्घे... Poetry Writing Challenge · Chunnu Lal Gupta कविता 1 693 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 6 Jun 2023 · 1 min read सत्य सत्य जब सामने आता है , सह नहीं पाते उसकी कड़वाहट। छिपाने की कोशिस करते हो, तुम व्यर्थ ही चिल्लाकर। मगर, नहीं जानते यह सत्य छिप नहीं सकता। शब्दों की... Poetry Writing Challenge · कविता 19 10 342 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 Jun 2023 · 1 min read खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे आते जाते हैं सुख दुख, जीवन भी है रेल रे खेल भावनाओं से खेलें, जीवन भी है खेल रे कभी हार और कभी जीत, होती रहती है खेल में नहीं... Poetry Writing Challenge · गीत 4 233 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 6 Jun 2023 · 1 min read प्रतीक्षा-पत्र साॅंझ का धुंधलका मन में उतर गया। वक्त के साथ -साथ सब कुछ बदल गया। पंगु होती जा रही बूढ़ी माँ की आस। कुंठाऍं घेर रही मन का आकाश। कजरारी... Poetry Writing Challenge · कविता 14 8 503 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 2 min read शीर्षक:अकेली कहाँ ११- आत्मीयता से भरी हाथों में प्रेम की प्रगाढ़ लकीरें मेरी नियति को मानों प्रदर्शित कर रहीं हों शब्द भी मानों आज निर्बंध से हो रहें हैं बोलने को न... Poetry Writing Challenge 3 410 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:निर्झर शब्दलहर १०- आँसुओं से निर्झर अश्रु श्रँखला निर्बाध बह चली मानों दोनो के मध्य संधि अनुबंध करार बना चली अविरल अश्रु धारा मानों तटीबन्ध तोड़ बस चली वो मन मे दबी... Poetry Writing Challenge 2 163 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:बिटिया क्यों मेरे घर आई ९- कब हो पाता हैं अभिमान पैदा होते ही चर्चा बिटिया आई नही आया वंश वर्द्धन हमारा मान तभी शुरू हुआ कानों में चर्चा आई क्यों बिटिया तुम मेरे घर... Poetry Writing Challenge 2 1 187 Share साहिल 6 Jun 2023 · 1 min read प्रकृति का दंड भीषण गर्मी , भीषण गर्मी लगती है बेरहमी, जीव जंतु और पादप सब इससे है आतप, और नही प्रचंड है ये प्रकृति का दंड है और कोई नही उपाय बस... Poetry Writing Challenge 536 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:फागुन की बयार ८- धुंध, कुहासा छट गया सूरज भी चादर ओढ़ चला शीत भी मानो रूठ गई ठिठुरन भी थोड़ी ठिठक गई सरसों पर पीले फूल खिले पेडों पर पत्ते फूट चले... Poetry Writing Challenge 2 303 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:एकाकार… ७- मन शांत लिए ही स्थिर सी आज बैठ गई थी मानों एकाग्रता में सोच पाऊँगी अपने को व अपने भविष्य को झांक पाऊँगी स्वयं में, अपने ठहराव को ठहराव... Poetry Writing Challenge 2 282 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:बतलाओ कौन ६- गुप्प अँधेरा…. अमावस का चाँद परछाईं लापता फिर बताओ सगा कौन..? छलकाती आँखे बेशुमार सपने नींद गायब फ़िर दिखाए कौन…? काँच का शीशा चेहरा एक मगर टूटे तो हुए... Poetry Writing Challenge 2 210 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:भाव हिलोर ५- मन में उठते भाव हिलोर शब्द रूप में दिए उकेर मनोभाव एक अंतहीन सी प्रकिर्या अथक,असीम,अदम्यता लिए बेचैनी सी आह्लादित करती हुई आज कागज पर शब्द मन की पीड़ा... Poetry Writing Challenge 2 206 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:प्रकल्प मेरा संकल्प मेरा ४- प्रकल्प मेरा संकल्प मेरा… लेखनी से शब्द रूप मै दे पाउँ… नव प्रभात नव संचार मिलेगा खुशियों का उपहार मिलेगा कलम में मेरी धार रहेगी नित नई रचना कर... Poetry Writing Challenge 2 273 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:खंड खंड अखंड ३- पत्थरों के गलियारे से निकलते हुए न जाने क्यों ध्यान आकर्षित हुआ पत्थरों को तराशकर कितना खूबसूरत आकार दे दिया गया मजदूर के हाथों ने उस ऊँची इमारतों से... Poetry Writing Challenge 2 177 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:अभ्युदय मिलन का २- डूबते सूरज को देख आज कितनी बार डूबी मैं तेरी यादों में कहीं एक आस सी लिए मन में सोचती रही कि अभ्युदय होगा पुनः सूरज की तरह ही... Poetry Writing Challenge 2 89 Share Dr Manju Saini 6 Jun 2023 · 1 min read शीर्षक:आखिर क्यों १- रेगिस्तान की भूमि पर सोच रही थीं मैं दूर दूर तक कोई रहने वाला नही था वहाँ पर्यटक आते व लौट जाते आखिर.. क्यों..? क्या रेत के टीले की... Poetry Writing Challenge 2 94 Share साहिल 6 Jun 2023 · 1 min read सूर्य देवता या पोषक सूर्य देवता हैं , या पोषक है ? ये अंधकार के अवशोषक हैं जल_जीवन _ हरियाली सब इनसे पोषित हैं नवजीवन देते हैं जो रोगों से ग्रसित हैं। आस्था का... Poetry Writing Challenge 1 79 Share Rajesh vyas 6 Jun 2023 · 1 min read आओ चलो चलते है ___ आओ चलो चलते है एक साथ में। कटेगा सफर भी बात बात में।। मिले न आनंद बेरुखी में कभी । खा लेंगे मिलेगा जो साथ साथ में।। (१) धरम जाति... Poetry Writing Challenge · गीत 1 155 Share Manu Vashistha 6 Jun 2023 · 1 min read गर्मी आई ✍️ मिष्ठी, एवं सभी बच्चों के लिए__ गर्मी आई,आंधी आई, उड़ रही है धूल। आ पहुंचे हैं फल रसीले, जो रखेंगे तुमको कूल।। 🍉🍇🍊🍋🍌🍍🍓🍒🍎🥝 लगता सेठ जी जैसा, हरा भरा... Poetry Writing Challenge 2 289 Share Niki pushkar 6 Jun 2023 · 1 min read "शेष" अतृप्ति, असन्तोष, उत्कंठा और अनन्त तलाश.... तलाश किसकी? नहीं ज्ञात अनवरत अज्ञात तलाश...। हर्ष,समृद्धि, प्रेम सब प्राप्य समस्त संवेगों से परिपूर्ण हृदय और प्रकृति के समस्त ऋणों से उऋण देह...।... Poetry Writing Challenge 3 4 179 Share ललकार भारद्वाज 6 Jun 2023 · 1 min read गद्दार गद्दारों को गद्दार कहेंगे, चाहे फिर वो कोई भी हो। हिन्दू हो या मुस्लिम हो, सिख इसाई कोई भी हो।। गद्दारों को गद्दार कहेंगे, चाहे फिर वो कोई भी हो।... Poetry Writing Challenge · कविता 2 4 201 Share ललकार भारद्वाज 6 Jun 2023 · 2 min read जगो हिन्द के शेरों जगो हिन्द के शेरों जागो, कब तक शीश कटाओगे। यूँही मरते जाओगे क्या, यूँही मरते जाओगे।। जगो हिन्द के प्यारो जागो, कब तक प्रीत निभाओगे। कायर ही बन जाओगे क्या,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 168 Share ललकार भारद्वाज 6 Jun 2023 · 1 min read बहुत जरूरी है दृढ़इच्छा और मजबूत इरादे, हिंदुत्व के लिए जरूरी हैं। खुली आँखों से सोतों का अब, जगना बहुत जरूरी हैं।। आर्यव्रत के आर्यों की अब, जय-जयकार जरूरी हैं। चिरनिंद्रा में सोये... Poetry Writing Challenge · कविता 338 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 6 Jun 2023 · 1 min read हाय रे ! मेरे बंजर सपने हार रे ! मेरे बंजर सपने // दिनेश एल० "जैहिंद" सुबहो शाम तारों के गुच्छों-से मन-मंदिर में लगे बनने,, लाखों में एक, सबसे हटकर, मेरे सपनों के क्या कहने,, हाय... Poetry Writing Challenge · गीत 2 89 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 6 Jun 2023 · 1 min read [[[[मेरा जीवन मेरे ख्वाब]]]] मेरा जीवन मेरे ख्वाब // दिनेश एल०" जैहिंद" अफसोस, रह गए मेरे ख़्वाब अधूरे ! दुखद ! मैं नहीं कर सका इनको पूरे !! बचपन में बालमन मचलकर रह गया... Poetry Writing Challenge · कविता 2 120 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 6 Jun 2023 · 1 min read सैनिक की कविता जब तक ये सीमाओं में सिहों का सिंहनाद रहेगा ! तब तक सरहद पे दुश्मन हमेशा यूं ही बर्बाद रहेगा ! जब तक हे मॉ भारती तेरा ऑचल आबाद रहेगा... Poetry Writing Challenge · कविता 6 4 340 Share Santosh Soni 6 Jun 2023 · 1 min read यादों का सफ़र... जीवन की शाम में मैं सवेरा तलाश रही थी यादों के आईने में छुपे लम्हें तलाश रही थी यादों के सफर में धूप खिली थी गुनगुनी और ठंडी बयार चली... Poetry Writing Challenge 2 2 274 Share डॉ नवीन जोशी 'नवल' 6 Jun 2023 · 1 min read जीवन का एक और बसंत मुक्तक -------- (१) पल-क्षण, दिवस, मास बहु बीते, वर्ष एक फिर बीत गया, खारे-मीठे अनुभव का भी, बजता नव संगीत गया। चलते चलते जीवन पथ पर, जब नैराश्य हराने आता,... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 3 438 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 6 Jun 2023 · 1 min read पूजा के बाद मंदिर में पूजा के बाद, ऑंचल फैला कर, किसी ने माॅंगी मनौती, किसी ने माॅंगा प्रसाद। मेरे भी हाथ कुछ उठे, सिर झुका नमन कर, ऑंख उठाकर देखा मैंने, कर... Poetry Writing Challenge 11 4 406 Share सतीश पाण्डेय 6 Jun 2023 · 1 min read मुश्किल से पैदा होते है दो चार इंसान मुश्किल से पैदा होते है दो चार इंसान , टिके रहते हैं बुराइयों के खिलाफ , मौका पाकर मन नहीं बदला करते , कहीं की सुनहरी सुबह या रंगीन शाम... Poetry Writing Challenge 3 184 Share Bodhisatva kastooriya 6 Jun 2023 · 1 min read वंदेमातरम अब आज निभाई है किसी ने,शौर्य सम्पदा की गाथा! अब हर भारतवंशी टेकेगा भारत मा के चरणो मे माथा!! हम सनातन संस्कँति के रखवाले क्यू यह अपमान सहे? चँदन-वंदन से... Poetry Writing Challenge 2 478 Share Bodhisatva kastooriya 6 Jun 2023 · 1 min read कुछ तेज हवाएं है, कुछ बर्फानी गलन! कुछ तेज हवाएं है, कुछ बर्फानी गलन! मँझधार में है नैया, दूर कहीं अपना है वतन !! जीवन नदिया में, तलीफों की लहरें हैं! हर रोज़ मिली जो पीडाओ की... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 1 280 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 6 Jun 2023 · 1 min read नव प्रभात आओ नव प्रभात! खिले-खिले पुष्प, ओस भीगे पात, कह रहे झूम - झूम आओ नव प्रभात! भक्ति में भीगे स्वर, पुलकित मृदुगात, शंख -ध्वनि कहती आओ नव प्रभात! मचल उठी... Poetry Writing Challenge · कविता 10 567 Share surenderpal vaidya 6 Jun 2023 · 1 min read पथ पर आगे ** गीतिका ** ~~ पथ पर आगे बढ़ते बढ़ते, आते बहुत उतार चढ़ाव। पड़ जाते पांवों में छाले, पीड़ा पहुँचाते हैं घाव। वृक्ष हमें देते रहते हैं, शीतल प्रियकर छाया... Poetry Writing Challenge · उद्बोधन · कविता · गीतिका 1 443 Share surenderpal vaidya 6 Jun 2023 · 1 min read प्रीति के प्रिय शब्द ** गीतिका ** ~~ क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें। प्रीति के प्रिय शब्द, मीठे बोल दें। हम करें नित प्यार, शिकवे छोड़ कर। भूल कर मतभेद, मिश्री घोल... Poetry Writing Challenge · कविता · गीतिका · प्रीति 1 246 Share Amrita Srivastava 6 Jun 2023 · 1 min read कहाँ हो तुम कहाँ हो तुम आज भी ये सवाल पूछ रहा हैं ये दिल ये आंखे ढूँढ रही है, आज भी तुम्हें तुम ना जाने कहाँ चले गए हो हम तो आज... Poetry Writing Challenge · कविता 253 Share Amrita Srivastava 6 Jun 2023 · 1 min read एक लड़का है एक लड़का है थोड़ा सा दीवाना थोड़ा पागल ऐसे प्यार तो बहुत करता है मुझ से पर जताना उसको नहीं आता एक लड़का है थोड़ा सा पागल थोड़ा दीवाना! दुनिया... Poetry Writing Challenge · कविता 2 4 197 Share सतीश पाण्डेय 6 Jun 2023 · 1 min read एक मुक्तक बातों से ही चल रहा पर्यावरण बचाब। सबका दृढ़ संकल्प हो तभी बचेगी नाव। तभी बचेगी नाव छोड़ के मिथ्याभाषण। रोक प्रकृति खिलबाड़ अन्यथा जग संहारण।। Poetry Writing Challenge 269 Share Amrita Srivastava 6 Jun 2023 · 1 min read क्या हो मेरे तुम क्या हो तुम मेरे लिए मैं नहीं जानती तेरे सिवा किसी और को नहीं दुआ में मांगती तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती तु बस गया है सीने मे मेरे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 192 Share ललकार भारद्वाज 6 Jun 2023 · 1 min read क्षीर सागर क्षीर सागर मे मची हैं, खलबली तुम देख लो। चल रहा हैं समुद्र मंथन, हो सके तो देख लो।। गद्दार बैठे सभी धर्मों मे, अब तो आँखे खोल लो। राष्ट्रवाद... Poetry Writing Challenge · कविता 295 Share ललकार भारद्वाज 6 Jun 2023 · 1 min read कोरोना और अज्ञातवास कर्फ्यू हटा हैं कहर नहीं, जीवन से अपने बैर नहीं। लड़ाई अभी ये शुरू नहीं, तोड़े नियम तो खैर नहीं।। यह ना सोचें मौत टली, मौत तो सर के पास... Poetry Writing Challenge · कविता 128 Share Manu Vashistha 6 Jun 2023 · 1 min read चींटी रानी चींटी रानी ___ चींटी रानी बड़ी सयानी मीठी चीजों की दीवानी है तो छोटी गुण बहुत है काम की धुन में रहे मगन है एक बार जो ठान लिया है... Poetry Writing Challenge 2 940 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 6 Jun 2023 · 1 min read शत् - शत् वन्दन माते! तेरा शत् -शत् वन्दन। तू ही जननी इस सृष्टि की, तू जाया ममता- दृष्टि की; तुझसे ही माॅं है यह जीवन, माते! तेरा शत् -शत् वन्दन। सबका आश्रय तेरा... Poetry Writing Challenge · कविता 8 489 Share Manu Vashistha 6 Jun 2023 · 1 min read मिष्ठी के लिए सलाद ✍️🥗🥗🥗🥗🥗🥗 मिष्ठी (बच्चों) के लिए, सलाद🥗 ___ पत्तागोभी के पत्तों पर🍃 बैठा गोलू लाल टमाटर🍅 मूली, गाजर हैं सहेली🥕 धनिया से मिर्ची यूं बोली🌶️🍀 खीरा, ककड़ी भी इठलाती🥒🥒 गर्मी को... Poetry Writing Challenge 2 479 Share rubichetanshukla 781 6 Jun 2023 · 1 min read #प्रेम# प्रेम में जाने क्या सिलसिले हो गए, हम तुम्हारे हुए तुम मेरे हो गए। कुछ पता न चला कैसे क्या हो गया, नींद भी खो गई चैन भी खो गया।।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 1 306 Share Manu Vashistha 6 Jun 2023 · 1 min read मिष्ठी रानी गई बाजार कविता _ मिष्ठी रानी गई बाजार वहां से मम्मा लाई सब्जी चार मिष्ठी चाहे पिज्जा और बर्गर उसको भाए पूरी अचार सब्जियों का दोस्त है आलू, नहीं बने संग जिमीकन्द,... Poetry Writing Challenge 1 511 Share Dr Parveen Thakur 6 Jun 2023 · 1 min read बेफिक्री की उम्र बचपन बेफिक्री की उम्र होती है बचपन, न पढ़ाई लिखाई का तनाव, और, न ही खान पान की बंदिश, न स्वास्थ्य की चिन्ता, और, न ही पूजा-पाठ का नियम। ............ बचपन... Poetry Writing Challenge · कविता 434 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 6 Jun 2023 · 1 min read गीतिका गीतिका-19 आधार छंद -गंगोदक (२१२x८) ००० *गंदगी से भरे क्यों हृदय संदली* ००० तोड़ने को अगर हाथ बढ़ते रहे, फूल बनकर खिलेगी न कोई कली । है सुरक्षित न कोई... Poetry Writing Challenge · गंगोदक छंद · गीतिका · बेटियां 230 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 6 Jun 2023 · 1 min read गीतिका गीतिका-18 ०००००० अब जलाना दीप होगा ०००००००००००००० जागना होगा हमें गुलशन बचाने के लिये । बिजलियाँ तैयार हैं इसको जलाने के लिये ।। ० भौक देते लोग खंजर पीठ में... Poetry Writing Challenge · गीतिका 2 173 Share Previous Page 52 Next