अपने मन के भावों को कागज पर उकेर कर शब्दों में पिरोकर जो रूप सामने आया वही काव्य मंजूषा के रूप में हमारे सामने है। यह अच्छे भाव से लिखा... Read more
अपने मन के भावों को कागज पर उकेर कर शब्दों में पिरोकर जो रूप सामने आया वही काव्य मंजूषा के रूप में हमारे सामने है। यह अच्छे भाव से लिखा गया एक सुन्दर काव्य संग्रह है।
डाॅ. मंजू सैनी का काव्य लेखन के क्षेत्र में ये प्रथम प्रयास है जो बहुत ही सराहनीय है। माँ के चले जाने के बाद बहुत ही आहत हूई मंजू ने अपने भावों को शब्दों में व्यक्त किया है। इनका ये प्रयास आत्मबल को संबल देने वाला है।