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जो जलकर बुझती नहीं कभी
जो ज्योति लुटाती जीवन भर
जो अतृप्ति में तृप्ति खोजती
कहते हैं उसे निकी पुष्कर।।

7 Jun 2023 09:39 AM

इस विनीत सराहना से अभिभूत हूँ
आदरणीय।आपका हार्दिक आभार सर🙏💐

6 Jun 2023 02:30 PM

अति उत्तम कविता।

7 Jun 2023 12:16 AM

हृदयतल से आभार गौतम जी🙏💐

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