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6 Jun 2023 · 1 min read

शीर्षक:भाव हिलोर

५-
मन में उठते भाव हिलोर
शब्द रूप में दिए उकेर
मनोभाव एक अंतहीन सी प्रकिर्या
अथक,असीम,अदम्यता लिए
बेचैनी सी आह्लादित करती हुई
आज कागज पर शब्द मन की पीड़ा लिए
मन में उठते भाव हिलोर
शब्द रूप में दिए उकेर
जीवन में उतार चढ़ाव सभी शब्द रूप लिए
जीवन में आशा भरी चाहत लिए
इस जीवन की दुर्गम यात्रा पर निकले हुए
मैं चली सभी के समक्ष अपनी लेखनी लिए
मन में उठते भाव हिलोर
शब्द रूप में दिए उकेर
जिज्ञासाओ को अंतहीन सा देख रही हूँ
शरीर यात्रा में मानो भटकन ही भटकन हो
क्यों सम्भाल नही पा रहीं हूँ
क्या लिख पाऊँगी शब्दो में ताकि भाव भटकन हो
मन में उठते भाव हिलोर
शब्द रूप में दिए उकेर
साहस को साथ लिखकर शब्दों में जीवंतता
यही होगी मेरी अपने लिए एक सजगता
मेरे शब्द में ही जीवित रहेगी कौतूहलता
यहीं होगी मेरे शब्दों में जीवन की आस्था
मन में उठते भाव हिलोर
शब्द रूप में दिए उकेर
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 166 Views
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