Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

हाय रे ! मेरे बंजर सपने

हार रे ! मेरे बंजर सपने
// दिनेश एल० “जैहिंद”

सुबहो शाम तारों के गुच्छों-से मन-मंदिर में लगे बनने,,
लाखों में एक, सबसे हटकर, मेरे सपनों के क्या कहने,,
हाय रे ! मेरे बंजर सपने !

अक़्ल की उपज से मन की मनमौजी-सी
उड़ानें बन !!
रफ़्ता-रफ़्ता बन गए मेरी ज़िंदगी की साँसें व घड़कन !!
अब मन में घर कर मन में वही सपने लगे सजने-पलने…..
हाय रे ! मेरे बंजर सपने !

क्या-क्या जतन नहीं किए क्या-क्या यतन
नहीं किया,,
सतरंगी सपने को इस रब ने बेवक्त वीरान
बना दिया,,
नैनों में धुआँ बनकर, होंठों पर लगे मायूसी-से तैरने…..
हाय रे ! मेरे बंजर सपने !

किसी से सुना था किसी ने कहा था सपने होते पूरे !!
आँखें हैं अब गिलीं, मन रूआँसू, मेरे सपने रहे अधूरे !!
दिन में देखे, हुए नहीं अपने, हसीन सपने वो रंगीन सपने…..
हाय रे ! मेरे बंजर सपने !

बंजर सपने लाते अवसाद, देते कोमल मन
को ग्लानि !!
टूट जाते मन, छूट जाते तन, रिश्तों में भी
आती हानि !!
हर चीज़ खलने लगती, लगते हैं नाते-रिश्ते बिगड़ने…..
हाय रे ! मेरे बंजर सपने !

=============
दिनेश एल०” जैहिंद”
10/06/2020

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
वो परिंदा, है कर रहा देखो
वो परिंदा, है कर रहा देखो
Shweta Soni
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
सुनो रे सुनो तुम यह मतदाताओं
gurudeenverma198
जाते-जाते गुस्सा करके,
जाते-जाते गुस्सा करके,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
अंधभक्तो अगर सत्य ही हिंदुत्व ख़तरे में होता
शेखर सिंह
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
औरतें
औरतें
Kanchan Khanna
23/99.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/99.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विषम परिस्थितियों से डरना नहीं,
विषम परिस्थितियों से डरना नहीं,
Trishika S Dhara
गूँज उठा सर्व ब्रह्माण्ड में वंदेमातरम का नारा।
गूँज उठा सर्व ब्रह्माण्ड में वंदेमातरम का नारा।
Neelam Sharma
रिहाई - ग़ज़ल
रिहाई - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
अंसार एटवी
घर के किसी कोने में
घर के किसी कोने में
आकांक्षा राय
**विकास**
**विकास**
Awadhesh Kumar Singh
"A Dance of Desires"
Manisha Manjari
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
श्याम सिंह बिष्ट
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
Anand Kumar
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
Subhash Singhai
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
sushil sarna
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
शिक्षक (कुंडलिया )
शिक्षक (कुंडलिया )
Ravi Prakash
"असफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
गाछ (लोकमैथिली हाइकु)
गाछ (लोकमैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
' पंकज उधास '
' पंकज उधास '
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Yado par kbhi kaha pahra hota h.
Yado par kbhi kaha pahra hota h.
Sakshi Tripathi
त्याग
त्याग
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
कितनी आवाज़ दी
कितनी आवाज़ दी
Dr fauzia Naseem shad
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
Loading...