Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

कुछ तेज हवाएं है, कुछ बर्फानी गलन!

कुछ तेज हवाएं है, कुछ बर्फानी गलन!
मँझधार में है नैया, दूर कहीं अपना है वतन !!
जीवन नदिया में, तलीफों की लहरें हैं!
हर रोज़ मिली जो पीडाओ की नहरें है!!
क्या सोच के निकला था भूल गया अपनी वो लगन?
कुछ तेज हवाएं….!!
असफलताओं की भंवरों से, जाने क्यों डरता हूं?
आशाओं की पतवारों से, फिर आगे बढ़ता हूं!
जो पार निकल बैठे, उनसे अब कैसी हो जलन?
कुछ तेज हवाएं हैं…!!
असफ़लताओं की भँवरों में, लाखों ने जान गँवाई!
पार पहुचने वालों ने,केवल अपनी धाक जमाई!!
मंज़िल की ख़ुशी में भूल गए ,अपनी वो थकन!
कुछ तेज़ हवाए है, कुछ बर्फानी गलन!!

मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरछित
बोधिसत्व कस्तूरिया,एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202,नीरव निकुज,फेस-2 सिकंदरा,आगरा-282007

Language: Hindi
1 Like · 231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bodhisatva kastooriya
View all
You may also like:
तुम सम्भलकर चलो
तुम सम्भलकर चलो
gurudeenverma198
*धूप में रक्त मेरा*
*धूप में रक्त मेरा*
Suryakant Dwivedi
2324.पूर्णिका
2324.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
फितरत
फितरत
Awadhesh Kumar Singh
रिश्ते
रिश्ते
Punam Pande
"New year की बधाई "
Yogendra Chaturwedi
अनकही दोस्ती
अनकही दोस्ती
राजेश बन्छोर
जिंदगी में.....
जिंदगी में.....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तो मेरा नाम नही//
तो मेरा नाम नही//
गुप्तरत्न
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
■ बच कर रहिएगा
■ बच कर रहिएगा
*Author प्रणय प्रभात*
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Mahmood Alam
कभी-कभी
कभी-कभी
Sûrëkhâ Rãthí
नारी जगत आधार....
नारी जगत आधार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ना जाने क्यों तुम,
ना जाने क्यों तुम,
Dr. Man Mohan Krishna
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
Dimpal Khari
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sakshi Tripathi
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
कवि दीपक बवेजा
"दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
नितिन पंडित
ज़िंदगी का नशा
ज़िंदगी का नशा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
ruby kumari
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
Ravi Prakash
आंखे मोहब्बत की पहली संकेत देती है जबकि मुस्कुराहट दूसरी और
आंखे मोहब्बत की पहली संकेत देती है जबकि मुस्कुराहट दूसरी और
Rj Anand Prajapati
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
sushil sarna
Loading...