Arun Prasad 516 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read मैं स्त्री हूँ ----------------------------------------------------- मैं स्त्री हूँ। मुझे पाकीज़गी से देखिये। शयनकक्ष में पराजित औरत की तरह नहीं। मुझे पवित्रता के साथ कीजिये नमन। मैं हूँ लक्ष्मी,सरस्वती,दुर्गा की प्रतिनिधि नार। हर युग में... Hindi · कविता 2 1 219 Share Arun Prasad 18 Oct 2022 · 1 min read गजल_कौन अब इस जमीन पर खून से लिखेगा गजल कौन अब इस जमीन पर खून से लिखेगा गजल। वह गया कलम छोड़ रोटी की दौड़ में निकल। जितनी उगती है कंटीली झाड़ियाँ उगने दो यहाँ। सूरज को गलबाँही दिए... Hindi 2 266 Share Arun Prasad 6 Sep 2021 · 2 min read ईश्वर की खोज ‘मेरा सुख सौंदर्य में है। क्योंकि मेरी क्षुधा सौंदर्यशालिनी है।‘ मैंने बार-बार वाक्य के इस अतुलनीय अंश को स्वयं को सुनाया और विस्मृत न किए जाने की चेतावनी दी। इतना... Hindi · लेख 1 258 Share Arun Prasad 7 Sep 2021 · 2 min read व्यक्त करने हैं व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 1 225 Share Arun Prasad 7 Sep 2021 · 1 min read युद्ध शांति के लिए। इतिहास का युद्ध। शांति हताश। रक्त में डूबा। युद्ध का इतिहास। दर्प जिंदा है। प्राण का नहीं। युद्ध कल्याण का हो। जियो,जीने दो। शांति के लिए। युद्ध... Hindi · हाइकु 1 201 Share Arun Prasad 8 Sep 2021 · 1 min read हे, कृष्ण --------------------------------------------------------- हे कृष्ण,तुम्हारे ग्रन्थों ने तुझे चाणक्य बना दिया। जीवन में आदमी से ईश्वर का मानक बना दिया। गौ-चरवाहे से चतुर्भुज विष्णु का अवतार बनकर। मानव-धर्म को धरती पर तूने... Hindi · कविता 1 2 186 Share Arun Prasad 9 Sep 2021 · 1 min read चाँद के ओठ पे मुहब्बत का इतिहास अपने प्यार के हर किस्से को करें खास चलें। और इस श्वेत चाँदनी में बैठें हम गुनाह करें। हर हुस्न के आतिश को लगा दिया आतिश आज चाँद चूमें चलो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 331 Share Arun Prasad 9 Sep 2021 · 1 min read बहुत दुःखित है दुनिया दुःख कोई कम कर देता बहुत दुःखित है दुनिया दुःख कोई कम कर देता। इस युग के समुद्र–मंथन का विष कोई पाी लेता। सेंक रहा है किन्तु‚ वह कैलाश के हिम में देह। वह होता... Hindi · कविता 1 189 Share Arun Prasad 10 Sep 2021 · 10 min read प्रादुर्भाव सृष्टि का प्रादुर्भाव सृष्टि का --------------आदि का अंत,अंत का होना तथा नवीन ------------------------------------------------------------------------------------ निविड़ तम व प्रकाश प्रतिद्वन्दि कहीं क्या था द्वंद का अंत! कुक्षि में इनके जाने कौन मौन सा पड़ा... Hindi · कविता 1 484 Share Arun Prasad 25 Sep 2021 · 2 min read क्यों! रणातुर रहा -------------------------------------------------------------- जिन्दगी मुझसे और मैं जिन्दगी से लड़ने को सज्ज था। सारा विश्व मुझे पराजित होता देखता खड़ा निर्लज्ज था। व्यक्ति मैं अकेला समूह के विरुद्ध सिर्फ रण का प्रण... Hindi · कविता 1 200 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read मेरा गुरु ******************************************* मेरी चेतना जब कण से बना पर्वत तब पर्वत पिघलकर बना मेरा गुरु। मैं हुआ शुरू। सूरज के प्रकाश में भागना है और कि कैसा और क्या होता है... Hindi · कविता 1 303 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 2 min read करो विद्रोह भीषण गर्भ धरती का न सोने दो करो विद्रोह भीषण गर्भ धरती का न सोने दो। कफन को छीन लो इससे तथा नभ को न रोने दो। उठेगा बुलबुला सागर का छाती और उबलेगा। इसे अन्त्ज्य होने... Hindi · कविता 1 327 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read सरहद से आती आवाज -------------------------------------------------- मत हो उदास मेरे भाई,मत भर कोरों में पानी। लहू में उत्ताल तरँगें, नस में है अमिट जवानी। सिर लाल कफन से बाँधा,सीमा पर दागा गोली। मैं हुआ शहीद... Hindi · कविता 1 186 Share Arun Prasad 30 Sep 2021 · 2 min read आदत है हमें गरीबी की ---------------------------- आदत है हमें गरीबी की। जाड़ों में पानी और गर्मियों में,धूप ओढ़ने की। बरसात के दिनों में चुतिया सा चूते छत में भींगने की। तमाम अमीरी को नपुंसक गालियों... Hindi · कविता 1 179 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read चाँद के ओठ पे मुहब्बत का इतिहास चाँद के ओठ पे मुहब्बत का इतिहास हर हुस्न के आतिश को लगा दिया आतिश। आज चाँद चूमें चलो चाँदनी के पास चलें। इस चाँद के माथे पे लिखें सारे... Hindi · गीत 1 193 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read दुश्मन दुश्मन मित्र से बड़ा कौन होगा? मेरे राह में बनके रोड़ा सिवा इसके खड़ा कौन होगा? मेरे मिशन से मुझे स्खलित करने हेतु अपने आप से लड़ा कौन होगा? गुलेल... Hindi · कविता 1 182 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read शेर शराब की करामात जितनी लगाई आग लगाई शराब ने। वर्ना तो‚ हाँ ही कहा था शबाब ने। 'किताब' युद्ध से गहरी यहाँ थी शान्ति हर वक्त ही। बस घृणा की... Hindi · शेर 1 186 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read आग्रह बरगद से उष्ण आदित्य के तीक्ष्ण ताप में बिलबिलाते हुए समुद्र से मत कहो कि बड़ा शीतल है तुम्हारा छाँव। कर्मयोगी का योग न करो भंग। शुष्क पवन के तेज प्यास में... Hindi · कविता 1 2 161 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारे लिए रात पीयूष वर्षा हुई देर तक। चाँद पूनम का ठहरा रहा देर तक। तुम्हारे लिए बस तुम्हारे लिए। कन्दरा का अँधेरा क्यों रास आ गया? और अँधा सबेरा क्यों रास... Hindi · कविता 1 2 157 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read जीने के पूर्व मैंने पुस्तक पढ़ा‚ पुस्तक पढ़कर जिन्दगी जीना चाहा। कोई स्द्धिान्त‚कोई आदर्श अपनाना चाहा। जैसा लिखा वैसा जीना चाहा। सारा कुछ साबित हुआ सिर्फ शब्द या अक्षर। सारे अर्थ बदले हुए।... Hindi · कविता 1 2 174 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 3 min read लड़की होना जन्म के साथ ही सिलसिला दुव्र्यवहार का हो जाता है शुरू। पहले तो आत्मा कुंठित करने का होता है अभ्यास। फिर उघारा जाता है देह में मेरे लड़की का श्वास–प्रश्वास।... Hindi · कविता 1 1 386 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read मजदूर दिवस कुछ रैलियाँ‚कुछ विचार गोष्ठियाँ‚सभाएँ की जाएँगी जगह – जगह। ‘दुनिया के मजदूर एक हो’ के नारे से आकाश गुँजाये जायेंगे‚ जगह – जगह। आक्रोश शब्दों में भरकर लोगों में बाँटे... Hindi · कविता 1 1 181 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read फगुआ आई है फगुनमा आई फगुआ रे सखि। कोई करे बरजोरी आई फगुआ रे सखि। सैयां मिले तो खूब नहीं तो यार धरे मोरी बैयां। बड मुंहजोरी यह यौवनमा पकडूं मैं... Hindi · गीत 1 1 728 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read आरोप ब्रह्मत्व का तराशे बेढँगे पत्थर। मुक्ता‚ मणि और मोती के हिंडोले पर। संगमरमरी‚ खुशबूदार देव मन्दिरों में। रात की ठिठुर गयी ठंड काँपती‚सिसकती बयार। और मन्दिर के भिड़े किवाड़ों से सटा एक... Hindi · कविता 1 1 169 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read उड़ना टूटे हुए पंख और उड़ने का काम। मारकर पत्थर गिराया है खगों को इसीलिए उसने तमाम। ----------------------------- Hindi · कविता 1 255 Share Arun Prasad 7 Oct 2021 · 1 min read नव–वर्ष नूतन ज्योति जले जग में। जीवन‚यौवन में औ' मग में। नद की बहती कल–कल धारा। धो कलुष पोंछ रज कण सारा। सन्देश भरे‚नव गति भरे। उद्देश्य भरे‚हर यति हरे। हो... Hindi · कविता 1 412 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 2 min read राजनीति: अनेक संदर्भ ---------------------------------------------------------- धार्मिक। हिम के शिखर से उतार कर। चट्टानों से चोट खिलाकर। औषधयुक्त पवित्र जल गंगा का सुदूर हरिद्वार से और काशी से स्वर्ण-कलश में,चढ़ाकर कंधे पर। मँगवा लिया देवघर,... Hindi · कविता 1 368 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 2 min read “नारी तुम केवल श्रद्धा हो” ***************************** खोजा, तुम्हारे देह में सौन्दर्य ही जाता रहा है. नासिका में नाद ओठों पर मधुर मुस्कान कोमल. ग्रीवा में सुराहीदार गर्दन. कंठ में सातों सुरों की वेधशाला. कपोलों पर... Hindi · कविता 1 653 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read जग का पागलपन ----------------------------------------------------------- लोगो देखो जग का कोना पागल जैसा हँसना-रोना। विज्ञानों को चीर-फाड़ कर हथियारों का जंगल बोना। मानव लड़ते मानव ही से गिद्धों सा नोचे वे तन,मन। दौड़े आते रण... Hindi · कविता 1 1 489 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read चलो साथ मेरे मंजिल तलाशें ( अरुण कुमार प्रसाद) ------------------------------------- उठाओ यहाँ से ये बिस्तर ऐ राही। चलो साथ मेरे मंजिल तलाशें। यहाँ धूप फैला, कहीं छांव होगी; इस स्रष्टा के सारे समुंदर तलाशें। तुम्हें... Hindi · कविता 1 256 Share Arun Prasad 20 Oct 2021 · 1 min read देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती - -----------------------अरुण कुमार प्रसाद देवकी, तुम माँ नहीं हो सकती। नहीं हो सकती तुम माँ,यशोदा की अपेक्षा। हाँ,तुम माँ हो, क्योंकि,तुमने किया प्रवृत वसुदेव को। विचार किया और संतान की,की रक्षा।... Hindi · कविता 1 1 231 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read शिव तेरा अभिनंदन ------------------------------------------------------- तेरी गूँथी जटाओं का अभिनंदन। जिसमें हिमनद है खोई, बहती गंगा की धारा जिसमें, उन्हीं जटाओं का करता अभिवादन। हे शिव तेरा अभिनंदन। लिपटी हुई भुजंगों जैसी सिमटी हुई... Hindi · कविता 1 1 400 Share Arun Prasad 26 Oct 2021 · 1 min read देवी वन्दना ------------------------------------------------------------------- हे देवी, पृथ्वी के हर कण में तुम मातृ-रूप में हो स्थित। हम पुत्र-रूप में तुम्हें नमन कर, होते धन्य सदा ही रहें।। हे देवी, तेरा पूजन-अर्जन, साध्य हमारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 485 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 2 min read मरना सूर्य का ---------------------------------------------- मरना सूर्य का तय है। सम्पूर्ण जो दिखता है,होना क्षय है। सत्य केवल समय है। विस्तार का सिकुड़ना और विंदु का फैलना ही शाश्वत ब्रह्म है। ब्रह्म है आत्मलीन।... Hindi · कविता 1 1 166 Share Arun Prasad 1 Nov 2021 · 2 min read मेरा जो रुदन,तुम्हारा हास -------------------------------------------------------- कोई तो इतिहास बनाकर हाथों में हथियार। युद्ध करने होते हैं तैयार । ऐसे हथियारों को लेकर कैसे वे रण में हैं निकल पड़े। उन इतिहासों में जो अहंकार... Hindi · कविता 1 224 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 2 min read ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये --------------------------------- ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये । क्या कहूँ कैसे हैं हमने ये दिन जिये। शाम कुचला हुआ भोर निढाल सा। रात्रि स्वपन में दिन ये बेहाल सा।... Hindi · कविता 1 259 Share Arun Prasad 4 Sep 2021 · 1 min read people pushed to the lower notch We are the people pushed to the lower notch. Hunger is a tragedy before us. Feudalists, You present hunger to yourself Like a festival. Damn the governances! English · Poem 1 286 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आदमी रोज मरता है --------------------------------------------- आदमी रोज मिलता है। पागलपन की हद तक भागता दौड़ता। कोई बात नहीं होती। पर,जानता हूँ,काहे की जल्दी है। शाम की रोटी तवे पर कुरकुरा सिके। आदमी रोज दिखता है।... Hindi 1 1 112 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 2 min read आदत है हमें गरीबी की ---------------------------- आदत है हमें गरीबी की। जाड़ों में पानी और गर्मियों में,धूप ओढ़ने की। बरसात के दिनों में चुतिया सा चूते छत में भींगने की। तमाम अमीरी को नपुंसक गालियों से... Hindi 1 1 68 Share Arun Prasad 28 Apr 2022 · 1 min read पिता के लिए ------------------------------------- पिता की छाया होती है। पिता का कंधा होता है। पिता का हौसला होता है। पिता की डांट होती है। पिता का क्रोध होता है। पिता की शिक्षा होती... Hindi · कविता 429 Share Arun Prasad 14 Jul 2022 · 3 min read Autobiography of riots ------------------------- With the creation I was not born. God is not my father. Man started to become civilized Then I started taking the form of seed. When the man's culture... English 162 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आपके पास बचा रहता है सर्वदा, मृत्यु ---------------------------------------------------------- आपके पास बचा रहता है सर्वदा, मृत्यु। खो चुके होते हैं आप जिंदगी । मृत्यु जिसे आप जी नहीं पाते,रोते हैं सिर्फ। जिन्दगी आपको देता है पश्चाताप और अनवरत... Hindi 80 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आप और हम आप प्रभु हैं दास हूँ मैं। आप खुश उदास हूँ मैं। आप दाता दरिद्र हूँ मैं। आप भरे-भरे छिद्र हूँ मैं। आप रौद्र भयभीत हूँ मैं। आप क्रोध विनीत हूँ... Hindi 67 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आदमी ----------------------------------------------------- आदमी,तुम्हें सारे भूले पल याद आ जाते हैं आदमी होने के और जानवर होने के भी। राज की बात भी और रोज़मर्रा की भी। याद आ जाते हैं खुशनुमा... Hindi 107 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आदमी का शहर रहने दो इसे ------------ आदमी का शहर रहने दो इसे न बनाओ मंदिरों का शहर। दु:ख,दर्द,व्यथा बेबाक कहने दो यहाँ न बनाओ प्रार्थनाओं का नगर। अट्टालिकाओं से सजे पथों पर फुटपाथ भी रहने दो... Hindi 76 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आजादी एक और ---- सारे शब्द जो कैद थे किसी एक मुट्ठी में हो गया है बंधन मुक्त। सहला सके और देख सके भर नजर एकबार फिर। भिगो सके इसका सम्पूर्ण बदन चुंबनों... Hindi 100 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आज मैं गाँव से लौटा हूँ ------ आज मैं गाँव से लौटा हूँ। मन में गहन पीड़ा लिए बैठा हूँ। सारे रिश्ते सम्बोधन तक हो गए हैं सीमित। नाते भी मिले अत्यंत क्षोभित व दु:खित। ‘सब जोगिया... Hindi 68 Share Arun Prasad 4 Sep 2022 · 1 min read अभिलाषा नहीं चाहती सुरबाला सी इठलाना तुमको ललचाना। नहीं चाहती प्रेमी बनकर देह तुम्हारा,पौरुष पाना। वांछित बनना, उत्स तुम्हारा बन आलोक तेरे पथ जलना। मातृभूमि की गरिमा कहने हे कवि,मरकर,पुन: जनमना।... Hindi 72 Share Arun Prasad 4 Sep 2022 · 2 min read पहाड़ सा स्वपन आज मैं लौटना चाहता हूँ। अपने सपने के पहाड़ से नीचे। किन्तु, खाई वही है और वहीं है। डर लगता है- भूख वहीं टिका हुआ देखता है,आसमान। दुर्भिक्ष हर वर्ष... Hindi 144 Share Arun Prasad 4 Sep 2022 · 1 min read आओ सूर्य तुम्हारा हम स्वागत करें आओ सूर्य तुम्हारा हम स्वागत करें। तुम मेरे अस्तित्व को अपना कण दिया करो। हम अभी लुहार की भट्टी में तप रहे हैं। निहाई पर फिर पीटे जाएंगे। मुझे आदमी... Hindi 170 Share Page 1 Next